GST: 18 से 20 साल से एक जगह जमे इस विभाग के अधिकारी हटाए गए, 18 जिलों में खुला....

GST: छत्तीसगढ़ के जीएसटी विभाग के ऐसे रसूखदार अधिकारियों के विकेट उड़ गए, जो 18-20 से एक ही जगह जमे हुए थे। इनमें से कुछ ऐसे थे, जो नियमों को धत्ता बताते हुए नौकरी लगने से अभी तक होम डिस्ट्रिक्ट में पोस्टेड थे। कई सरकारें आई, गईं मगर उन्हें कोई हिला नहीं पाया।

Update: 2025-06-28 11:02 GMT
GST: 18 से 20 साल से एक जगह जमे इस विभाग

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GST: रायपुर। जीएसटी मंत्री ओपी चौधरी ने कड़े तेवर दिखाते हुए जीएसटी महकमे में कल मेजर सर्जरी की। इसमें उन्होंने 200 अधिकारियों को बदल दिया। याने कुल स्ट्रेंग्थ के आधे अधिकारी बदल गए।

बताते हैं, इन 200 में से कई अधिकारी ऐसे थे, जो सालोसाल से एक ही जगह पोस्टेड थे। सूबे में सरकार बदलती रही, लेकिन उनकी कुर्सी नहीं हिली। अलबत्ता, हैरानी ये कि कुछ अधिकारी नियुक्ति से लेकर अभी तक होम डिस्ट्रिक्ट में रहे। जबकि, गृह जिले में पोस्टिंग का नियम नहीं है। बहरहाल, बड़े स्तर पर हुई इस सर्जरी से GST महकमे में खलबली मच गई है। कई के वकीलों के घर दौड़ लगाने की खबरें आ रही हैं।

बड़ा रिफॉर्म

व्यापक स्तर पर ट्रांसफर के साथ ही GST विभाग ने अहम सुधार का भी प्रयास किया है। अब सभी जिलों में GST कार्यालय खोलने के साथ ही वहां अधिकारियों की पोस्टिंग भी कर दी गई है। राज्य बनने के बाद 25 साल में 18 ज़िलों में GST ऑफिस नहीँ खुला था। छोटे जिले के व्यापारी को रायपुर, बिलासपुर आना पड़ता था।

विभाग में गुणात्मक सुधार के लिये बड़े पैमाने पर तबादले

वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग में काफी वर्षों बाद इतने बड़े पैमाने पर तबादले हुए हैं, इससे पहले दो-तीन वर्षों में एकाध बार ही तबादले होते थे, वे भी केवल 10-15 अधिकारियों के

नयी सरकार हर हाल में सभी विभागों के कामकाज में पारदर्शिता और गुणात्मक सुधार लाने के लिये हरसंभव उपाय कर रही है। जीएसटी विभाग में अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी वर्षों से एक ही जगह पदस्थ थे. इनमें से कुछ अधिकारी तो 18 वर्षों से एक ही जगह पदस्थ थे।

विभाग में राज्य कर उपायुक्त के 35 पद स्वीकृत है. इनमें से 17 को पदोन्नति पश्चात् पदस्थापना दी गयी है, शेष 08 उपायुक्त में से 03 उपायुक्त 10 सालों से, 02 उपायुक्त 08 सालों से व 03 उपायुक्त 4-5 सालों से रायपुर में ही पदस्थ थे. 08 उपायुक्त अपने गृह जिले में ही 05 वर्षों से एवं 04 सहायक आयुक्त अपने गृह जिले में ही 05 वर्षों से पदस्थ थे। 178 राज्य कर अधिकारी/राज्य कर निरीक्षक 4-5 सालो से एक ही जगह में पदस्थ थे, इसमें से 34 राज्य कर अधिकारी एवं 45 राज्य कर निरीक्षक अपने गृह जिले में ही 05 वर्षों से पदस्थ थे।

टैक्स कलेक्शन विभाग होने के कारण एक ही जगह पर लंबे समय से अधिकारियों के पदस्थ रहने से व्यापारियों से व्यक्तिगत संबंध होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे कामकाज पर असर पड़ता है।

नयी सरकार के गठन से पहले वाणिज्यिक कर विभाग में वृत्तों की संख्या कहने को तो 30 थी, परंतु इसके कार्यालय केवल 15 जिलों में सीमित थे।

जबकि राज्य सरकार के सभी प्रमुख विभागों के कार्यालय सभी जिलों में है. इस कमी को देखते हुए पहली बार दंतेवाडा, कोंडागांव, जशपुर तथा नवगठित जिले सक्ती, सारंगढ़ में भी वृत्त खोले गये हैं और इनमें अधिकारी भेजे गए हैं।

विभाग में रेवेन्यू कलेक्शन को बढ़ाने के लिये बीआईयू और ऑडिट यूनिट बनाये गये हैं और इनमें अधिकारियों को पदस्थ किया गया है।

इतने बड़े पैमाने पर तबादले होने के बाद भी यह ध्यान रखा गया है कि पति और पत्नी की पदस्थापना एक ही जिले में हो साथ ही महिला अधिकारियों का तबादला निकटवर्ती जिलों में ही किया गया है।

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