Vishnudeo Cabinet: विष्णुदेव कैबिनेट ने भारतमाला परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का रास्ता किया क्लोज, ग्रामीण इलाकों की रजिस्ट्री अब फुट में नहीं...
Vishnudeo Cabinet: विष्णुदेव साय कैबिनेट का भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा फैसला होगा। कैबिनेट ने जमीनों के अधिग्रहण में टुकड़ों का खेल खतम कर दिया है। पिछले एक दशक में जमीन के टुकड़ों के इस खेल में कम-से-कम 10 हजार करोड़ का खेल हुआ है। अभनपुर भारतमाला घोटाला, अरपा भैंसाझाड़ नहर, लारा एनटीपीसी, बजरमुंडा घोटाले में अधिकारियों और भूमाफियाओं ने मिलकर सरकारी खजाने को जमकर लूटा। दरअसल, छोटे टुकड़ों का मुआवजा हेक्टेयर की तुलना में आठ गुना ज्यादा होता है। इसलिए छत्तीसगढ़ में किसी परियोजना के आने के पहले नेता, अधिकारी और भूमाफिया हेक्टेयर में जमीनों को खरीदकर उसे टुकड़े कर देते थे। इससे लाखों की कीमत करोड़ों की हो जाती थी। बहरहाल, नीचे पढ़िये विष्णुदेव कैबिनेट ने जमीनों के खेल को रोकने क्या प्रावधान किया है।
Vishnudeo Cabinet: रायपुर। विष्णुदेव कैबिनेट ने आज एक अहम फैसला लेते हुए जमीनों के अधिग्रहण में टुकड़ों का खेल पर हमेशा के लिए विराम लगा दिया। छत्तीसगढ़ में भारतमाला से लेकर अरपा-भैंसाझाड़, बजरमुडा जैसे तमाम घोटालों की अब पुनरावृत्ति अब नहीं होगी। क्योंकि, कैबिनेट ने इसका रास्ता ही अब बंद कर दिया है।
कैबिनेट ने आज पंजीयन विभाग के उस प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया, जिसमें ग्रामीण या कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्ग मीटर के भूखंड की दर को समाप्त करने का प्रावधान था। कैबिनेट ने उसे हरी झंडी दे दी।
कैबिनेट के प्र्रेस नोट में बताया गया है...कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया, जिसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।
कैबिनेट में गूंजा भारतमाला
पंजीयन विभाग के इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कैबिनेट में अभनपुर मुआवजा घोटाला और अरपा-भैंसाझाड़ मुआवजा घोटाला का भी जिक्र हुआ। मंत्रियों को बताया गया कि इस फैसले से अब प्रदेश में इस तरह के घोटालों का रास्ता बंद हो जाएगा।
10 हजार करोड़ का घोटाला
छत्तीसगढ़ में लारा एनटीपीसी, अरपा-भैंसाझाड़ केनाल और राज्य बिजली कंपनी की बजरमुंडा जमीन अधिग्रहण में करोड़ों रुपए मुआवजा का खेल किया ही गया, जिन-जिन जिलों से भारतमाला परियोजना की सड़कें गुजरी, वहां जमीनों के टुकड़े करने का काम जमकर हुआ। दुर्ग, राजनांदगांव से लेकर रायपुर, धमतरी, कोरबा, बिलासपुर तरफ छोटे टुकडों के नाम पर करोड़ों, अरबों का वारा-न्यारा किया गया। एक मोटे अनुमान के तहत प्रदेश में पिछले एक दशक में करीब 10 हजार करोड़ से अधिक का खेल हुआ है।
दो मामलों की ईओडब्लू जांच
लारा एनटीपीसी जमीन मुआवजा घोटाला 2014 में हुआ था। कलेक्टर की जांच के बाद इसकी सीबीआई जांच हुई थी। इसके बाद विष्णुदेव साय सरकार अभनपुर भारतमाला और अरपा-भैंसाझाड़़ नहर मुआवजा घोटाले की जांच ईओडब्लू से करा रही है। इन दोनों मामलों में राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं।
फैसले का असर
विष्णुदेव कैबिनेट के इस फैसले का असर यह होगा कि नेशनल हार्ववे अथॉरिटी और राज्य सरकार का करोड़ों रुपिया करप्शन में जाने से बचेगा। अभी नेताओं, अधिकारियों और भूमाफियाओं को जैसे ही पता चलता था कि फलां जगह से फोर लेन निकलने वाला है या फलां जगह पर जमीन का अधिग्रहण होने वाला है, किसानों से ताबड़तोड़ एकड़, हेक्टेयर में जमीनों की खरीदी शुरू हो जाती थी। उसके बाद फिर उसे 500 वर्ग मीटर के छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर नौकर-चाकर, नाते-रिश्तेदारों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी जाती थी। चूकि छोटे टुकड़ों का रेट अधिक होता है और फिर मुआवजा भी आठ गुना...इसलिए छत्तीसगढ़ में ये खेल खूब फला-बढ़ा।