किसानों की आत्महत्या पर सदन में तीखी नोंकझोंक…..मुख्यमंत्री बोले- हमने देखा है कि सांत्वना देने के लिए जाने पर कैसे आपराधिक मामला दर्ज हो जाता था…….काफी देर की बहस के बाद विपक्ष ने किया वाकआउट

Update: 2021-02-26 01:02 GMT

रायपुर 26 फरवरी 2021। विधानसभा में आज किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर भी सदन खूब गरमाया। तीखी नोंक-झोंक और शोर-शराबे के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल पूछा था, जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि अप्रैल 2020 से लेकर 1 फरवरी तक 2021 तक यानी 11 महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की है।

आंकड़ों को सुनकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस प्रदेश की रीढ़ की हड्डी किसानों को कहा जाता है, वहां इतनी बड़ी संख्या में किसानों की आत्महत्या हो जाती है और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक पटवारी को सस्पेंड किया जाता है, ये कहां तक उचित है। धरमलाल कौशिक ने इस तंज पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने ये भी देखा है कि आपके कार्यकाल में हम जब किसानों के घर सहानुभूति देने पहुंचे थे, हमारे उपर केस दर्ज करा दिया गया था।

मुख्यमंत्री की बात सुनकर विपक्ष ने कहा कि किसानों की प्रदेश में कोई सुध नहीं ले रहा है, यहां तक कि कोई नेता या मंत्री किसानों के घर जाकर उन्हें सांत्वना भी नहीं दे रहा है। सवाल-जवाब के बीच काफी देर तक नोंकझोंक होती रही। जिसके बाद विपक्ष ने नाराज होकर सदन से वाकआउट कर दिया।

 

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