CG Vidhansabha Budget Session 2025: विधायक लहरिया के सवाल सुनकर विधानसभा अध्यक्ष डा रमन मुस्कुरा दिए, ठहाकों से गूंजा सदन
CG Vidhansabha Budget Session 2025: गुरुवार को प्रश्नकाल के शुरुआती समय में गंभीर सवालों से सदन गरम हो उठा था। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल विधायकों के निशाने पर रहे। इसी दौर में एक वक्त ऐसा भी आया जब सदन में विधायकों ने जमकर ठहाके लगाए। आसंदी पर बैठे विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए और मुस्कार उठे। मस्तूरी के विधायक दिलीप लहरिया ने खाद्य मंत्री बघेल से सवाल ही कुछ ऐसा कर दिया।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी, राशन दुकानदारों को कमीशन की राशि के भुगतान में विलंब और किराए की दुकान और किराया को लेकर सत्ता और विपक्षी दल के विधायकों ने खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को जमकर घेरा। सवाल-जवाब के बीच मस्तूरी के विधायक दिलीप लहरिया के एक सवाल से सबकी हंसी छूट गई। उनका सवाल सुनकर विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह मुस्करा उठे।
विधायक लहरिया ने पीडीएस के संचालन की व्यवस्था को लेकर मंत्री से सवाल पूछा। विधायक ने कहा कि जहां भवन बनकर तैयार है वहां किराए के घरों में पीडीएस का संचालन क्यों किया जा रहा है। मंत्री दयालदास बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 482 दुकानें किराए के घरों में संचालित की जा रही है। भवन निर्माण के संबंध में कहा कि राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं और अलग-अलग मदों से भवन का निर्माण कराया जाता है। विधायक के सवाल पर कि ग्राम धनगंवा में पीडीएस का भवन बनकर तैयार है पर वहां के बजाय किराए के घर पर दुकान का संचालन किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि धनगंवा विधायक का गांव है। अगर आप चाहें तो पीडीएस भवन में दुकान खुलवा लें। मंत्री के इस जवाब के बाद विधायक लहरिया ने पूछा कि किराए के घरों में संचालित राशन दुकानों का किराया कौन देता है। किराया भुगतान की क्या व्यवस्था है। मंत्री ने बताया कि जिस स्व सहायता समूह को दुकान संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है किराए का भुगतान भी समूह ही करता है। राज्य शासन की ओर से इसकी व्यवस्था नहीं की जाती।
0 किराया जेब से देते हैं या फिर इधर-उधर करते हैं
मंत्री के जवाब के बाद विधायक दिलीप लहरिया से बिना कोई भूमिका बांधे सीधे सवाल पर आ गए और मंत्री से पूछा कि चलिए आप जो बोल रहे हैं वह सही है, किराया समूह ही पटाता है। किराया जेब से देते हैं या फिर इधर-उधर करते हैं। उनका इतना पूछना था कि विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह अपनी हंसी नहीं रोक पाए। आसंदी पर बैठे-बैठे मुस्करा उठे। सदन भी सदस्यों के ठहाकों से गूंज उठा।
भवन विहिन है, राशन दुकान संचालित करने वाले समूह किराया देते हैं। भवन निर्माण अलग-अलग मदों से होता है।