स्कूलों में ‘न्योता भोजनः सामुदायिक भागीदारी से सरकारी स्कूलों में बच्चों के भोजन को ज्यादा पौष्टिक बनाने विष्णुदेव साय सरकार की अनूठी पहल

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की अभिनव पहल की गई है

Update: 2024-07-23 14:13 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की अभिनव पहल की गई है। शाला अवधि में विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इसे ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू की गई है। न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकेंगे।

न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ‘न्योता भोजन’ के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिये पूर्ण भोजन, कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन अथवा अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्ण या अतिरिक्त पोषण हेतु सामग्री प्रदान की जा सकती है जिसे शाला के रसोईयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है। दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत के अनुसार होनी चाहिए। पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है। शाला में बच्चों से पूछकर भी ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिये जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकें। ‘न्योता भोजन’ हेतु किसी प्रकार की कैश, चेक शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के जन्मदिवस पर हुआ न्योता भोजन

प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जन्मदिवस के अवसर पर रायपुर के सरदार प्रीतम सिंह सैनी प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला श्यामनगर में और शासकीय बालिका गृह खम्हारडीह में न्योता भोज का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने अपने हाथों से बनी खीर और केक बच्चों को खिलाई और उन्हें ढेर सारा स्नेह दिया। उन्होंने अपने परिवार जनों और बच्चों के साथ न्योता भोज भी किया। इस मौके पर श्रीमती साय ने बच्चों से पूछा कि खीर कैसी बनी है। बच्चों ने बताया कि खीर बहुत अच्छी बनी है। उन्होंने बच्चों को बताया कि अपने जन्मदिन पर हम लोग हमेशा खीर बनाते हैं। मेरे बच्चों को भी खीर बहुत प्रिय है। आप सब बहुत प्यारे बच्चे हैं इसलिए आपके लिए भी अपने जन्मदिन पर आज खीर बनाकर लाई हूं। इसी तरह बलरामपुर जिले में न्योता भोजन की शुरुआत हुई। विकासखण्ड रामचन्द्रपुर अंतर्गत गणमान्य नागरिक शर्मीला गुप्ता के द्वारा प्राथमिक शाला जलकेश्वरपारा रामानुजगंज में न्योता भोजन का आयोजन किया गया। उन्होंने स्कूल में पहुंचकर बच्चों को स्वादिष्ट भोजन कराया। भोजन में बच्चों को पोषक युक्त शुद्ध स्वादिष्ट भोजन के साथ मिष्ठान परोसा गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों सहित उपस्थित लोगों ने बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। साथ ही जिले के विभिन्न स्कूलों, आश्रमों, छात्रावासों में भी न्योता भोजन का आयोजन किया गया। जहां पर बच्चों को स्वादिष्ट भोजन खिलाया गया।

न्योता भोज में शामिल हुए डिप्टी सीएण और स्वास्थ्य मंत्री

उप मुख्यमंत्री अरुण साव तथा स्वास्थ्य मंत्री एवं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पेंड्रा में स्कूली बच्चों के न्योता भोज में शामिल हुए। उन्होंने बड़े स्नेह से बच्चों को भोजन परोसा और उनके साथ जमीन पर बैठकर खाना खाया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पेण्ड्रा में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला प्रशासन द्वारा आयोजित न्योता भोज में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक धरमलाल कौशिक, प्रणव कुमार मरपच्ची और किरण सिंह देव ने बच्चों को खीर, पूड़ी, पुलाव, पापड़, सलाद, चटनी और केला परोसा। उन्होने नन्हें बच्चों को अपने हाथों से खाना खिलाया और उनके साथ लाइन में बैठकर भोजन किया। उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और विधायकों के साथ जनप्रतिनिधियों ने बच्चों के साथ पौष्टिक और स्वादिष्ट न्योता भोज किया।

क्या है न्योता भोजन

न्योता भोजन एक ऐसा अवसर है जहां बच्चों के साथ अपनी खुशियां मनाई जा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति जो सक्षम है जो बच्चों के साथ खुशियां बाटना चाहता है, उसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने अच्छी योजना लाई है। कोई भी व्यक्ति ग्राम पंचायत या शहरी क्षेत्रों में बच्चों के साथ खुशियां बांट सकते हैं। न्योता भोजन की यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। विभिन्न त्यौहारों या अवसरों वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। इसके तहत शालेय बच्चों को समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं। यह मध्यान्ह भोजन के अतिरिक्त प्रदाय किया जाएगा।

‘न्योता भोजन’ सामुदायिक भागीदारी की अवधारणाः परदेशी

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी के मुताबिक ‘न्योता भोजन’ की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों, त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते है। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में न्योता भोजन की अवधारणा रखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभान्वित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते है।

संभावित दाताओं की पहचान

समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके। दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाए। भोजन दान की प्रकृति को महादान के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए, जिसमें पूरे विद्यालय अथवा किसी कक्षा विशेष के बच्चों को ‘न्योता भोजन’ कराया जाता है। ‘न्योता भोजन’ के दिन दान-दाता को शाला में आमंत्रित किया जाए। ‘न्योता भोजन’ की घोषणा प्रार्थना के दौरान की जाए। घोषणा में दान-दाता के नाम की भी घोषणा की जा सकती है अथवा उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है।

सबके प्रयास से हो सार्थकता

शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान ‘न्योता भोजन’ के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान, ‘न्योता भोजन’ की समय सारणी पर चर्चा की जाए। ‘न्योता भोजन’ के दौरान बच्चों को प्रदान किये जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रकार और मात्रा पर बैठकों में चर्चा की जाए। सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने में पर्याप्त सावधानी बरती जाए। सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु, ‘न्योता भोजन को बढ़ाने के लिये ‘सबका प्रयास’ अवधारणा का उपयोग किया जाना चाहिये। सबका प्रयास, समुदाय का एक प्रयास हो सकता है। इसके लिये समुदाय को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों के लिये अतिरिक्त खाद्य पदार्थों के प्रावधान के पोषण संबंधी लाभ से अवगत कराया जाए। इसमें मौसमी फल जो कम कीमत वाले और विटामिन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हों, बच्चों को दिया जा सकता है। ‘न्योता भोजन’ के तहत अतिरिक्त भोजन प्रदान करने में रूचि रखने वाले सभी समुदाय के सदस्यों के लिये शाला स्तर पर एक रोस्टर तैयार किया जा सकता है। अधिकतम योगदान देने वाले समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जा सकता है। वास्तव में सबका प्रयास के माध्यम से सभी समुदाय के सदस्य या तो पूर्ण भोजन के रूप में खाद्य पदार्थ या फल, मिष्ठान आदि उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। न्योता भोजन की अवधारणा को सफलतापूर्वक जनांदोलन बनाया जाए।

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