CG Politics: ऐसी सियासत, बारिश से न्यायधानी बेहाल, जनता के मसले छोड़ कर सियासत की खेती कर रहे कांग्रेसी

CG Politics: बिलासपुर में जलभराव की जगह ईंट भट्ठे पर आरोप व प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। संगठन भी जनता की समस्याओं को उठाने में असरकारक नहीं है।

Update: 2025-07-10 10:54 GMT

CG Politics

CG Politics: बिलासपुर। हाल की दस दिनों की बारिश में बिलासपुर नगर निगम और आसपास के इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नगर निगम के लाख दावों के बाद भी शहर के कई इलाकों में पानी भरा और नालों का कचरा सड़क पर आ गया था। इससे जनजीवन के साथ कारोबार भी प्रभावित हुआ है। इस बेहाली के बीच कांग्रेस के ही कुछ पदाधिकारी निगम में कांग्रेस पार्षदों की भूमिका से संतुष्ट नहीं है। प्रदेश कांग्रेस में भूमिका निभाने वाले एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने कहा कि पार्षदों को सफाई व्यवस्था और जलभराव का मामला उठाने के लिए सड़कों पर उतरना था, लेकिन कहीं भी किसी की भूमिका आक्रामक नहीं दिखी।

यहां हद तो तब हो गई जब नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप और कुछ कांग्रेसी मेयर पूजा विधानी के पति अशोक विधानी का ईंट भट्ठा निजी जमीन पर है या सरकारी जमीन पर, इसमें उलझ कर रहे गए। अब जनता को मेयर पति का ईंट भट्ठा सरकारी जमीन पर है या निजी जमीन पर, इससे क्या मतलब? जनता को तो बारिश के वक्त जलभराव से राहत, सफाई और पीने का पानी चाहिए। शहर में कम से कम आधा दर्जन इलाके ऐसे रहे, जहां हर साल की तरह इस साल भी पानी जमा हो गया और लोगों को आने- जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। निचली बस्तियों में घरों में पानी घुस गया था।

एसवीएम से पुराना बस स्टैंड यथावत-

नगर निगम ने एसवीएम से होते हुए अग्रसेन चौक और पुराना बस स्टैंड तक बड़े नाले का निर्माण किया है। तब दावा किया गया था कि इसके बाद पानी नहीं भरेगा, मगर थोड़ी से बारिश ही बाढ़ लाने में काफी है। पॉश कॉलानी हंसा विहार की हालत बदतर हो जाती है। पुराना बस स्टैंड चौक से आने- जाने में भारी परेशानी होती है। सिरगिट्टी का कुछ इलाका तो आज भी पानी से भरा हुआ है। वहां से निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं हो सकी है। गंगा नगर, तोरवा और बंधवापारा भी बारिश से प्रभावित हुआ है।

अफसरों ने संभाली कमान-

कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह ने बारिश के बीच आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में सभी जिम्मेदार अफसरों को कह दिया गया था कि जब तक बारिश हो रही है और जनता को राहत नहीं मिलती है, वे अपने ऑफिस में नहीं बैठ कर मैदान में रहेंगे। भारी बारिश से नुकसान का जायजा लेने के लिए तत्काल सर्वे करने और प्रभावितों को तत्काल मुआवजा राशि देने का आदेश भी दिया गया। कुछ इलाकों में मकान को ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां के रहवासियों के लिए सामुदायिक भवन में अस्थायी शरण देने को कहा गया है।

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