Dongargarh News: मां बमलेश्वरी मंदिर में युवक की मौत, ज्योति कलश कक्ष में ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबियत, मंदिर प्रबंधन पर लगे गंभीर आरोप

Dongargarh News: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर से बड़ी खबर सामने आ (Dongargarh News) रही है. ज्योति कलश कक्ष में काम कर रहे युवक की मौत हो गयी इस घटना के बाद मंदिर प्रबंधन पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं.

Update: 2025-10-04 08:12 GMT

Dongargarh News: राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर से बड़ी खबर सामने आ (Dongargarh News) रही है. ज्योति कलश कक्ष में काम कर रहे युवक की मौत हो गयी इस घटना के बाद मंदिर प्रबंधन पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. 

 मां बम्लेश्वरी मंदिर के ज्योति कलश कक्ष युवक की मौत 

घटना 30 सितंबर को हुई है. मां बम्लेश्वरी मंदिर के ज्योति कलश कक्ष में काम कर रहे आदिवासी युवक की तबियत बिगड़ने लगी उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी और फिर उसकी जान चली गयी. 

मृतक युवक की पहचान शीतल मंडावी (38 वर्ष) के रूप में हुई है. शीतल मंडावी गांव घोटिया का रहने वाला था. मृतक शीतल मंडावी डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर के न ऊपर मंदिर में ज्योति कलश की देखभाल करने का काम करता तह. वह हर साल नवरात्र में ज्योति कलश कक्ष में काम करता था. इस साल भी वह ज्योति कलश में काम करने वाले टीम का हिस्सा था.

काम के दौरान बिगड़ी तबियत 

30 सितंबर को वह ज्योति कलश कक्ष में ही था. इसी बीच देर रात करीब 2 बजे कलश कक्ष की धुआं और गर्मी युवक की तबीयत खराब हो गयी. उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी. उसे सीढ़ियों से अस्पताल ले जाया जाने लगा लेकिन जब तक उसे अस्पताल ले जाते तब तक उसकी मौत हो गयी. 

परिवार को मुआवजा देने की मांग 

युवक की मौत के बाद बवाल मच गया है. गोंड समाज ने न्याय की मांग की है. मंदिर प्रबंधन मां बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. आरोप है युवक की तबियत बिगड़ने पर उसे रोपवे की जगह सीढ़ियों से नीचे उतारा गया. जिस वजह से अस्पताल पहुंचने में देरी हुई और उसकी मौत हो गयी. अगर रोपवे से नीचे उतारा जाता तो उसकी जान बच जाती है. गोंड समाज ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है. 

वहीँ, इस घटना को लेकर मंदिर ट्रस्ट के मंत्री महेंद्र परिहार की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है. उन्होंने कहा, युवक की तबीयत बिगड़ने पर ऊपर मौजूद डॉक्टर ने उसे ऑक्सीजन दिया, रोपवे बंद हो जाने के कारण उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर सीढ़ियों से नीचे भेजा गया था. दूसरी तरफ लोगों न इस घटना की जांच की मांग की है. 

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