CG School: क्या कल से खुलेंगे के स्कूल? जानिये शिक्षक संगठनों की क्या है मांग और सरकार ने क्या लिया फैसला

CG School: राज्य सरकार ने सोमवार 16 जून से शाला प्रवेशोत्सव का आदेश जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के सिकरेट्री के आदेश पर गौर करें तो सोमवार से स्कूल खुलेंगी और आने वाले बच्चों के साथ शिक्षक प्रवेशोत्सव मनाएंगे। राज्य शासन की तैयारियों के बीच शिक्षक संगठन गर्मी को देखते हुए अभी और अवकाश की मांग कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों की मांग और राज्य शासन के निर्देश के बीच आइए जानते हैं कब से स्कूलों के पट खुल रहे हैं।

Update: 2025-06-15 10:22 GMT

CG School: रायपुर। राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर साेमवार 16 जून से शाला प्रवेशोत्सव मनाने के लिए जरुरी गाइड लाइन जारी कर दिया है। शासन के आदेश के बाद शिक्षक संगठनों की ओर से गर्मी का हवाला देते हुए अवकाश को आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है। शिक्षक संगठनों की मांग और स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के बाद अब इस बात को लेकर कयास लगाए जाने लगा है कि आखिर स्कूल कब से खुल रही है।

स्कूल शिक्षा विभाग के सिकरेट्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा निकाले गए आदेश पर गौर करें तो स्कूलों के पट सोमवार 16 जून से खुल रहे हैं। शिक्षकों ने इसकी तैयारी भी पूरी कर ली है। स्कूलों में रंग रोगन के साथ ही जरुरी मेंटनेंस भी कर लिया गया है। बच्चे और पालकों ने भी तैयारी पूरी कर रखी है। शिक्षकों और बच्चों की तैयारी के बीच गर्मी का हवाला देते हुए शिक्षक संगठनों ने राज्य शासन से ग्रीष्मकालीन अवकाश को थोड़े दिन के लिए आगे बढ़ाने की मांग की है। संगठनों की ओर से वर्तमान में छत्तीसगढ़ में पड़ रही भीषण गर्मी का हवाला दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो पूर्व में जारी किए गए आदेश में फिलहाल रद्दोबदल की संभावना नजर नहीं आ रही है। मौसम में बदलाव नजर आ रहा है। तापमान पर नजर डालें तो 32 से 34 डिग्री के बीच है। जून के महीने में जब स्कूल लग रही थी, तब तापमान 40 डिग्री या इससे ऊपर जा रहा था। मौसम विभाग की मानें तो अब तो मानसून की आहट भी सुनाई देने लगी है। बीते दो दिनों से मौसम में बदलाव भी नजर आ रहा है। इन सब कारणों को देखते हुए सोमवार 16 जून से ही स्कूलें खुलेंगी।

0 प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ये की थी मांग

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश में लगातार अवकाश को देखते हुए राज्य शासन को पत्र लिखकर स्थानीय अवकाश में कटौती करने की मांग की थी। एसोसिएशन ने कहा था कि स्थानीय छुट्टियों के कारण शासन की गाइड लाइन का स्कूलों में पालन नहीं हो पा रहा है।आलम ये कि तय गाइड लाइन से तकरीबन 40 दिन क्लास नहीं लग पा रही है। एजुकेशनल कैलेंडर का सही ढंग से पालन नहीं हो पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य शासन द्वारा घोषित स्थानीय अवकाश को माना जा रहा है।

0 प्रतिवर्ष 220 दिन कक्षाएं लगना अनिवार्य

स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश और मापदंड पर नजर डालें तो प्रतिवर्ष 220 दिन कक्षाएं लगना अनिवार्य किया गया है। शासन का मानना है कि इतने दिन की क्लास में शिक्षक बच्चों को सिलेबस के अनुसार पढ़ाई पूरी करा लेंगे। राज्य शासन द्वारा घोषित स्थानीय अवकाश के अलावा बीच में पड़ने वाली छुट्टियों के चलते तय मापदंड के अनुसार कक्षाएं नहीं लग पा रही है। बमुश्किल 180 दिन ही कक्षाएं लग रही है। मतलब ये कि 40 दिन की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसका असर बच्चों पर पड़ रहा है। सिलेबर पूरा ना होने के कारण बच्चों को संबंधित विषय के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। आधे अधूरी पढ़ाई के बीच परीक्षा दिलाना और आगे की कक्षाओं में चले जाना। यह कुछ छत्तीसगढ़ की स्कूलों में हो रहा है।

0 पांच साल से ऐसे ही चली आ रही है व्यवस्था

बीते चार से पांच वर्ष का शैक्षणिक कैलेंडर पर नजर डालें तो कमोबेश कुछ इसी तरह की व्यवस्था चल रही है। बमुश्किल 180 से 185 दिन ही स्कूल लग पा रही है। जाहिर है शिक्षा गुणवत्ता और बच्चों के शैक्षणिक मापदंड पर इसका असर तेजी के साथ पढ़ रहा है। बीते वर्ष और उसके पहले भी स्कूलों में सिलेबस पूरा ना होने की शिकायत रही है। व्यवस्था ऐसे ही बनी रही तो आगे भी कुछ इस तरह की दिक्कतें आती ही रहेंगी।

0 छग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने सीएम को लिखी थी चिट्टी

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने छग के तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल काे पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल व सीबीएसई के मापदंडों के अनुरुप सालभर में 220 दिन स्कूल लगाने की अनिवार्यता की मांग की थी। इसके लिए मापदंड व नियम बनाने की बात भी एसोसिएशन ने कही थी। इस पर आजतलक निर्णय नहीं हो पाया है।

0 अतिरिक्त छुट्टियां नुकसानदेह: राजीव गुप्ता

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि अतिरिक्त छुट्टियां छात्राें के हित के नजरिए से देखें तो बेहद नुकसानदेह है। स्थानीय अवकाश के दिनों पर छात्राें को छुट्टी नहीं देनी चाहिए,बल्कि दिन विशेष पर दो घंटे का अतिरिक्त एक्टिविटी क्लास लगाकर बच्चों को डे स्पेशल के बारे में जानकारी देनी चाहिए। इससे बच्चों का स्किल बढ़ेगा और कुछ नया सीखने को मिलेगा। छुट्टियों के चलते सिलेबस पूरा नहीं हो पा रहा है। यह चिंता की बात है। बच्चों के बेहतर भविष्य की चिंता करना आवश्यक है। इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की जरुरत है।

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