CG रिश्वतखोर पटवारी, लेखापाल गिरफ्तार: 19 हजार की रिश्वत लेते लेखापाल और 5 हजार की रिश्वत लेते पटवारी को ACB ने पकड़ा...

CG Bribery Patwari, Accountant arrested:

Update: 2024-09-20 12:17 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ की एसीबी ने घूसखोर दो लोकसेवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों काम कराने के एवज में रिश्वत ले रहे थे। पहले प्रकरण में एसीबी की टीम ने मनेंद्रगढ़ के जनपद पंचायत में पदस्थ लेखापाल सत्येंद्र सिंहा को पकड़ा गया है। दूसरी कार्रवाई अंबिकापुर में की गई। ग्राम भिटटी कला में पदस्थ पटवारी वीरेंद्र पांडेय को रिश्वत लेते रंगे हाथ एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया है। 

लेखापाल गिरफ्तार

प्रार्थी महेन्द्र सिंह ग्राम पंचायत लालपुर का सरपंच है। उसने एसीबी अंबिकापुर कार्यालय में शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत लालपुर में पूर्व में डी.एम.एफ. मद से एलईडी स्ट्रीट लाईट की स्थापना की गई थी जिसकी अंतिम किश्त 2,88,460 रू० की राशि का भुगतान किया जाना शेष था। उक्त कार्य के लिये प्रार्थी ने आरोपी सत्येन्द्र सिन्हा, सहायक श्रेणी-2 (लेखापाल), जनपद पंचायत, मनेन्द्रगढ़ से सम्पर्क किया तो आरोपी ने उक्त भुगतान हेतु 19,000 रिश्वत की मांग की। पीड़ित रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् आज 20.09.2024 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी सत्येन्द्र सिन्हा को प्रार्थी से 19,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

पटवारी गिरफ्तार

प्रार्थी डोमन राम राजवाड़े, ग्राम मिट्टीकला, अंबिकापुर ने एसीबी, अंबिकापुर कार्यालय में शिकायत की थी कि उसके पिता के नाम ग्राम भिट्टीकला में पैतृक भूमि थी, पिता की मृत्यु हो जाने से उक्त भूमि उसकी माता एवं 4 भाईयों के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होना था। प्रार्थी ने इस हेतु वीरेन्द्र पांडेय, पटवारी, ग्राम भिट्टीकला, अंबिकापुर से सम्पर्क किया तो उसने उपरोक्त कार्य को करने हेतु 5000 रिश्वत की मांग की। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था अपितु आरोपी को रिश्वत लेते पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् आज 20.09.2024 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी वीरेन्द्र पांडेय को प्रार्थी से 5,000 रू० रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। ज्ञातव्य हो कि ग्रामवासी आरोपी पटवारी के भ्रष्टाचार से व्यथित थे अतः एकजुट होकर एसीबी कार्यालय में शिकायत किये थे ।

उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।

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