Chhattisgarh Korea District:ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध कोरिया जिला, जानिए कोरिया जिले की पूरी जानकारी

Chhattisgarh Korea District: कोरिया जिला छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध जिला है. इस जिले की विशेषता इसके अद्भुत प्राकृतिक संसाधनों, ऐतिहासिक धरोहरों, और आदिवासी संस्कृति में निहित है. यहाँ की जनसंख्या में आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, आइए जानते हैं कोरिया जिले की पूरी जानकारी

Update: 2025-03-23 11:09 GMT
Chhattisgarh Korea District:ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध कोरिया जिला, जानिए कोरिया जिले की पूरी जानकारी
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Chhattisgarh Korea District: कोरिया जिला छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध जिला है. कोरिया जिले का प्रशासनिक मुख्यालय बैकुंठपुर है. इस जिले की विशेषता इसके अद्भुत प्राकृतिक संसाधनों, ऐतिहासिक धरोहरों, और आदिवासी संस्कृति में निहित है. यहाँ की जनसंख्या में आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, साथ ही यहाँ के प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल इसे एक विशिष्ट पहचान देते हैं. आइए जानते हैं कोरिया जिले की पूरी जानकारी

कोरिया जिले का इतिहास

कोरिया जिले का इतिहास बहुत पुराना और रोचक है. 16वीं शताब्दी से पहले इस क्षेत्र के बारे में बहुत कम जानकारी प्राप्त है, लेकिन यह क्षेत्र ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत एक रियासत हुआ करता था. कोरिया के साथ-साथ चांग भाकर भी एक महत्वपूर्ण रियासत थी. भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1 जनवरी 1948 को कोरिया और चांग भाकर के शासकों ने भारत संघ में प्रवेश किया और ये दोनों रियासतें मध्य प्रदेश के सरगुजा जिले का हिस्सा बन गईं.

25 मई 1998 को कोरिया जिला अस्तित्व में आया जब इसे सरगुजा जिले से अलग कर नया जिला बनाया गया. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, कोरिया जिला छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा बन गया.

कोरिया का भूगोल और जलवायु

कोरिया जिला 22°56′ और 23°48′ उत्तर और 81°56′ और 82°47′ पूर्व के बीच स्थित है. यह जिला उत्तर-पश्चिम में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, दक्षिण में कोरबा और पूर्व में सूरजपुर जिले से घिरा हुआ है. जिले का कुल क्षेत्रफल 5977 किमी² है, जिसमें 59.9% वन क्षेत्र शामिल है। यहाँ की पर्वत श्रृंखलाएँ बहुत ही भव्य हैं, और जिले की सबसे ऊँची चोटी देवगढ़ है, जो 1027 मीटर (3370 फीट) ऊँची है. यहाँ की जलवायु हल्की मानसून, हल्की गर्मी और सहनीय सर्दी के साथ है, जो इसे एक आदर्श जगह बनाती है.

जनसांख्यिकी और समाज

2011 की जनगणना के अनुसार, कोरिया जिले की कुल जनसंख्या 658,917 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 51.38% और महिलाओं की संख्या 48.62% है. जिले की जनसंख्या घनत्व 100 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है, और लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 968 महिलाएं हैं. साक्षरता दर 71.41% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 75.7% और महिला साक्षरता दर 49.7% है. जिले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमशः 8.30% और 39.25% है.

जिले में विभिन्न समुदायों का निवास है, जिसमें कोल, गोंड, और भुइंहार (पंडो) समुदाय प्रमुख हैं. यहाँ अन्य समुदायों में चेरवा, रजवार, साहू, अहीर, ग्वाला, उरांव, गड़रिया (गड़ेरी), कोइर, बरगाह, बसोड़, मुस्लिम, कहार, कुनबी, केवट, गुप्ता, जायसवाल, अग्रवाल, जैन और पनिका जैसे लोग शामिल हैं.

कोरिया जिले में कृषि

कोरिया जिले में कृषि विविधता के बीच मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का, सरसों और गन्ना जैसी प्रमुख फसलों की खेती की जाती है. यह जिला सरगुजा के उत्तरी कृषि जलवायु क्षेत्र में स्थित है, जहाँ धान-गेहूं, मक्का-गेहूं/सरसों और गन्ना उगाने के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हैं. इसके अतिरिक्त, यहाँ के किसान लेमन ग्रास, गेंदा के फूल और मशरूम की खेती भी कर रहे हैं, जो उनकी आय में वृद्धि का एक नया स्रोत बनकर उभरी है. खासतौर पर, कोरिया जिले में गेंदा फूल की खेती एक नई पहल के रूप में सामने आई है, जो किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण बन चुकी है. इसके अलावा, बटन और पैरा मशरूम के उत्पादन से लगभग 200 परिवारों को अतिरिक्त आय मिल रही है, जिससे स्थानीय कृषि परिदृश्य में बदलाव आ रहा है.

