Mungeli Steel Plant Accident: मुंगेली स्टील प्लांट हादसा: रात भर चलता रहा रेस्क्यू ऑपरेशन, कई मजदूरों के दबे होने की आशंका

Mungeli Steel Plant Accident: बिलासपुर– रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में मुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र में स्थित कुसुम स्टील प्लांट में हुए हादसे के बाद रात भर रेस्क्यू कार्य चलता रहा। हादसे में एक एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई है।

Update: 2025-01-10 04:40 GMT

Mungeli Steel Plant Accident: मुंगेली। बिलासपुर– रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में मुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र में स्थित कुसुम स्टील प्लांट में हुए हादसे के बाद रात भर रेस्क्यू कार्य चलता रहा। हादसे में एक एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं तीन अन्य मजदूर मलबे में लापता है। जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू कार्य रात भर चलता रहा। मुंगेली जिले के कलेक्टर राहुल देव और एसपी भोजराम पटेल रातभर रेस्क्यू स्थल पर डटे रहे। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी पहुंचकर रेस्क्यू अभियान में जुटी है। साथ ही हैवी क्रेन भी भिलाई स्टील प्लांट से मंगाया गया है। तीन मजदूर दबे होने की आशंका है।

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र के बिलासपुर– रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कुसुम स्टील प्लांट फैक्ट्री है। इस स्पंज आयरन फैक्ट्री में लोहा बनाया जाता है। गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 9 मिनट में यहां चिमनी गिर गई थी। चिमनी गिरने से यहां हड़कंप मच गया और कई मजदूरों के मलबे में दबकर मौत की बात उठने लगी। हादसे की सूचना मिलते ही मुंगेली जिला प्रशासन के अफसर कलेक्टर राहुल देव और एसपी भोजराम पटेल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू करवाया गया। मिली जानकारी के अनुसार जो कंटेनर गिरा उसमें गर्म राखड़ भरी हुई थी। इस राखड़ के छिटकने से पास खड़ा एक मजदूर मनोज कुमार धृतलहरें गंभीर रूप से झुलस गया था। जिसे इलाज के लिए बिलासपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वही तीन अन्य मजदूरों के राखड़ से भरे कंटेनर के नीचे दबे होने की आशंका है।

रेस्क्यू का जायजा लेने बिलासपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे और आईजी संजीव शुक्ला भी पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार प्लांट में रखे भारी साइलो ( सामान भंडारण कंटेनर) के अचानक गिर जाने से वहां काम कर रहे कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए। यह कंटेनर 80 टन का है। उसमें लगभग 80 टन राखड़ भरा हुआ था। राखड़ भरा हुआ कंटेनर गिरने से यह हादसा हुआ। राखड़ भरे हुए कंटेनर का वजन लगभग डेढ़ सौ टन है। जिसे उठाने के लिए उतनी क्षमता का क्रेन मुंगेली में नहीं था। लिहाजा कलेक्टर राहुल देव ने अन्य जिलों से संपर्क कर उतनी क्षमता वाला क्रेन मंगवाया है। जिसकी मदद से कंटेनर को खींच कर उठाया जाएगा और उसके नीचे विस्तृत दबे मजदूरों का पता लगाया जाएगा। रेस्क्यू के लिए पहले एसडीआरएफ की टीम पहुंची फिर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा और आला अफसर भी रात भर जुटे रहे। इस दौरान रामबोड के अलावा आसपास के ग्रामीणों की भीड़ भी प्लांट के चारों तरफ लगी रही। रेस्क्यू कार्य सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए भारी पुलिस बल भी मौजूद रही।

400 कर्मचारी है कार्यरत:–

फैक्ट्री के मालिक आदित्य अग्रवाल के अनुसार प्लांट में करीब 400 मजदूर कार्यरत है। दो सौ मजदूर प्लांट के कर्मचारी हैं। जबकि बाकी तीन ठेका कंपनी के कर्मचारी है।

अटेंडेंस रजिस्टर से खुलासा:–

जहां पर प्लांट का साइलो गिरा वहां पर ठेका कर्मी नहीं बल्कि प्लांट के ही चार कर्मी कार्यरत थे। गनीमत की बात यह रही कि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त लंच टाइम हुआ था। जिसके चलते आसपास और मजदूर भी नहीं थे वरना जानमाल का और नुकसान हो सकता था।

अटेंडेंस रजिस्टर से मिलान कर किया जा रहा फोन:–

जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के दौरान उपस्थित कर्मचारियों का अटेंडेंस रजिस्टर मंगवाया। अटेंडेंस रजिस्टर के अनुसार उपस्थित मजदूरों का नंबर प्लांट प्रबंधन और ठेका कंपनी से लेकर जिला प्रशासन की टीम उन्हें फोन लगाकर उनके सुरक्षित बाहर होने की तस्दीक करती रही। अधिकतर लोग सकुशल मिले। 

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