CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण के खिलाफ शिक्षकों की याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, पढ़िए कोर्ट ने क्या कहा

युक्तियुक्तकरण के खिलाफ तीन शिक्षकों चंद्रभान वर्मा,अपर्णा त्रिपाठी व गायत्री वर्मा ने अधिवक्ता संदीप दुबे के जरिए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रविंद्र अग्रवाल ने कुछ इस तरह का आदेश जारी किया है।

Update: 2025-06-21 05:52 GMT

High Court News

बिलासपुर। चंद्रभान वर्मा शासकीय हाईस्कूल लाभांडी,अपर्णा त्रिपाठी हायर सेकेंडरी स्कूल मोहदी व गायत्री वर्मा हाई स्कूल उरकुरा ने युक्तियुक्तरण की प्रक्रिया के दौरान डीईओ व बीईओ द्वारा अपनों को उपकृत करने अतिशेष शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। रिट याचिका दायर कर याचिकाकर्ता शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर राज्य शासन के निर्देश पर डीईओ व जेडी द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश और कार्रवाई को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने याचिका दायर पूरी प्रक्रिया का रद्द करने की मांग की है।

याचिका की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल किया गया है। डीईओ द्वारा जारी अतिशेष सूची राज्य शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण के लिए तय मापदंडों व निर्देशों के विरुद्ध है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मनमाने ढंग से अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की है। याचिकाकर्ता शिक्षकों को सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया है। अधिवक्ता संदीप दुबे ने कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को अंतरिम राहत नहीं दी जाती है तो उनको अपूरणीय क्षति होगी।

तय मापदंड व प्रावधानों का अधिकारियों ने किया है उल्लंघन-

अधिवक्ता संदीप दुबे ने सिंगल बेंच के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण निर्देश 02-08-2024 के खंड 7(सी) (3) के प्रावधानों का अधिकारियों ने उल्लंघन किया है। अधिवक्ता दुबे ने कहा कि नियमों व गााइड लाइन के अनुसार युक्तियुक्तकरण के दौरान अन्य के अलावा कनिष्ठ शिक्षकों को भी अतिशेष शिक्षक घोषित किया जाना है। अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता शिक्षक अन्य उम्मीदवारों से वरिष्ठ हैं। यह जानते हुए भी अधिकारियों ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को अतिशेष की श्रेणी में लाते हुए मनमाने ढंग से आदेश जारी किया है।

जूनियर के बजाय सीनियर को बता दिया अतिशेष

अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा अधिकारियों ने अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाते वक्त जमकर मनमानी की है। यािचकाकर्ता तीनों ही शिक्षक अपने विद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षक हैं। इनसे जूनियर शिक्षक भी पदस्थ हैं। जूनियर व अपने चेहतों को बचाने के लिए अधिकारियों ने सीनियर शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल कर दूसरे स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है। अधिवक्ता ने पदस्थापना आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

राज्य शासन ने रखा अपना पक्ष-

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बाद याचिकाकर्ता शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा जारी युक्तिकरण निर्देशों के तहत स्थानांतरित किया गया है। विधि अधिकारी ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को कोई शिकायत है, तो वह संबंधित संभागीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष नया अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है और समिति निर्धारित अवधि के भीतर कानून के अनुसार उसके अभ्यावेदन पर निर्णय लेगी।

25 जून को समिति के सामने उपस्थित होना होगा-

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को पांच दिनों के भीतर डिविजनल युक्तियुक्तकरण अधिकारी जेडी शिक्षा विभाग के समक्ष उपस्थित होकर अभ्यावेदन पेश करना होगा। अभ्यावेदन के निराकरण के लिए 25 जून को समिति के समक्ष उपस्थित होने निर्देश जारी किया है।

सात दिनों के भीतर देना होगा फैसला-

संभागीय युक्तियुक्तकरण समिति को याचिकाकर्ता शिक्षकों के अभ्यावेदन पर कानून के अनुसार विशेष रूप से धारा 7(सी)(3) के मद्देनजर सात दिनों के भीतर अपना फैसला सुनाना होगा।

याचिकाकर्ताओं ने इन्हें बनाया है प्रमुख पक्षकार-

छत्तीसगढ़ राज्य अपने सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग।

निदेशक, लोक शिक्षण संचालनालय।

संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग रायपुर।

जिला शिक्षा अधिकारी, जिला - रायपुर।

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड धरसींवा, जिला रायपुर।

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