OBC Resevation: ओबीसी का फ्लैट आरक्षण अब फिक्स होगा, MP में आरक्षण 27 से बढ़कर 35 हो गया, जानिये छत्तीसगढ़ में क्या होगा

OBC Resevation: छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग आरक्षण रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंप देगी। संवैधानिक आयोग द्वारा तय आरक्षण को सरकार को स्वीकार करना होगा। छत्तीसगढ़ में पहली बार ओबीसी के फिक्स आरक्षण से नगरीय और पंचायत चुनाव होंगे।

Update: 2024-10-04 12:07 GMT

OBC Resevation: रायपुर। नवंबर में नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना की डेट को देखते छत्तीसगढ़ ओबीसी कल्याण आयोग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। आयोग के चेयरमैन आरएस विश्वकर्मा का कहना है कि 15 अक्टूबर से पहले आयोग अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। जाहिर है, अगर अक्टूबर में सरकार को रिपोर्ट मिल जाएगी तो फिर नगरीय निकाय चुनाव को आगे बढ़ाने की नौबत नहीं आएगी। नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना 15 नवंबर के आसपास घोषित की जाएगी। समझा जाता है कि दिसंबर के मध्य में वोटिंग होगा। 2019 में इसी डेट के आसपास चुनाव हुए थे।

फ्लैट आरक्षण अब नहीं

ओबीसी को नगरीय और पंचायत चुनाव में बिना किसी जनगणना के 25 प्रतिशत फ्लैट आरक्षण मिलता है। ये छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश में यही पैटर्न था। याने जहां ओबीसी की आबादी अधिक है वहां भी 25 परसेंट और जहां बेहद कम है वहां भी 25 प्रतिशत। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगी थी। शीर्ष अदालत ने इस पर 2022 में फैसला देते हुए कहा था कि पिछड़े वर्ग की सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के बाद ही ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए। कोर्ट ने ये आदेश भी दिया कि ओबीसी आरक्षण तय करने के बाद ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराया जाए। अदालत ने इसके लिए एक स्वतंत्र याने संवैधानिक दर्जा वाला आयोग बनाने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकारों को आयोग की रिपोर्ट माननी होगी। आयोग की रिपोर्ट में सरकारें कोई इधर-उधर नहीं कर सकती। राज्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों का कहना है अभी तक फ्लैट आरक्षण था मगर अब आबादी के हिसाब से उसे फिक्स किया जाएगा।

अब लाटरी नहीं

अभी तक स्थानीय निकाय चुनावों में लाटरी के माध्यम से ओबीसी के लिए सीटें निर्धारित की जाती थी। मगर अब आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सीटें आरक्षित होंगे। याने जहां पिछड़े वर्ग की आबादी कम है, वहां रिजर्वशन नहीं मिलेगा। आयोग जो तय कर देगा, उसे अपने जिलों में कलेक्टरों को स्वीकार करना होगा। उसी आधार पर कलेक्टर अपने निकायों में चुनाव कराएंगे।

एमपी में 35 परसेंट

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में ओबीसी कल्याण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नगरीय निकाय चुनाव हुआ है। वहां पहले 27 परसेंट तक ओबीसी आरक्षण था। मगर आयोग की रिपोर्ट के बाद वहां पिछड़े वर्ग को आठ फीसदी का फायदा होकर रिजर्वेशन 35 परसेंट पर पहुंच गया। जानकारों का कहना है कि वहां पिछड़े वर्ग की आबादी अधिक है। झाबुआ जैसे एकाध अंचलों को छोड़ दें तो आदिवासियों की आबादी कम है। खासकर, छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद।

छत्तीसगढ़ में कम होगा?

छत्तीसगढ़ में ओबीसी को कितना आरक्षण मिलेगा, ये तो आयोग की रिपोर्ट सरकार के पास पहुंचने के बाद ही पता चलेगा मगर जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कुछ इलाकों में ओबीसी आरक्षण कम होगा। विशेषकर सरगुजा और बस्तर संभागों में। अभी जिस स्थानीय निकायों में ओबीसी की आबादी 10 प्रतिशत से भी कम है, वहां भी उसे 25 परसेंट का फ्लैट आरक्षण मिलता है। और जहां ओबीसी 50 परसेंट के करीब है, वहां भी 25 परसेंट ही। याने आदिवासी इलाकों में ओबीसी का आरक्षण कम होगा तो मैदानी इलाकों में बढ़ेगा भी।

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