CG Naxal Surrender: इतिहास का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर, 208 माओवादी ने CM के सामने डाला हथियार, हाथों में पकड़ी संविधान की कॉपी और फूल

CG Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है. एक साथ 208 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने आज 208 माओवादियों ने हथियार डाले (CG Naxal Surrender) हैं.

Update: 2025-10-17 07:21 GMT

CG Naxal Surrender

CG Naxal Surrender: जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है. एक साथ 208 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने आज 208 माओवादियों ने हथियार डाले (CG Naxal Surrender) हैं. यह इतिहास का अब तक सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर है. इसमें सीनियर हार्डकोर कैडर के नक्सली भी शामिल हैं जो अब हिंसा का रास्ता त्यागकर मुख्यधारा में लौटेंगे. इनके साथ में गुलाब का फूल और भारत के संविधान की प्रति देखर इनका स्वागत किया गया है. 

औपचारिक पुनर्समावेशन समारोह का आयोजन

इन आत्मसमर्पित माओवादी कैडरों के सरेंडर के लिए औपचारिक पुनर्समावेशन समारोह का आयोजन किया गया. जिसका आयोजन शुक्रवार आज रिज़र्व पुलिस लाइन, जगदलपुर (जिला बस्तर) में किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा उपस्थित रहे. साथ ही बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी के साथ पुलिस प्रशासन के अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री के सामने 208 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण 

इस दौरान 208 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के समक्ष आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अपने हथियार डाल दिए. उन्होंने संविधान में विश्वास व्यक्त किया.नक्सलियों के हाथों में भारत के संविधान की प्रति और गुलाब का फूल देकर स्वागत किया गया.

नक्सलियों ने हथियार छोड़े 

जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया उनमे  सीसी मेंबर के साथ दंड करने स्पेशल जोनल कमेटी जन जनमिलिसिया कमेटी के अलावा अन्य नक्सली शामिल है. नक्सलियों ने जो हथियार छोड़े हैं उनमे 19 AK 47 राइफल, 17 एसएलआर रायफल, 23 इंसास रायफल, 1 इंसास एलएमजी, 36 जोड़ी .303 राइफल, 04 कार्बाइन, 11 बीजीएल लॉन्चर , 41 नग12 बोर और सिंगल शॉट शामिल है.

अब बस्तर भय नहीं, विश्वास और विकास की पहचान बना: विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का नक्सलमुक्त होना यह प्रमाण है कि अब बस्तर भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज़ पर खड़ा है. बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति जीत रही है. उन्होंने कहा कि बीते 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए कृ यह आँकड़े हमारे राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के अडिग संकल्प के साक्षी हैं. 

इसपर छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम ने कहा, "जो युवा इस तरह से भटक रहे थे, वे बस्तर की जनता के लिए लड़ रहे थे लेकिन उन्हें पता चला कि वे वास्तव में बस्तर की जनता के लिए नहीं लड़ रहे बल्कि उनका नुकसान कर रहे थे. बस्तर का विकास इतने साल में नहीं है. अब अगर वे सभी मिलकर योगदान करेंगे तो बस्तर आगे बढ़ेगा."

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