CG Scame News: छत्तीसगढ़ में गजब का घोटाला! फर्जी आर्किटेक्ट के नाम निगम ने पास कर दिया 400 से ज्यादा नक्शे, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लेकर निगम तक जुड़े फर्जीवाड़े के तार

CG Scame News: भारत मालाा परियोजना,अरपा भैंसाझार केनाल लैंड स्कैम, सीजीएमएससी रीएजेंट्स घोटाला। यह तो आपने सुना है और केंद्रीय व राज्य की प्रमुख एजेंसी इसकी पड़ताल भी कर रही है। छत्तीसगढ़ में एक और घोटाला फूटा है। फर्जी आर्किटेक्ट घोटाला। जी हां एक ऐसा इंजीनियर जो आर्किटेक्ट नहीं है, उसके नाम से बिलासपुर नगर निगम ने एक, दो नहीं 400 से अधिक नक्शा पास कर दिया है। घोटाले की तार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नगर निगम तक जुड़ते दिखाई दे रहा है।

Update: 2025-07-31 06:32 GMT

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CG Scame News: बिलासपुर। एक दो साल नहीं और भवन निर्माण के एक दो नक्शे नहीं। पूरे 10 साल तक 400 से अधिक नक्शे नगर निगम ने आर्किटेक्ट के नाम पर पास किया है। गजब ये भी कि नगर निगम के भवन शाखा के अधिकारियों और जिम्मेदारों को तब तक भनक ही नहीं लगी थी जिस विकास सिंह को आर्किटेक्ट बताते हुए लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ ही एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट भी कर दिया है, हकीकत में वह आर्किटेक्ट ही नहीं है। इंजीनियर होना अलग है और आर्किटेक्ट अलग। यह तकनीकी जानकारी निगम के सीनियर इंजीनियरों को भी पता नहीं लग पाया। लाइसेंस सस्पेंड होने के बाद जब एसोसिएशन के पदाधिकारी निगम कमिश्नर अमित कुमार के पास पहुंचे और हकीकत बताई तब निगम के जिम्मेदारों के होश उड़ गए।

जिस विकास सिंह को आर्किटेक्ट मानकर निगम के जिम्मेदार अधिकारी धड़ाधड़ भवन निर्माण के नक्शे पास करते जा रहे थे वह हकीकत में आर्किटेक्ट ही नहीं है। वह तो इंजीनियर है और वह भी बिलासपुर का नहीं है। आर्किटेक्ट एसोसिएशन के खुलासे के बाद अब फर्जीवाड़ा से परत-दर-परत पर्दा उठने लगा है। एसोसिएशन ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट द्वारा नक्शा तैयार करने एवं भवन निर्माण के सुपरविजन करने का शपथ पत्र दिया जाता है। विकास सिंह इंजीनियर है, वह नगर निगम बिलासपुर से लायसेंस क्रमांक 234 के जरिए पंजीकृत है। एसोसिशन ने बताया कि आर्किटेक्ट वही हो सकता है जो कि वास्तु अधिनियम 1972 के अंतर्गत पंजीकृत हो। रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट को नरग निगम में अलग से पंजीयन की अनिवार्यता नहीं रहती है।

ऑनलाइन प्रपोजल 11209 के माध्यम से महक आहुजा की ऑनलाइन वन अनुज्ञा का प्रकरण प्रस्तुत किया था। विकास सिंह ने अपने आपको अर्किटेक्ट बताते हुए भवन निर्माण का सुपरविजन करने के संबंध में सहमति एवं शपथपत्र प्रस्तुत किया था। सुपरविजन करने का शपथ पत्र देने के बावजूद स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण किया गया। इसके बाद विकास सिंह को26 जून 2025 और 16 जुलाई 2015 को दो बार नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा। जवाब ना आने पर लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ ही एक साल के लिए ब्लैक लिस्टेकर दिया।

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से जुड़ रहा कनेक्शन

इस पूरे फर्जीवाड़े की तार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से जुड़ते दिखाई दे रहा है। टीएंडसी के एक खटराल कर्मचारी का सामने आ रहा है। इस पूरे खेल को टीएंडसी में बैठकर खेलते रहने की आशंका भी जताई जा रही है। एक ऐसे इंजीनियर को आर्किटेक्ट ही नहीं है,रजिस्टर्ड करा दिया और पूरा खेल खेलते रहे। अचरज की बात ये साल 2015 से लेकर 2025 तक सैकड़ों आवेदन विकास सिंह के नाम पर जमा हुए। सब एक-एक कर पास भी होते रहे।

फर्जी सील सिक्का से 150 से ज्यादा ले आउट भी पास करा लिया

नगर निगम के साथ ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में भी यह खेला किया गया है। आर्किटेक्ट विकास के नाम पर 150 से ज्यादा ले आउट पास करा लिया गया है। टीएंडसी के खटराल अफसर की नगर निगम के अफसरों के बीच पैठ ऐसी कि एक ही दिन में 29 फाइलों को ओके कर दिया।

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