MLA Sushant Shukla: शक्ति के पर्व के दौरान विधायक सुशांत शक्ति बटोरने जनता के बीच, 40 गांवों की यात्रा पूरी की

MLA Sushant Shukla: छत्तीसगढ़ के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के युवा विधायक सुशांत शुक्ला ने विधानसभा क्षेत्र में ध्वज यात्रा के जरिए 40 गांवाें की यात्रा पूरी की। ये वे गांव हैं जहां विधायक ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ हिंदू जागरण की अलख जगाने का काम किया है। शक्ति के पर्व में इस यात्रा के अपने खास मायने हैं। धार्मिक यात्रा के राजनीतिक महत्व निकालें तो यह और भी खास जान पड़ रहा है।

Update: 2025-09-28 13:56 GMT

MLA Sushant Shukla: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की सत्ता में भाजपा की वापसी के बाद यह पहला मौका है जब सत्ताधारी दल के किसी विधायक ने अपने विधानसभा में पदयात्रा निकाली हो। नवरात्रि के पावन पर्व में विधायक सुशांत शुक्ला ने पदयात्रा का निर्णय लिया। जाहिर है यात्रा का कोई ना कोई तो निहितार्थ होता ही है। नाम दिया ध्वज यात्रा। मौजूदा परिस्थितियों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ के वनांचल से लेकर मैदानी इलाके में धर्मांतरण का जोर चल रहा है। ईसाई मिशनरीज की सक्रियता तेजी के साथ बढ़ी है। धर्मांतरण को लेकर विवाद की स्थिति भी बनने लगी है। हाल के दिनों में बिलासपुर जिले में ही दो तीन ऐसे मामले सामने आए जिसमें विवाद की स्थिति बनी। पुलिस ने धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया है।

विधायक सुशांत शुक्ला के ध्वज यात्रा के खास मायने भी है। यात्रा के दौरान जिस तरह सत्ता से लेकर संगठन से जुड़े लोगों ने सक्रियता दिखाई वह भी अपने आप में खास है। शनिवार को राजकिशोर नगर लिंगियाडीह चिंगराजपारा खमतराई बस्ती, बिरकोना होते हुए कोनी बस्ती का भ्रमण करते खमतराई बगदाई मंदिर पहुंची। यहां का माहौल देखते ही बनता था। माहौल पूरी तरह सियासत में बदल गया। सत्ता से जुड़े दिग्गज भाजपाइयों ने अगुवानी की। जिले व प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, डिप्टी सीएम अरुण साव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने यात्रा की अगुवानी कर स्वागत किया। यही नहीं विधायक शुक्ला और कार्यकर्ताओं के साथ दिग्गजों ने पदयात्रा भी की।

यात्रा के मार्ग पर 40 गांव शामिल

यात्रा के लिए बनाए गए रूट चार्ट में उन 40 गांव को शामिल किया गया था, जहां ख्याति लब्ध मंदिर, देवालय और धार्मिक स्थल हैं।ऐसे गांव जहां धार्मिक स्थल है और लोगों की आस्था उन स्थलों से जुड़ी हुई है। एक नजर रूट चार्ट पर डालते हैं। कोरबी आदिवासी अंचल है यहां महामाया मंदिर है। आदिवासियों की आस्था इससे जुड़ी हुई है। यात्रा के लिए बनाए गए रूट में जिन गांवों को शामिल किया गया था बेहद सोच समझकर और दीर्घकालिक राजनीतिक योजनाओं के चलते ही हुआ। ये ऐसे गांव हैं जहां भाजपा का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में लगातार कमजोर रहता है। धार्मिक यात्रा के बहाने सियासी जमीन तलाशना,उसे मजबूत करना और लोगों का भरोसा जितना माना जा रहा है। जाहिर सी बात है विधायक को अपने करीबब पाकर ग्रामीणों से कार्यकर्ताओं का भरोसा बनता है। इसी भरोसे को बनाए रखने विधायक सुशांत ने गांव-गांव की खाक छानी,लोगों से सीधा संपर्क किया। धार्मिक भावनाओं और आस्था को मजबूत करने का काम किया।

मिशनरी के प्रभाव को कम करने की कोशिश

छत्तीसगढ़ की राजनीति में विधायक सुशांत शुक्ला को जशपुर नरेश कुमार दिलीप सिंह जूदेव का समर्थक माना जाता है। जूदेव ऐसे सख्सियत रहे हैं जिन्होंने आपरेशन घर वापसी चलाई। धर्मांतरित हिंदुओं को वापस लाने का काम किया। स्व जूदेव की छाया अब सुशांत में भी नजर आने लगी है। ध्वज यात्रा के बहाने विधायक सुशांत ने ईसाई मिशनरी को भी संदेश देने की कोशिश की है। यात्रा के दौरान सनातन धर्म के प्रति अगाध आस्था रखने का अपील भी करते रहे। सनातन के प्रति आस्था बढ़ेगी तो मजबूती मिलेगी और ईसाई मिशनरी का कुचक्र भी कम होगा। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए वनांचल और आदिवासी बहुल गांवों का ना केवल यात्रा की,आदिवासियों के बीच रात्रि विश्राम किया उनके के साथ भोजन की। आदिवासी यात्रा में शामिल भी हुए।

जिन गांवाें में किया रात्रि विश्राम,राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे

विधायक सुशांत शुक्ला ने यात्रा के दौरान छह गांवों में रात्रि विश्राम किया। रात्रि विश्राम के दौरान गांव की गुड़ी में चौपाल भी लगाई। लोगों से घंटाें सीधी बात की। कोरबी, उच्चभट्ठी पौंंसरा नगोई मोपका व कोनी। ये गांव आदिवासी,ओबीसी व एससी बाहुल है। इन वर्गों के बीच सीधेतौर पर पहुंच बनाई। धर्मांतरण को लेकर सावधान किया और सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने की अपील की।

35 हजार लोगों से सीधी पहुंच

40 गांव की पदयात्रा के दौरान विधायक सुशांत शुक्ला ने तकरीबन 35 हजार लोगों से सीधा संपर्क किया। उन कार्यकर्ताओं से भी मिले जो काम के अवसर पर ही जिनका शहर आना होता है और विधायक से मुलाकात हो पाती है। निश्चिततौर पर ग्रामीणों व कार्यकर्ताओं के लिए नया अनुभव है।

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