छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड डीजीपी के बेटे ने खुद का गला काटा, पहले भी कर चुके थे आत्महत्या की कोशिश...

पूर्व डीजीपी के बेटे ने गला काटकर आत्महत्या कर ली। डीजीपे के बेटे ने घर पर ही आत्महत्या की। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है...

Update: 2024-10-27 08:02 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे श्रीमोहन शुक्ला के बेटे ने भोपाल के अपने मकान में हाथ की नस और गला काटकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम 54 वर्षीय तुषार शुक्ला था। बताया जा रहा है कि तुषार शुक्ला पिछले दो सालों से डिप्रेशन में चल रहे थे। भोपाल के कमला नगर में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रह रहे थे।

जानकारी के मुताबिक, तुषार शुक्ला छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड डीजीपी मोहन शुक्ला के बेटे थे। कमला नगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। शनिवार की शाम उनकी पत्नी और बेटे ने उन्हें लहूलुहान हालत में हेजला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां डाॅक्टरों ने उपचार के दौरान तुषार को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि तुषार पिछले कुछ माह से डिप्रेशन में थे। वे घर में रहकर ही पुस्तके पढ़ते थे।

कुछ समय पहले भी उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की थी। फिलहाल उनकों किस बात का डिप्रेशन था, इस बात का खुलासा परिजनों ने नहीं किया है। 

बताया जा रहा है कि तुषार ने आत्महत्या करने के लिए पहले अपने हाथ की नस काटी, जब उन्हें लगा कि इससे भी उनकी मौत नहीं हुई तो उन्होंने अपना गला काट लिया। कमरे से खून निकलता जब उनकी पत्नी ने देखा तो इसकी जानकारी अपने बेटे को दी। दोनों ने उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया था।

जहाँ डाॅक्टरों ने उपचार के दौरान तुषार को मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पूर्व डीजीपी के बेटे ने ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही घटना की जांच कर रही है।

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ राज्य बन्ने के बाद IPS श्रीमोहन शुक्ला को एक नवम्बर 2000 को प्रदेश का पहला डीजीपी बनाया गया था। उन्होंने 26 मई 2001 तक पुलिस बल का नेतृत्व किया। सेवानिवृत्ति के बाद वे भोपाल के वैशाली नगर में ही रहते थे।

श्रीमोहन शुक्ला क़े इकलौते बेटे तुषार लंबे समय से बेरोजगारी से जूझ रहे थे। छत्तीसगढ़ बनने क़े बाद कुछ साल तक प्राइवेट कंपनियों में लाइजनिंग का काम देखा। बाद में पिता का प्रभाव कम हो जाने पर कंपनियों ने उन्हें हटा दिया। इसके बाद वे भोपाल शिफ्ट हो गए।

श्रीमोहन शुक्ला छत्तीसगढ़ क़े फर्स्ट डीजीपी थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने उनसे वीआरएस दिलाकर रामलखन सिंह को डीजीपी बनाया था। इसके बदले में शुक्ला को पीएससी चेयरमैन का दायित्व सौंपा गया। मध्यप्रदेश में कई जिलों क़े एसपी रहे श्रीमोहन शुक्ला ईमानदार आईपीएस माने जाते थे।

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