मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में किसानों के जीवन में आया नया परिवर्तन, नई तकनीक के उपयोग से किसान समृद्धि की ओर अग्रसर...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में किसानों के जीवन में एक नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है, यह परिवर्तन कृषि कार्य में नवीन तकनीकों के प्रयोग से आया है...

Update: 2025-07-24 12:30 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में बालोद जिले में किसानों के जीवन में एक नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है, यह परिवर्तन कृषि कार्य में नवीन तकनीकों के प्रयोग से आया है। जिले में कृषि कार्य में नवीन तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसान कम लागत और कम समय में बेहतर उत्पादन हासिल कर रहे हैं और वे समृद्धि की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह बदलाव न केवल किसानों की मेहनत को आसान बना रहा है, बल्कि उनके चेहरों पर खुशी और आत्मविश्वास भी ला रहा है।

बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम खल्लारी के किसान डिकेश्वर साहू इस परिवर्तन के बेहतर मिसाल बन चुके हैं। साहू ने बताया कि वे अपने खेतों में अब धान की रोपाई के लिए पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन का उपयोग कर रहे हैं, जो उनके लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। पहले वे इस कार्य के लिए मजदूरों पर निर्भर रहते थे, जिसमें न केवल समय की अधिकता लगती थी, बल्कि लागत भी काफी बढ़ जाती थी। लेकिन अब पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के उपयोग से वे कम समय में ही अपने खेतों में रोपाई का कार्य सुचारू रूप से पूरा कर लेते हैं। साहू ने कहा कि शासन की नीतियों और कृषि विभाग के मार्गदर्शन ने हमें नई तकनीकों से जोड़ा है। पहले बहुत सारे मजदूरों की व्यवस्था करने और उनसे काम लेने काफी ज्यादा पैसे लगते थे, इससे उनके खेती कार्य लागत बढ़ जाती थी, लेकिन अब नई तकनीक के उपयोग से समय और पैसे दोनों की बचत हो रही है और कृषि कार्य में काफी मुनाफा हो रहा है।

किसान साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन ने हमारे जीवन को आसान बनाया है। उनके किसान हितैषी निर्णयों और योजनाओं के संचालन से अब हम कृषि विभाग द्वारा निरंतर मार्गदर्शन मिल रहा है, जिससे किसानों को खेती कार्य में काफी मुनाफा हुआ है। इसी ग्राम के एक अन्य किसान श्री बिसाली राम ने भी इस बदलाव की कहानी को साझा किया। उन्होंने बताया कि पहले वे मजदूरों के माध्यम से खेत में रोपाई का कार्य करते थे, लेकिन अब पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के प्रयोग से उनका कार्य न केवल तेज हुआ है, बल्कि लागत में भी कमी आई है।

उन्होंने कहा कि आज हमारा खेत बेहतर रोपाई और कम मेहनत से तैयार हो रहा है, जिससे हम बेहद खुश हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं किसान सम्मान निधि और कृषक उन्नति योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा संचालित योजनाएं किसानों के समृद्धि के द्वार खोल रही हैं। उन्होंने शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन योजनाओं ने उनके जीवन में नई उम्मीद जगा दी है। बालोद जिले में यह बदलाव केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि किसानों की सामुदायिक उन्नति का प्रतीक है। कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविरों और तकनीकी सहायता के माध्यम से किसानों को नवीन मशीनों और विधियों से परिचित कराया जा रहा है। पैडी ट्रांसप्लांटर, ड्रोन स्प्रेयर, और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग अब जिले के कई गांवों में देखने को मिल रहा है, जो न केवल उत्पादन बढ़ा रहा है, बल्कि किसानों की आय में भी इजाफा कर रहा है।

आधुनिक खेती ने केतकी बाई को बनाया लखपति दीदी

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान“ के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी केतकी बाई पटेल आज “लखपति दीदी“ के नाम से जानी जाती हैं। जनपद पंचायत दुर्ग के आमटी ग्राम की निवासी और प्रगति महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष केतकी दीदी ने सब्जी उत्पादन और विक्रय से अपनी मेहनत और निश्चय के बल पर आर्थिक समृद्धि हासिल की है। शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा, फिर समूह से उनको सहारा मिला। समूह से जुड़ने से पहले दीदी के पास संसाधनों की कमी थी।

सब्जी उत्पादन की इच्छा होते हुए भी आर्थिक तंगी के कारण वे इसे बड़े स्तर पर नहीं कर पा रही थीं। जब उन्हें बिहान योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्वयं पहल कर महिला साथियों के साथ स्व-सहायता समूह का गठन किया। छोटी-छोटी बचत करके अपने समूह को सशक्त बनाई। उसके उपरांत उन्होंने बैंक लिंकेज के माध्यम से 30 हजार का लोन लिया और सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। बिहान योजना से सामुदायिक निवेश कोष से 20 हजार का लोन प्राप्त कर अपना व्यवसाय को आगे बढ़ाया।

केतकी दीदी ने एक एकड़ निजी भूमि में सब्जी उत्पादन शुरू किया और धीरे-धीरे आधुनिक तकनीक अपनाते हुए, जैसे कि मचान विधि, उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाई। आज उनके खेत में भिंडी, बरबटी, करेला, मक्का, बैगन, भाजी जैसी कई मौसमी सब्जियां उगाई जाती हैं। वे सप्ताह में चार दिन बाजार में विक्रय कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। दो दिन निकुम बाजार और दो दिन आलबरस बाजार में सब्जियों की बिक्री करती हैं। उनकी दैनिक बिक्री लगभग 3500 रूपए तक होती है, जिससे सप्ताह में लगभग 14 हजार रूपए और महीने में 32 हजार रूपए तक की शुद्ध आय होती है।

वार्षिक रूप से वे करीब 3.5 लाख रूपए की आमदनी कर रही हैं। आमदनी बढ़ने के साथ ही केतकी दीदी ने स्वयं का पक्का मकान बनवाया, पावर डीलर मशीन खरीदी और अब उन्होंने पांच एकड़ अतिरिक्त भूमि भी अर्जित कर ली है, जिसमें वे धान की खेती करती हैं। आज केतकी दीदी अपने मेहनत के दम पर उत्कृष्ट लखपति बनी है और सब्जी उत्पादन के कार्यों से अपनी एक नई पहचान बना रही है।

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