NPG इम्पेक्ट: चीफ जस्टिस ने पूछा, लड़कियां क्लास रूम मे बियर का बोतल कैसे लेकर आईं...

NPG Impact: चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड में स्थित स्कूल में छात्राओं की बीयर पार्टी पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या स्कूलों में हमारे बैगों की चेकिंग नहीं होती थी, यदि छात्र हथियार लेकर स्कूल पहुंच जाए तब क्या होगा? राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 24 सितंबर तक का समय दिया गया है।

Update: 2024-09-12 11:14 GMT

NPG Impact: बिलासपुर। छात्राओं की बीयर पार्टी पर चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस ने पूछा है कि कक्षा में बियर कैसे पहुंच गई। तल्ख टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि कल को कोई विस्फोटक पदार्थ या फिर हथियार लेकर पहुंच जाए तो फिर क्या होगा। इसके लिए कोई व्यवस्था क्यों सुनिश्चित नहीं है। ज्ञातव्य है कि एनपीजी ने सबसे पहले सरकारी स्कूल में छात्राओं की बीयर पार्टी के संबंध में खबर प्रकाशित की थी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस मामले में आज सुनवाई की है।

यह है मामला

बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भटचौरा में छात्राओं द्वारा कक्षा में बर्थडे पार्टी के दौरान बीयर पीने का मामला सामने आया था। जिसको सबसे पहले एनपीजी ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। इसके बाद प्राचार्य पर कार्यवाही हेतु खंड शिक्षा अधिकारी से जांच करवा जिला शिक्षा अधिकारी ने डीपीआई को पत्र भेजा है।

घटना की खबर एनपीजी में वायरल होने के बाद, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पालकों ने शिकायत की थी। शिकायत पर जांच की गई, जिसमें प्राचार्य लक्ष्मीचरण वारे की गंभीर लापरवाही पाई गई। विद्यालय में अनुशासनहीनता और प्रबंधन की कमियों को उजागर करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है।

सुरक्षा और अनुशासन की अनदेखी

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि प्राचार्य ने घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर नहीं दी और इस मामले को दबाने की कोशिश की। इस लापरवाही के कारण स्कूल प्रबंधन और पालकों के बीच असंतोष बढ़ा है। छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी विद्यालय प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो शिक्षा के स्तर और छात्रों की सुरक्षा के प्रति एक गंभीर चूक को दर्शाता है।

मामले में डीईओ टीआर साहू ने बात करने पर बताया कि इस घटना ने शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल किया है। बच्चों की सुरक्षा और विद्यालय में अनुशासन बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। प्राचार्य की लापरवाही के चलते यह घटना दबाई गई, इसलिए उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन भेजा गया है।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस पर संज्ञान लिया है। आज चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए पूछा कि छात्राओं के हॉस्टल में शराब की बोतल कैसे आई। जब सरकारी अधिवक्ता ने जवाब दिया कि यह स्कूल था तब चीफ जस्टिस ने कहा कि स्कूल में शराब की बोतले कैसे पहुंच गई, इसकी कोई चेकिंग नहीं होती क्या। कल को यदि कोई विस्फोटक पदार्थ या फिर आर्म्स लेकर चला जाए तो क्या होगा। क्या हमारे स्कूलों में हमारे बैगों की चेकिंग नहीं होती थी? बच्चे स्कूल में बैग में कापी–किताब ही लेकर तो जाएंगे, इनके टीचर क्लासरूम में बैग की चेकिंग तो कर सकते हैं। कल को विद्यार्थी आर्म्स लेकर स्कूल चला जाए तो क्या होगा? चीफ जस्टिस ने पूछा कि यदि कोई विद्यार्थी चाकू–छुरी लेकर चले जाए और दूसरे छात्र को चाकू– छुरी मार दे तो क्या होगा? राज्य सरकार को जवाब देने के लिए समय देते हुए चीफ जस्टिस ने अगली पेशी 24 सितंबर की तय की है।

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