Dantewada News: ’स्वच्छता ही सेवा’: ग्राम चितालूर में स्वच्छता का अलख जगाया

Dantewada News: दंतेवाड़ा स्वच्छता, राजनीतिक स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह कथन सदैव हमारे समाज में स्वच्छता के महत्व को दर्शाता है

Update: 2024-08-06 10:09 GMT

दंतेवाड़ा स्वच्छता, राजनीतिक स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह कथन सदैव हमारे समाज में स्वच्छता के महत्व को दर्शाता है स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिए हर एक को स्वच्छता की आदत बनानी चाहिए। इस कड़ी में ब्लॉक दंतेवाड़ा के चितालूर ग्राम 21 वर्ष के ’’युवोदय स्वयंसेवक मनोज’’मरकाम, ने इन पंक्तियों को सार्थक करते हुए ग्रामीणों में स्वच्छता की अलख जगाया है। किसान परिवार से संबंधित मे स्वयं मनोज ने बताया कि उनके पिता एक कृषक है, जबकि माता स्वच्छता कर्मचारी के रूप में कार्य करती हैं। उन्होंने शुरुआत से ही अपनी मां को स्वच्छता कर्मचारी के रूप में कार्य करते देखा है। और समुदाय में साफ सफाई और स्वच्छता के प्रति प्रेरणा उन्हें अपने मां से ही मिली।

अपने ग्राम में साफ-सफाई एवं स्वच्छता के बारे में जागरूक करने की इसी तीव्र इच्छा ने उन्हें युवोदय संगठन से जोड़ा। युवोदय संगठन मे कार्य करने के बाद ही उन्होंने जाना कि कैसे हम स्वयंसेवा के माध्यम से समुदाय में एक सकारात्मक बदलाव ला सकते है? तो उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में यह बदलाव लाने का प्रयास करते हुये स्थानीय ग्रामीणों को शौचालय का उपयोग करने, कचरे का पृथक्करण एवं निस्तारण करने, जल स्त्रोतों के आसपास साफ सफाई रखने, सोख्ता गड्ढा का निर्माण करने, एवं समय समय पर हाथ धुलाई के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

जैसा कि मनोज ने आगे बताया कि उनके गांव के कई परिवार आज भी शौचालय का उपयोग न करते हुए, खुले में शौच करते हैं। तो उन्होंने इस समस्या को देखते हुए अपने ग्राम पंचायत में सर्वेक्षण किया एवं जानकारी एकत्र की। मनोज ने सर्वेक्षण में उन कारणों को भी जानने की कोशिश किया कि किस वजह से परिवार शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर ग्रामीणों ने कई कारण जैसे घर पर शौचालय न होने, शौचालय का निर्माणधीन होने अथवा मरम्मत की आवश्यकता जैसे कारणों से मनोज को अवगत कराया। इस पर मनोज ने ग्रामीणों शौचालय का उपयोग करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करते हुए ग्रामीणों यह समझाने का प्रयास किया कि भविष्य में उन्हें शौचालय की न होने की दशा में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, और आसपास की अस्वच्छता से हैजा, डायरिया, मलेरिया, डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों की आशंका हमेशा बनी रहेगीं। जिससे पूरा परिवार चपेट में आ सकता है। ग्रामीणों को समझाने के इस कठिन प्रयास के बाद मनोज ने जिन ग्रामीणों के यहां शौचालय थे उन्हें नवीनीकरण कराने का आग्रह किया इस पर ग्रामीणों ने शौचालय के महत्व को गंभीरता से लिया और अपने-अपने शौचालय को दुरुस्त करते हुए उसका उपयोग करना शुरू कर दिया। इसी के साथ उन्होंने गांव के सरपंच एवं सचिव के माध्यम से ग्राम के सामुदायिक शौचालय में भी पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करवाया जो कि पूर्व में उचित व्यवस्था व सुविधा के अभाव में उपयोगी नही था।

अपनी स्वच्छता के प्रति जज्बे को पुख्ता करते हुए मनोज मरकाम ने घर-घर जाकर कचरा का उचित प्रबंधन एवं निस्तारण के लिए भी जानकारी देते हुए कचरे के पृथक्करण हेतु प्रेरित किया। ताकि कचरे का उचित निस्तारण पृथक्करण शेडों में किया जा सके। इसके अलावा मनोज समय समय पर गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर बच्चों को हाथ धुलाई की प्रक्रियाओं के बारे में बताते हुए जागरूक करने का कार्य कर रहे है, ताकि बच्चों से गंभीर बीमारियों के खतरे से उनका बचाव किया जा सके। इसी के साथ मनोज के द्वारा सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करते हुए, गांव के सरपंच एवं सचिव को सामुदायिक जल स्रोत में सोख्ता गड्ढा की आवश्यकता से अवगत करवाते हुए गांव के 10 सामुदायिक जल स्त्रोतों में सोख्ता गड्ढा का निर्माण करवाया। युवोदय स्वयंसेवक मनोज मरकाम के स्वच्छता के प्रति समर्पण अभियान के संबंध में इसी ग्राम की निवास महिला चांदनी नाग बताती हैं कि उन्होंने मनोज के आग्रह करने के बाद अपने घर में शौचालय का निर्माण करवाया, जिसके बाद से उनका पूरा परिवार शौचालय का उपयोग कर रहा है। चांदनी का यह भी कहना था कि पूर्व में खुले में शौच करने के चलन से कई प्रकार की सामाजिक, व्यक्तिगत, सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब घर मे ही शौचालय के बन जाने से पूरे परिवार को सुविधा हो रही है। वर्तमान में ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव सहित अन्य ग्रामवासी भी मनोज मरकाम की स्वच्छता के प्रति सक्रियता व समर्पित भावना को देखकर बेहद प्रभावित हैं।


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