Raigarh News: दाे भाजपा पार्षदों को प्रदेश अध्यक्ष ने दिखाया बाहर का रास्ता, 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित
Raigarh News: रायगढ़ जिले के घरघोड़ा नगर पंचायत में उपाध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में क्रास वोटिंग के चलते भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। नगर पंचायत में भाजपा पार्षदों के बहुमत के बाद करारी हार को प्रदेश भाजपा ने गंभीरता से लिया है। पार्टी अनुशासन को तार-तार कर क्रास वोटिंग करने वाले दो पार्षदों को प्रदेश भाजपा ने छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। दोनों पार्षदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। देखें प्रदेश भाजपा का आदेश।

Raigarh News: रायगढ़। घरघोड़ा नगर पंचायत के उपाध्यक्ष चुनाव में बहुमत के बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद जिला भाजपा ने दो पार्षदों द्वारा क्रास वोटिंग करने की जानकारी प्रदेश भाजपा कार्यालय को भेजी थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इसे गंभीरता से लेते हुए पार्टी अनुशासन को धता बताते हुए क्रास वोटिंग करने वाले पार्षद श्याम भोजवानी और अनिल लकड़ा को 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया है।
घरघोड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी भाजपा के लिए कड़वा अनुभव रहा। अध्यक्ष पद गंवाने के बावजूद नगर पंचायत में भाजपा की बहुमत है। 15 पार्षदों वाले नगर पंचायत में भाजपा के 9, कांग्रेस के चार व दो निर्दलीय पार्षदों ने चुनाव जीता है। अध्यक्ष चुनाव के बाद से ही घरघोड़ा नगर पंचायत में भाजपा को उपाध्यक्ष की कुर्सी मिलना तय माना जा रहा था। जिला भाजपा के पदाधिकारी व भाजपा के नवनिर्वाचित पार्षद भी इसी अंदाज में रणनीति बना रहे थे।
भीतर ही भीतर कुछ और ही खिचड़ी कांग्रेस के रणनीतिकार बनाने में लगे हुए थे। उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा ने घरघोड़ा नगर पंचायत उपाध्यक्ष पद के लिए यश सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस ने अमित सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था। चुनावी प्रक्रिया से लेकर मतदान तक भाजपा के पार्षद से लेकर रणनीतिकार पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे थे। चुनाव परिणाम से भाजपाई रणनीतिकारों से लेकर पार्षदों को झटका दे दिया। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अपने चार पार्षदों के अलावा दो निर्दलीयों को तो अपने साथ लाने में सफल रहे, भाजपा के दो पार्षदों से भी क्रास वोटिंग करा लिया। क्रास वोटिंग के चलते जीती बाजी भाजपा हार गई।
0 अध्यक्ष निर्दलीय व उपाध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस के हिस्से में
अध्यक्ष के चुनाव में टिकट ना मिलने से कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करते हुए सुरेंद्र चौधरी ने नामांकन दाखिल किया और चुनाव मैदान में उतर गए थे। कांग्रेस के बागी ने अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया। मौजूदा राजनीतिक समीकरण पर नजर डालें तो अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों कुर्सी पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। नीचे देखें

