CG Politics News: चमचे पर रार: पायलट की मौजूदगी में पूर्व मंत्री ने कहा-हम किसी के चमचे नहीं, पूर्व CM भूपेश बोले...
CG Politics News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वोट चोरी के मुद्दे पर जुटे कांग्रेसियों के दिखे कई धड़े। सभा के मंच पर चरण दास महंत भी थे मौजूद। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-अब यह सब बंद करो।
CG Politics News: बिलासपुर। वोट चोरी के मसले पर छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर में मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा रहा। उम्मीद की गई थी कि प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में बड़े नेता एकजुटता दिखाएंगे। इसके विपरीत वोट चोरी की सभा के लिए बने मंच पर भी कांग्रेसियों ने एक- दूसरे को जवाब देने का मौका नहीं छोड़ा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बिलासपुर में एक बयान में कहा था कि चमचो, बिच्छू से दूर ही रहना चाहिए। उन्होंने रायपुर में कहा था कि नेताओं को अपने चमचों को संभालना चाहिए। इसका जवाब देते हुए बिलासपुर में वोट चोरी पर अपना भाषण देते हुए पूर्व मंत्री शिव डहरिया फिसल गए। मुद्दे से अलग जाकर उन्होंने कह दिया कि हम किसी के चमचे नहीं हैं। समझा जा रहा है कि यह डॉ. महंत को जवाब था। जबकि कुछ कांग्रेसियों का तर्क है कि पूर्व मंत्री ने ऐसा कह कर कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि सभी को किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, पार्टी के लिए काम करना है।
सभा के मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे। उन्होंने वोट चोरी क मसले को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए जाने पर विस्तार से प्रकाश डाला और यह भी विश्वास जताया कि भविष्य में राहुल गांधी इसमें बड़ा धमाका करने वाले हैं। चमचे की बात पर उन्होंने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस तरह की बात अब बंद होनी चाहिए, सभी को पार्टी के लिए काम करना चाहिए। संभवत: भूपेश ने बड़े नेताओं की गुटबाजी खत्म कर पार्टी हित में काम करने पर जोर दिया है। ज्ञात हो कि भूपेश के जन्म दिन पर पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के एक बयान पर भी बवाल हो चुका है, जिसमें उन्होंने भूपेश के नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कह दी थी। बाद में चौबे ने कांग्रेस मुख्यालय जाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात की और उन्हें परिपक्व प्रदेश अध्यक्ष बताया था। जबकि बैज ने इससे पूर्व चौबे का महाज्ञानी कह दिया था।
पायलट की उपस्थिति में हालांकि सभी नेताओं ने वोट चोरी के मसले पर भाषण देते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को घेरा। इसके बाद भी नेताओं की आपसी गुटबाजी मंच पर स्पष्ट रूप से दिख रही थी। भाषण समाप्त होते ही मंच पर सभी वरिष्ठ नेताओं के समर्थक चढ़ गए, जिससे अव्यवस्था फैल गई थी। समर्थक केवल अपने ही नेता तक सीमित दिखे। अब देखना यही है कि भविष्य में प्रदेश के दिग्गज नेताओं के बीच क्या समीकरण बनता है और क्या वोट चोरी के मुद्दे को आम जनता तक प्रभावी तरीके से पहुंचा सकते हैं।