Mohsn Bhagwat in Chhattisgarh: मोहन भागवत कल से 5 दिन छत्तीसगढ़ में, गरमाएगा धर्मांतरण का मुद्दा, मिशनरियों पर अंकुश लगाने हो सकती है चर्चा

Mohsn Bhagwat in Chhattisgarh:छत्तीसगढ़ में कल से पूरे पांच दिनों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों का राजधानी रायपुर के जागृति मंडल स्थित संघ कार्यालय में जमावाड़ा रहेगा। आरएसएस के सरसंघचालक डा मोहन भागवत 27 से 31 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ के प्रवास पर रहेंगे। शुक्रवार को वे राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। उनके आगमन के साथ ही आरएसएस की संगठनात्मक व भाजपा की सियासी व संगठनात्मक सरगर्मी बढ़ेगी। चर्चा तो इस बात की भी है कि संघ प्रमुख से मिलने सीएम से लेकर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की कतार भी लगी रहेगी। अब ये बात अलग है कि संघ प्रमुख भाजपा के किन-किन नेताओं व पदाधिकारियों को तव्वजो देते हैं।

Update: 2024-12-26 08:39 GMT

Mohsn Bhagwat in Chhattisgarh: बिलासपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ प्रवास की जानकारी मिलते ही राज्य की सत्ताधारी दल के दिग्गजों की सरगर्मी अपने आप बढ़ गई है। संघ हमेशा से ही यह प्रचारित करते रहा है कि सीधेतौर पर राजनीति में या सक्रिय राजनीति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। या रहने वाली नहीं है। इसके बाद भी राष्ट्रीय राजनीति में यह बात भी जगजाहिर है कि भाजपा की मातृसंस्था आरएसएस ही है। लिहाजा सत्ताधारी दल के दिग्गज भी संघ कार्यालय जागृति मंडल के फेरे लगाते नजर आएं तो अचरज की बात नहीं होनी चाहिए।

पांच दिनी प्रवास के दौरान संघ सुप्रीमों डा भागवत संघ के प्रांतीय व राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग लेंगे। इस दौरान संघ के सांगठनिक गतिविधियों को लेकर क्लास भी लेंगे। प्रवास के मद्देनजर प्रांतीय और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच होने वाली बैठकों का एजेंडा भी तय किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार डा भागवत अलग-अलग सत्रों में उन पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे जिनको बैठक की सूचना दी जाएगी और जो डा भागवत की बैठक में अपेक्षित रहेंगे। मसलन जागृति मंडल से राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारियों को सीधतेौर सूचना भेजी जाएगी, जिनको बैठक की सूचना मिलेगी वे अपनी पूरी तैयारी के साथ आएंगे और अपना प्रेजेनटेंशन देंगे। बैठक के दौरान पूरा फोकस संगठनात्मक गतिविधियां और संघ की शाखाओं का संचालन रहेगा।

शताब्दी वर्ष मना रहा है आरएसएस

आरएसएस की स्थापना पूर्व सरसंघचालक डा केशवबलीराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में की थी। लिहाजा संघ वर्तमान में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। शताब्दी वर्ष में संघ प्रमुख डा भागवत देशव्यापी प्रवास पर हैं। देश के अलग-अलग प्रांतों में उनका प्रवास हो रहा है। इस दौरान उनका पूरा फोकस संघ की शाखाओं के अलावा संघ के अनुषांगिक संगठनों और प्रकल्पों द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों पर रहता है। हर एक संगठन व प्रकल्पों के कामकाज को लेकर वे समीक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा शताब्दी वर्ष में चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी वे चर्चा करेंगे। स्वयंसेवकों के अलावा पदाधिकारियों से सीधे संवाद स्थापित करेंगे।

अलग-अलग सत्रों में होगी बैठक

संघ प्रमुख के प्रवास के दौरान जिन विषयों व मुद्दों पर वे पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे उसे पहले ही तय कर दिया गया है। तय एजेंडे पर वे सीधेतौर पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। इससे पदाधिकारियों को भी अपनी बातों के अलावा चलाई जा रही संगठनात्मक गतिविधियों के बारे में बताने और फीडबैक देने में आसानी रहती है।

संघ प्रमुख की इन बैठकों में कार्य विस्तार के साथ कार्यकर्ताओं व स्वयंसेवकों के गुणात्मक विकास पर भी जोर रहेगा। प्रमुख एजेंडें में पंच परिवर्तन स्व का बोध, सामाजिक समरसता कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल विकास व नागरिक कर्तव्य पर चर्चा करेंगे।

संघ की शाखाओं का विस्तार, लक्ष्य निर्धारण पर होगी चर्चा

संघ ने शताब्दी वर्ष में देश के प्रत्येक गांव और शहरों में संघ की शाखाओं का संचालन करने का लक्ष्य तय किया है। छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान संघ प्रमुख लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए जा रहे कार्य और संघ की शाखाओं के संबंध में विशेष चर्चा करेंगे। खासकर ईसाई मिशनरियों के दबाव वाले या फिर उनकी सक्रियता वाले क्षेत्रों में संघ की शाखाओं का संचालन और इसके जरिए लोगों को धर्मांतरण ना करने की सीख देने को लेकर बड़ा एजेंडा भी उनकी बैठकों में तय हो सकता है।

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