Udhampur-Durg Express: ट्रैक पर तेज गति से दौड़ती ऊधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस , समाने मंडरा रहा था मौत का खतरा

Udhampur-Durg Express: बारिश के मौसम में रेलवे ट्रैक पर ट्रेन का परिचालन करना जोखिम से कम नहीं होता। खासकर पहाड़ी और दुर्गम रास्ते वाले ट्रैक पर। ऐसा ही कुछ 24 अगस्त, 2024 को भी हुआ।

Update: 2024-10-05 02:57 GMT

Bilaspur Railway Zone Office

Udhampur-Durg Express: बिलासपुर। बारिश के मौसम में रेलवे ट्रैक पर ट्रेन का परिचालन करना जोखिम से कम नहीं होता। खासकर पहाड़ी और दुर्गम रास्ते वाले ट्रैक पर। ऐसा ही कुछ 24 अगस्त, 2024 को भी हुआ। ऊधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस को महेश कुमार रघुवंशी, लोको पायलट (मेल) एवं विनोद सिंह, सहायक लोको पायलट चला रहे थे। जैसे ही ट्रेन मुदरिया-घुनघुटी के बीच पहुंची सामने रेलवे लाइन पर मिट्टी का सैलाब जमा हुआ था। छोटे बड़े पत्थर भी ट्रैक पर ऐसे पड़े हुए थे मानो किसी ने जानबुझकर बिछा दिया है। ऐसा दो चार कदमों तक नहीं जहां तक नजर जा रही थी वहां तक इसी तरह का नजारा दिखाई दे रहा था। तेज रफ्तार ट्रेन को नियंत्रित करना जोखिम से कम नहीं। इसके अलावा विकल्प भी तो नहीं था।



 


ट्रेन की गति कम करते इसी बीच उनकी नजरें पहाड़ी के ऊपर पड़ी। जो नाजारा देख,दोनों पायलट के होश उड़ गए। बारिश के कारण लैंड स्लाइड हो रहा था। पहाड़ के ऊपर से विशालकाय चट्टान धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसक रहा था। दो पहाड़ों के बीच से ट्रेन गुजर रही थी। इधर रेलवे ट्रैक पर मिट्टी का सैलाब और गिट्टी के ढेर के बीच चट्टान के गिरने का खतरा। ट्रेन की स्पीड कम तो की पर उतना नहीं जिससे चट्टान ट्रेन पर आकर गिर जाए। सतर्कता और सजगता के कारण एक बड़ी घटना टल गई। ट्रेन के घुनघुटी स्टेशन पहुंचने के बाद वाकी-टॉकी एवं मोबाइल के जरिए इसकी सूचना स्टेशन मास्टर घुनघुटी एवं टीएलसी को दी। घटनास्थल की जांच के बाद ही ट्रेनों का का परिचालन किया जा सके।

रेल फ्लैंज में दिखा क्रेक

नागपुर रेल मण्डल के सुनील हुसैन मेश्राम, ट्रैक मेंटेनर-III ने जब अपने कार्यस्थल की तरफ जा रहे थे तो तारसा-चाचेर के बीच किलोमीटर 1088/16-14 पर एक वेल्ड विफलता का पता चला । उन्होने रेल के फ्लेंज में क्रैक देखा एवं लाइन की सुरक्षा करके इसकी त्वरित सूचना वहां कार्यरत मेट एवं सेक्शन अभियंता को दिया । जोगल प्लेट को खोलने पर एक बड़ा क्रैक पाया गया । सुनील हुसैन मेश्राम के इस सूझबूझ के कारण वेल्ड विफलता की पहचान हुई जिससे कि एक संभावित रेल दुर्घटना को टाला जा सका । इस प्रकार सुनील हुसैन मेश्राम की सजगता एवं सतर्कता सेट्रेन परिचालन में संरक्षा सुनिश्चित हुई।

पानी में डूब गया था रेलवे ट्रैक,इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को किया खड़ा

नागपुर रेल मण्डल के किशोर डोंगरे लोको पायलट एवं अश्वमेघ खांडले, सहायक लोको पायलट 10 सितम्बर, 2024 को ट्रेन में कार्यरत थे । बोरतलाव-पनियाजोब के बीच बोरतलाव के एडवांस स्टार्टर सिग्नल पार करने के बाद ज्वाइंट लाइन पर उन्होंने ट्रैक पर बारिश का पानी देखा । उन्होंने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी को खड़ी कर लिया। जिसके कारण जल-भराव वाले क्षेत्र में गाड़ी जाने के कारण दुर्घटना होने से बच गई । उन्होने तुरंत इसकी सूचना टीएलसी को दी । ट्रेन को वापस बोरतलाव स्टेशन में बैक किया गया । इस तरह किशोर डोंगरे एवं अश्वमेघ खांडले के सूझबूझ के कारण रेलवे की संरक्षा सुनिश्चित हुई।

वैगन में दिखा हाट एक्सेल

रायपुर रेल मंडल के सुरेन्द्र कुमार, ट्रैक मेंटेनर-IV/दगोरी 18 अगस्त, 2024 को ट्रेन बिलासपुर से दगोरी स्टेशन पहुंची । इसी बीच समपार फाटक संख्या 375 के गेटमैन सुरेन्द्र कुमार नें लोको (इंजिन) से 27वें वैगन में हॉट एक्सेल देखा । ट्रेन मैनेजर एवं सहायक लोको पायलट द्वारा जांच करने पर उस वैगन में हॉट एक्सेल के कारण ईएम पैड जला हुआ मिला । गेटमैन सुरेन्द्र कुमार की सतर्कता के कारण सही समय पर हॉट एक्सेल का पता लगा एवं एक संभावित दुर्घटना से रेल- यातायात को बाधित होने से बचाया जा सका।

ये हैं सजगता के प्रहरी

रेलवे ने नाम दिया है संरक्षा के सजग प्रहरी। जिनकी सजगता और सतर्कता के कारण ट्रेनों का सफल परिचालन हो रहा है और यात्री सुरक्षित यात्रा कर रहे हैं। ऐसे सजगता के प्रहरियों का एसईसीआर के डीआरएम नीनु इटियेरा ने सम्मानित किया है।

Tags:    

Similar News