'निक्षय निरामय छत्तीसगढ़’ से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएगा बड़ा बदलाव, बस्तर से लेकर सरगुजा तक अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने चल रहा अभियान
'Nikshay Niramaya Chhattisgarh': छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं संचालित कर रही है। इससे कई क्षेत्रों में सूबे की धमक स्थापित हो रही है। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि पर देश में प्रथम स्थान
'Nikshay Niramaya Chhattisgarh': रायपुर। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आज बस्तर से लेकर अंबिकापुर तक चारों तरफ छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 7 दिसंबर 2024 से शुरू किए गए 100 दिवसीय ’निक्षय निरामय छत्तीसगढ़’ अभियान ने ग्रामीण स्तर पर व्यापक पहचान, उपचार और सहभागिता को गति दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों उद्योगों, कॉरपोरेट्स, एनजीओ व आम जनता से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की गई थी।
इस अपील के बाद प्रदेश में निक्षय मित्रों की संख्या बढ़कर 13,422 हो गई, जिन्होंने अब तक 26,039 टीबी मरीजों को पोषण आहार व अन्य सहयोग प्रदान किया है। भारत सरकार द्वारा 2023 में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत की परिकल्पना की गई थी। पहले ही वर्ष छत्तीसगढ़ की 2260 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया था, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 4102 पंचायतों तक पहुँच गई, जो देश में सर्वाधिक अनुपात दर्शाता है।
रायपुर के एम्स आडिटोरियम में 7 दिसंबर 2024 को रिमोट का बटन दबाकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 100 दिनों तक चलने वाले राज्य स्तरीय निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की थी। मुख्यमंत्री ने निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को हर महीने मिलने वाली 1 हजार रुपये की राशि भी ट्रांसफर की। सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को निक्षय निरामय की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि टीबी और कुष्ठ नियंत्रण में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।
हमारी मितानिन बहनें और डॉक्टर समर्पित होकर स्वास्थ्य सेवाएं जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। मैं सभी के योगदान के लिए हार्दिक अभिनंदन करता हूं। निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान के तहत रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, सरगुजा समेत सभी जिलों से निरामय जन जागरुकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। 100 दिनों तक ये अभियान चला। इस दौरान मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एनएमए घर-घर सर्वे करके मरीजों की जांच की और गंभीर मरीजों को रेफर भी किया गया। प्रदेश के स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव लाने वाले इस अभियान को बड़ी सफलता मिली है।
छत्तीसगढ़ को मिला राष्ट्रीय सम्मान
विश्व क्षय दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य को “टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान“ में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान 50 लाख से अधिक आबादी वाले राज्यों की श्रेणी में टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सर्वाधिक अनुपात हेतु प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे. पी. नड्डा ने की। समारोह में देशभर के स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक, राज्य क्षय अधिकारी, विभिन्न मंत्रालयों एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक विजय दयाराम के. ने प्राप्त किया। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की भूरि-भूरि सराहना करते हुए कहा कि राज्य ने टीबी मुक्त पंचायत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट में हुई जांच
मोबाइल मेडिकल यूनिट अभियान के दौरान चिन्हाकित किए गए जोखिम समूहों की टीबी हेतु स्पॉट स्क्रीनिंग की गई। जिससे संदेहास्पद टीबी मरीजों का स्पॉट पर ही टीबी रोग का पता लगाया जा सका। मोबाइल मेडिकल यूनिट एआई तकनीक से हैंड हेल्ड एक्स रे, सीवाय-टीबी जांच एवं 16 चैनल वाले ट्रूनाट मशीन से लैस है.जिससे टीबी के संभावित मरीजों की तुरंत एक्स रे जांच एवं उपचार किया गया। इस अभियान के अंतर्गत वाहन में डॉक्टरों की टीम मौजूद थी, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर रोगियों को चिन्हित कर रही थी। फिर उनका इलाज सुनिश्चित करते चल रही थी। अभियान के दौरान टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित कर इलाज मुहैया कराया गया।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ को मिले इस सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सहयोगियों को बधाई दी। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने निर्देश दिए कि 100 दिवसीय अभियान के दौरान चिन्हित सभी संभावित मरीजों की एक्स-रे और नाट परीक्षण प्राथमिकता से पूर्ण किए जाएं, उनका तत्काल पंजीकरण और उपचार प्रारंभ कर निक्षय पोषण योजना व मित्रों से सहायता सुनिश्चित की जाए।
2047 तक विकसित और स्वस्थ छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि विकसित भारत के साथ ही साल 2047 तक छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य रखा गया है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का अहम योगदान होगा। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ ही सभी चिकित्सकों ने भी प्रदेश में चलाए जा रहे स्वास्थ्य अभियानों में हमेशा तत्परता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। अनेक दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन के साधनों की कमी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अमले ने अंदरुनी गांवों तक अपनी सेवाएं पहुंचाईं हैं। टीबी, कुष्ठ और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने के लक्ष्य को हासिल करने में निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वास्थ्य से आएगी समृद्धि
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य से बढ़कर हेल्थ से बढ़कर कुछ नहीं होता। इसलिए किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए वहां के नागरिक का स्वस्थ होना आवश्यक है। इस दिशा में माननीय प्रधानमंत्री लगातार देश में ऐसे कई असाध्य रोग हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जिनको राष्ट्रीय कार्यक्रम के माध्यम से लगातार समाप्त करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य वनाचल और जनजाति बाहुल्य राज्य हमें बहुत खुशी है कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आगे बढ़ रहा है और लगातार माननीय मुख्यमंत्री इस बात को लेकर चिंतित है की प्रदेश में हर एक व्यक्ति स्वस्थ रहे। इसके लिए लगातार चिंता करते हैं और मुझे प्रति सप्ताह है या महीने में समय-समय पर दिशा निर्देश भी देते हैं। मु