CG Principle Posting: प्राचार्य पोस्टिंग काउंसलिंग में बड़ा खेला: 450 प्राचार्यों को सीधी पोस्टिंग, कुछ को BEO की कुर्सी सौंपने की भी तैयारी

CG Principle Posting: प्रदेशभर में हाल ही में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण ओपन काउंसलिंग के जरिए शत-प्रतिशत किया गया है। इसके पहले पूरे प्रदेश में प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर, अपर डिवीजन टीचर, हेड मास्टर मिडिल स्कूल प्रमोशन में भी शत-प्रतिशत काउंसलिंग किया गया है। सवाल यह उठ रहा है कि प्रिंसिपल पोस्टिंग के लिए डीपीआई अपने ही विभाग में दोहरा मापदंड क्यों अपना रहा है। चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि 450 शिक्षकों को सीधे पोस्टिंग की तैयारी की जा रही है। बीईओ बनाने का खेल भी चल रहा है। बीईओ की कुर्सी कैसे और किस अंदाज में अफसर शिक्षकों को सौपेंगे इसे लेकर भी अटकलबाजी लगाई जा रही है। दलाल किस्म के शिक्षक नेता भी पर्दे के पीछे सक्रिय नजर आ रहे हैं।

Update: 2025-08-17 06:50 GMT

CG Principle Posting: रायपुर। टी संवर्ग के 1335 शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर पोस्टिंग देनी है। इसके लिए ओपन काउंसलिंग तय किया गया है। अचरज की बात ये कि सभी शिक्षकों को ओपन काउंसलिंग में आमंत्रित करने के बजाय 844 को बुलाया गया है। शेष बचे 490 शिक्षकों को काउंसलिंग से दूर रखा गया है। इसी बीच डीपीआई ने प्राचार्य पदोन्नति के मद्देनजर डीईओ से प्राचार्य के अलावा बीईओ,डाइट व बीटीआई में समक्षक पदों और रिक्त पदों की जानकारी भी मंगाई है। काउंसलिंग के दौर में इस तरह की मंगाई जा रही जानकारी को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है।

ओपन काउंसलिंग में पर्दा डालने और बीईओ के अलावा डाइट और बीटीआई में रिक्त पदों को समाहित करने के पीछे बड़े खेल की तैयारी भी हो रही है। जिन शिक्षकों को काउंसलिंग में नहीं बुलाया जा रहा है, उसके पीछे जो कारण बताया जा रहा है वह भी कम लाजवाब नहीं है। मीड सेशन के चलते इनको डिस्टर्ब नहीं किया जाना है। मीड सेशन के बहाने खेला की तैयारी शुरू हो गई है। 450 के करीब शिक्षकों को बगैर काउंसलिंग सीधे पोस्टिंग देने की तैयारी अफसरों ने तकरीबन पूरी कर ली है। कारण भी ऐसा कि किसी को भनक तक ना लगे,विरोध भी ना हो और अपना काम पूरा हो जाए। शिक्षक संगठनों के अलावा कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का साफ कहना है कि जब युक्तियुक्तकरण में ओपन काउंसलिंग के जरिए सभी पद भरे गए हैं तो भला 1335 पदों को ओपन काउसलिंग के जरिए भरने में अफसरों को क्या दिक्कतें आ रही है। पदाधिकारियों ने आशंका जताई कि इसके पीछे बड़ा खेल करने की तैयारी अफसरों ने दलाल किस्म के शिक्षक नेताओं के जरिए कर ली है। लेनदेने की संभावना से भी ये पदाधिकार इनकार नहीं कर रहे हैं।

ये जानना भी जरुरी, BEO के लिए अनुभव अनिवार्य

बीईओ के पद पर पोस्टिंग के लिए राज्य शासन ने जरुरी गाइड लाइन भी बनाई है। तय मापदंड के अनुसार बीईओ की नियुक्ति के लिए पांच वर्ष प्राचार्य के पद पर कार्य करने का अनुभव जरुरी है। देखने वाली बात ये होगी अफसर अपने ही बनाए नियमों का कितनी गंभीरता के साथ पालन करते हैं। या फिर मीड सेशन की तरह कोई तोड़ निकालकर अपनों को उपकृत करने का खेल करते हुए आदेश जारी करते हैं।

दो दिन शुरू होगी काउंसलिंग

मई में सरकार ने व्याख्याता और प्रधान पाठकों का प्रमोशन कर 2813 प्राचार्य का आदेश जारी किया था। इनमें ई संवर्ग के 1478 पद थे और टी संवर्ग के 1335 पद। इनमें से ई संवर्ग का हाई कोर्ट में केस लंबित है, याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। उधर, डीपीआई ने टी संवर्ग की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महीने 20 अगस्त से तीन दिन काउंसलिंग होगी।

844 पदों के लिए काउंसलिंग क्यों?

अब सवाल उठता है कि टी संवर्ग में जब 1335 पद हैं तो 844 पदों के लिए काउंसलिंग क्यों हो रही है। 1335 पदों में से 73 शिक्षक जुलाई तक रिटायर हो चुके हैं। 415 प्रभारी प्राचार्य जिस हायर सेकेंड्री स्कूल में अगर सीनियर हैं तो उन्हें उसी स्कूल में पोस्टिंग दे दी जाएगी। इस तरह बच रहे हैं 844 पद। इसलिए डीपीआई 844 पदों के लिए ही काउंसलिंग कर रहा है।

इसलिए 415 प्राचार्यो का नहीं होगा ट्रांसफर

415 पदों के लिए काउंसलिंग नहीं करने के पीछे जो वजह विभाग की ओर से बताई जा रही है उसमें ये कि प्रभारी प्राचार्य के पद पर जिस स्कूल में पदस्थ हैं वहां उनसे सीनियर कोई नहीं है। लिहाजा उनको उसी स्कूल में पूर्णकालिक प्राचार्य की पोस्टिंग दे दी जाएगी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मीड सेशन को बताई जा रही है।

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