CG News: बिल्डर के खेल का होगा अंत: छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी, बिल्डर की 19.35 एकड़ जमीन होगी राजसात!

CG News: छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद बिलासपुर सहित प्रदेश के बड़े शहरों में भूमाफियाओं और कालोनाइजरों का ऐसा दबदबा बना कि भूमि स्वामियों को अपनी खुद की जमीन बचाने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़े। दहशत का आलम ये कि जमीन के सामने यह जमीन बिकाऊ नहीं है, का बोर्ड लगाकर संपर्क करने मोबाइल नंबर तक सार्वजनिक करना पड़ा। राजस्व अमलों की मिलीभगत से भूमाफियाओं का खेल बेखौफ चल ही रहा है। न्यायधानी बिलासपुर में एक और बड़ा मामला सामने आया है। कलेक्टर ने 10 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। जांच दल का रिपोर्ट अगर शासन के पक्ष में आया तो ऐसा छत्तीसगढ़ में पहली बार होगा जो जिला प्रशासन यहां करने जा रहा है। पढ़िए क्या है प्रशासन और निगम की तैयारी।

Update: 2025-08-07 07:16 GMT

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CG News: बिलासपुर। पहले कलेक्टर कोर्ट और फिर कमिश्नर कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद बिल्डर ने 19.35 एकड़ जमीन में कालोनी निर्माण के लिए जमीनों को टुकड़ों में बांटकर ऊंची कीमत पर बेच दिया। मामला जब सामने आया तब बिलासपुर जिले के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने राजस्व व नगर निगम के अफसरों की 10 सदस्यीय टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए है। जांच के बाद रिपोर्ट बिल्डर के खिलाफ गया तब न्यायधानी में ऐसा पहली बार होगा जो छत्तीसगढ़ में अब तक नहीं हुआ है। बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन व नगर निगम करोड़ों की इस जमीन को राजसात करेगी। बिलासपुर-रायपुर एनएच पर करोड़ों की जमीन बिल्डर शैलेंद्र जायसवाल की है। जिसे टुकड़ों में बांटकर बेच दी है। तिफरा के सेक्टर डी की इस जमीन को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है।

बिलासपुर- रायपुर रोड में सेक्टर डी के पास मंडपम भवन के बाजू में अवैध काॅलोनी और प्लाटिंग की जांच के लिए कलेक्टर संजय अग्रवाल ने 10 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। प्रशासन की तैयारी पर नजर डालें तो जांच समिति कि रिपोर्ट में शिकायत सही पाए जाने पर नगर निगम बिलासपुर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) एव 292 (च) के प्रावधानों के तहत उक्त काॅलोनी एवं समस्त जमीन का अधिग्रहण के लिए कदम आगे बढ़ा सकता है। प्रशासन भू खंडों के कोई भी अंतरण या अंतरण का करार शून्य घोषित कर सकता है। आरोपी बिल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विकल्प भी जिला प्रशासन ने खुला छोड़ रखा है। कलेक्टर ने समिति को शीघ्र जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

दरअसल शैलेंद्र कुमार जायसवाल (कॉलोनाजर), बद्रीप्रसाद जायसवाल, राजेंद्र जायसवाल, विरेंद्र कुमार जायसवाल, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, सुभाष कुमार जायसवाल, शैल जायसवाल, अर्चना जायसवाल एवं आभा जायसवाल (सभी भूस्वामी निवासी) निवासी-हाई कोर्ट रोड, बिलासपुर (छ.ग.) को ग्राम तिफरा स्थित भूमि खसरा नं 1367/9. 1369/2, 1370/2, 1357, 1369/3, 1355/7, 1371, 1372/2, 1356/1, 1356/2, 1366/1, 1355/4, 1355/6, 1388, 1369/5, 1370/5, 1367/10, 1368/2, 1355/8, 1367/11. 1368/3, 1367/13, 1368/5, 1075/1ख, 1075/1ग, 1355/10, 1355/5, 1367/12, 1368/4, 1369/4, 1370/4, 1372/1 कुल रकबा 19.35 एकड़ पर संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, बिलासपुर के विकास अनुज्ञा पत्र क्र. 660/नग्रानि/अभि./03/3 29.01.2003 द्वारा विकास अनुज्ञा प्रदान की गई थी तथा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिलासपुर द्वारा कॉलोनी विकास अनुमति पत्र क्र. 299/04/5-6 16 फरवरी 2006 द्वारा आवासीय कॉलोनी विकास की अनुमति प्रदान की गई थी।

कलेक्टर व कमिश्नर कोर्ट से अपील हो गई है खारिज-

उक्त कॉलोनी विकास अनुमति को अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के द्वारा प्र. क्र. 115/अ-89(15)/2006-07 में पारित आदेश 28 नवंबर 2008 द्वारा प्रदान की गई विकास अनुज्ञा एवं कॉलोनी विकास की अनुमति को निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद कालोनाईजर शैलेंद्र जायसवाल द्वारा न्यायालय आयुक्त, बिलासपुर संभाग, बिलासपुर (छ.ग.) के समक्ष अपील की गई। प्रकरण मे अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अवलोकन कर अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के द्वारा प्रकरण क्र. 15/अ-89(15)/2006-07 में पारित आदेश 28 नवंबर 2008 को विधि सम्मत होने से स्थिर रखा गया है और अपीलार्थी शैलेन्द्र जायसवाल की अपील अमान्य की गई।

अपील खारिज होने के बाद, टुकड़ाें में बेच दी जमीनें-

शैलेंद्र कुमार जायसवाल एवं अन्य के द्वारा कॉलोनी विकास अनुमति निरस्त होने के बाद भी टुकड़ों में अवैध प्लाटिंग कर विक्रय किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। जो छ.ग. कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तों 2013 एवं छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-ग (2) प्रावधानों का उल्लंघन है। इसलिए तिफरा के सेक्टर डी स्थित उल्लेखित खसरा नंबरों की भूमि के अवैध विक्रय की जांच के लिए कलेक्टर ने जांच समिति का गठन किया है।

इन अफसरों को मिला जांच का जिम्मा-

मनीष साहू, अनुविभागीय अधिकारी (रा.), बिलासपुर

गरिमा ठाकुर, तहसीलदार, बिलासपुर

भानू प्रसाद पटेल, संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, बिलासपुर

राजीव स्वर्णकार, उप पंजीयक, बिलासपुर

अनुपम तिवारी, भवन अधिकारी, नगर पालिक निगम, बिलासपुर

एस. पी. साहू, कार्यपालन अभियंता, जोन क्र. 02, नगर पालिक निगम, बिलासपुर

आशीष पाण्डेय, उप अभियंता भवन शाखा, नगर पालिक निगम बिलासपुर

राघवेंद्र सिंह राजपूत, उपअभियंता, भवन शाखा, नगर पालिक निगम, बिलासपुर

जुगल किशोर सिंह, उपअभियंता, भवन शाखा, नगर पालिक निगम, बिलासपुर

ऋतुराज अवस्थी, हल्का पटवारी, तिफरा।

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