Chhattisgarh: दिव्यांग शिक्षक ने बैंक के बाहर कराया मुंडन, पिंडदान कर जताया विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला?..

Chhattisgarh: दिव्यांग शिक्षक पवन दुबे के पिता की मृत्यु हो गई। पिता के आत्मा की शांति के लिए होने वाले कार्यक्रम में उसे पैसों की आवश्यकता थी। चूंकि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उसने लोन भी राज्य ग्रामीण बैंक से ले रखा था...

Update: 2024-10-10 08:27 GMT

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ से एक अनूठा मामला सामने आया है। जहां एक दिव्यांग शिक्षक ने अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के सामने मुंडन व पिंडदान कर विरोध जताया है।

दरअसल, दिव्यांग शिक्षक पवन दुबे के पिता की मृत्यु हो गई। पिता के आत्मा की शांति के लिए होने वाले कार्यक्रम में उसे पैसों की आवश्यकता थी। चूंकि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उसने लोन भी राज्य ग्रामीण बैंक से ले रखा था, जिसका भुगतान हर महीने उसकी सैलरी से होता है। शिक्षक ने पिता के कार्यक्रम का हवाला देकर बैंक प्रबंधन को एक माह लोन नहीं काटने का आग्रह किया था। लेकिन बैंक द्वारा लोन काट लिया गया। इस बात से नाराज दिव्यांग शिक्षक ने बैंक के सामने विरोध जताया।

दिव्यांग शिक्षक पवन दुबे ने मीडिया को बताया कि 24 सितंबर को अचानक उनके पिता का देहांत हो गया था।  हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पिता के निधन के बाद होने वाले कार्यक्रमों के लिए पैसों की आवश्यकता थी। इसी बीच, शिक्षक ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने निवेदन किया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और सितंबर माह का लोन न काटकर अगले महीने की कटौती की जाए। लेकिन बैंक के प्रबंधक ने दिव्यांग शिक्षक के प्रार्थना पत्र को नजरअंदाज कर दिया और शिक्षक का वेतन काट लिया।

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इस स्थिति ने दिव्यांग शिक्षक के लिए अपने पिता का अंतिम संस्कार संपन्न करना मुश्किल कर दिया। मानसिक और सामाजिक लाचारी के चलते शिक्षक पवन दुबे ने नाराज होकर बैंक के सामने विरोध जताते हुए अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए मुंडन करवाया और वहीं पिंडदान भी किया।

इधर, बैंक प्रबंधक के इस अमानवीय व्यवहार को लेकर समाज में भारी आक्रोश है। लोग खुलेआम बैंक की निंदा कर रहे हैं और इसे संवेदनहीनता की चरम सीमा मान रहे हैं। 

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