कोरिया जिले की भाषाएँ

कोरिया जिले में मुख्य रूप से सरगुजिया, हिंदी, कुरुख, छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी बोली जाती हैं. सरगुजिया भाषा को 68.07% लोग अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं, जबकि हिंदी 20.62% की प्रमुख भाषा है. इसके अलावा, कुड़ुख, छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी भी स्थानीय भाषाएँ हैं.

कोरिया में प्राकृतिक संसाधन और खनिज

कोरिया जिला खनिज संसाधनों से समृद्ध है, खासकर कोयला, चूना पत्थर और रेड ऑक्साइड जैसी खनिजों से. यह खनिजों का भंडार जिले की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है. एशिया की सबसे बड़ी सुरक्षित भूमिगत खदान 'चरचा' यहां स्थित है, जो वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है. जिले में कई जलप्रपात और प्राकृतिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

कोरिया जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल

1. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सबसे खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है, कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर स्थित है. इस उद्यान की स्थापना 2001 में की गई थी, और इसका कुल क्षेत्रफल 1440.705 वर्ग किलोमीटर है. पहले यह मध्य प्रदेश का संजय राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था. यहां की प्रमुख नदियां हसदो, गोपद, और अरपा नदी हैं, जिनमें से अरपा नदी का उद्गम इसी उद्यान के अंदर से हुआ है.

यहां वन्य जीवों की समृद्ध विविधता पाई जाती है, जिसमें बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सियार, सांभर, बाइसन और धारीदार हाइना जैसे जानवर शामिल हैं. साथ ही, विभिन्न आकर्षक पक्षियों की भी उपस्थिति है, जैसे हुडेड ओरियल, रैकेट पूंछ ड्रोंगो और भारतीय रूफुस-तड़पाई. यह उद्यान आदिवासी जनजातियों जैसे चेरवा, पांडो, गोड़, और खैरवार की आवास स्थली भी है.

2. अमृतधारा जलप्रपात

अमृतधारा जलप्रपात हसदो नदी पर स्थित है और इसकी ऊँचाई 90 फीट है. यह झरना सुरम्य हरियाली से घिरा हुआ है, और यहाँ का वातावरण अत्यधिक शांति और सौंदर्य से भरपूर है. दूर-दूर से पर्यटक इस जलप्रपात के पास पिकनिक मनाने के लिए आते हैं. यहाँ पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग द्वारा सुविधाएं भी विकसित की गई हैं. जलप्रपात के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर हर साल अमृतधारा महोत्सव का आयोजन करता है, जो कोरिया जिले के प्रमुख सांस्कृतिक आयोजनों में से एक है.

3. रामदहा जलप्रपात

रामदहा जलप्रपात, जो बनास नदी पर स्थित है, कोरिया जिले के बैकुंठपुर से 110 किलोमीटर दूर भरतपुर गांव के पास स्थित है. इस झरने की ऊंचाई लगभग 100 फीट और चौड़ाई 50 से 60 फीट है. यहां घने जंगलों के बीच ऊंची-ऊंची चट्टानों से गिरता पानी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है. यह स्थल पिकनिक के लिए आदर्श है, जहाँ लोग झरने में नहाने का आनंद भी लेते हैं.

4. गौराघाट वॉटरफॉल

गौराघाट वॉटरफॉल हसदो नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित है और यहां से पानी 60 फीट की ऊंचाई से गिरता है. यह जलप्रपात एक सुंदर पिकनिक स्थल है, खासकर मानसून के दौरान जब यह अपनी पूरी भव्यता से प्रकट होता है. वीकेंड पर परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताने के लिए यह स्थान बेहद आकर्षक है.

FAQS

प्रश्न 1. कोरिया जिले में कितनी तहसीलें हैं?

उत्तर: कोरिया जिले में कुल 4 तहसीलें बैकुंठपुर, सोनहत, बचरा-पोंड़ी और पटना हैं.

प्रश्न 2. कोरिया जिला कब बना था?

उत्तर: कोरिया 25 मई 1998 को जिला बना.

प्रश्न 3. कोरिया जिले के कलेक्टर कौन है?

उत्तर: कोरिया जिले की वर्तमान कलेक्टर चंदन संजय त्रिपाठी हैं.

प्रश्न 4. कोरिया का पिन नंबर क्या है?

उत्तर: कोरिया का पिन कोड 497559 है.

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