Surguja News: रामगढ़ पहाड़ी को बचाने के लिए TS सिंहदेव ने सीएम को लिखी चिट्ठी, कहा- हर हाल में इसे बचाना जरूरी
Surguja News: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (Former Deputy CM TS Singhdev) ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) को चिट्ठी लिखी है. जिसमे उन्होंने रामगढ़ पहाड़ी को बचाने का आग्रह किया है.
Surguja News
Surguja News: सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध प्राचीन रामगढ़ पहाड़ी कोल माइंस में ब्लास्टिंग की वजह से खतरे में हैं. इसे बचाने के लिए लगातार प्रयास जारी है. इस सम्बन्ध में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (Former Deputy CM TS Singhdev) ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) को चिट्ठी लिखी है. जिसमे उन्होंने रामगढ़ पहाड़ी को बचाने का आग्रह किया है.
सरगुजा की रामगढ़ पहाड़ी की सुरक्षा को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने 30 अगस्त को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा, "जैसा कि आप अवगत हैं, सरगुजा के लोगों की आत्मा में वास करने वाला 'रामगढ़ की पहाड़ी' न केवल आदिवासी आस्था और सरगुजा का महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र है बल्कि पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से भी अद्वितीय महत्व रखती है.
यह वहीं स्थल है जिसे प्रभु श्री राम व माता सीता का निवास स्थल माना जाता है, जहां विश्व का सबसे प्राचीन रंगमंच (Amphitheatre) स्थित है, जहां महाकवि कालिदास ने नेघदूत जैसी अमर कृति की रचना की थी तथा जहां के शिखर पर स्थित प्राचीन राम-सीता मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों श्रध्दालु दर्शन हेतु आते हैं. साथ ही, यह क्षेत्र प्राचीन आदिवासी बसाहटों, गुफाओं और शिलालेखों का केन्द्र होने के साथ-साथ पर्यावरणीय धरोहर भी है.
मैं यह पत्र गहन व्यथा के साथ लिख रहा हूं क्योंकि दिनांक 26.06.2025 को वनमंडल अधिकारी (DFO) द्वारा केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के संबंध में प्रस्तुत "स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में 1742.155 हेक्टेयर वन भूमि को डायवर्सन की अनुशंसा की गई है. प्रतिवेदन का संक्षिप्त अवलोकन बताता है कि इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्यों की उपेक्षा की गई है. यदि इस खनन को स्वीकृति प्रदान की जाती है तो यह रामगढ़ पहाड़ी के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा होगा.
स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन (26.06.2025) में बिंदु 10 के अंतर्गत प्रश्न पूछा गया था कि क्या आवेदित क्षेत्र किसी Ecological Sensitive क्षेत्र (राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, बायो स्फेयर रिजर्व, प्राकृतिक झील/बाटर बॉडी, आदिवासी सेटलमेंट क्षेत्र, धार्मिक स्थल) की सीमा के 10 वर्ग कि.मी. के अंतर्गत है अथवा नहीं? यदि हां तो संक्षिप्त विवरण प्रतिवेदित करें."
इसके उत्तर में कहा गया कि "रामगढ़ पुरातात्विक स्थल एवं पर्यटन क्षेत्र केरो एक्सटेंशन कोल ब्लॉक से 11 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. पहाड़ से कुछ दूरी पर कॉल माइंस में किए जाने वाले ब्लास्टिंग की वजह से आप पूरा पहाड़ हिलने लगा है. इतना ही नहीं उन्होंने पेट्रा में लिखा, केते एक्सटेंशन खदान के कुल क्षेत्रफल 1742.155 हेक्टेयर में 99 प्रतिशत वन क्षेत्र है, जो घना जंगल है. खदान को स्वीकृति दिए जाने से यहां 4.5 लाख पेड़ कटेंगे. यह एक पुरातात्विक महत्व का धार्मिक स्थल है. इसे हर हाल में बचाना जरूरी है. उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति की सुरक्षा का आग्रह किया है.