CG Medical College Scam: चार मेडिकल कॉलेजों का टेंडर एक ही पार्टी को 24 से 27 परसेंट अधिक रेट पर, 1020 करोड़ का काम अब 1250 करोड़ से ज्यादा जाएगा...
CG Medical College Scam: छत्तीसगढ़ में बनने वाले चार मेडिकल कॉलेजों के टेंडर में सीजीएमएससी ने आखिर खेल कर दिया। चारों टेंडर एक ही पार्टी को दे दी गई। उपर से 24 से 27 परसेंट अधिक रेट से। इससे पहले 52 परसेंट अधिक रेट की वजह से टेंडर कमेटी ने इसे ओके करने से इंकार कर दिया था। 500 करोड़ के इस खेल को एनपीजी न्यूज ने एक्सपोज किया था। बहरहाल, सीजीएमएससी ने चारों कॉलेजों का टेंडर अलग-अलग तो किया मगर काम मिल गया एक ही पार्टी को। जाहिर है, एक आदमी गीदम, कवर्धा, जांजगीर और मनेंद्रगढ़ में एक साथ क्वालिटी युक्त काम कैसे कर पाएगा? बता दें, नवा रायपुर में आरबीआई की बिल्डिंग 28 परसेंट बिलो रेट से बन गई थी। बहरहाल, नीचे पढ़िये किस पार्टी को चारों मेडिकल कॉलेजों का टेंडर कितने अधिक रेट पर मिला है।
CG Medical College Scam: रायपुर। एनपीजी न्यूज के लगातार खबर प्रकाशित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग के सिकरेट्री के निर्देश पर सीजीएमएससी की एमडी ने पिछला टेंडर निरस्त का दिया था। चारों कॉलेजों की बिल्डिंग बनाने में 500 करोड़ से अधिक का गोलमाल करने की तैयारी की जा रही थी। सीजीएमएससी ने जानबूझकर चारों मेडिकल कॉलेजों के टेंडर को क्लब कर 1020 करोड़ का टेंडर निकाला, ताकि छोटे ठेकेदार इसमें शामिल न हो सकें। यही वजह है कि देश की दो कंपनियां ही क्वालिफाई कर पाई। वो भी वास्तविक रेट से 52 और 53 परसेंट अधिक रेट कोट किया। याने 1020 करोड़ के टेंडर को 1500 करोड़ से अधिक करने का प्लान था। मगर एनपीजी के खुलासे के बाद टेंडर कमेटी ने फायनेंसिल बिड खोलने से इंकार कर दिया। इसके बाद सीजीएमएससी ने टेंडर निरस्त कर दिया।
चारों टेंडर एक ही पार्टी को
चारों मेडिकल कॉलेज का टेंडर डीवी प्रोजेक्ट को मिला है। इसमें गीदम का रेट गया है 27.98 परसेंट अधिक, जांजगीर और कवर्धा का 24.74 परसेंट अधिक, मनेंद्रगढ़़ का 26.60 परसेंट अधिक। डीवी प्रोजेक्ट के अलावा एनससी लिमिटेड हैदराबाद, पीएसपी प्रोजेक्ट लिमिटेड ने भी टेंडर भरा था। मगर चारों काम एक ही ठेकेदार को मिला।
एक ठेकेदार को काम देना गलत
पीडब्लूडी के जानकारों का कहना है कि चारों काम अगर अलग-अलग ठेकेदार को मिलता तो हो सकता था कि रेट और नीचे आता। फिर प्रतिस्पर्धा में काम की गुणवता अच्छी रहती। मगर चार कॉलेज वो भी एक बस्तर के गीदम में और दूसरा दूसरे छोर पर मनेंद्रगढ़ में, कैसे भला एक ठेकेदार काम कर पाएगा। जाहिर सी बात है कि पेटी कंट्रेक्टर वाला हिसाब किताब होगा। इसका नुकसान होगा कॉलेजों को।
आरबीआई का 28 परसेंट बिलो
नया रायपुर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बिल्डिंग बनी है। लगभग 100 करोड़ के टेंडर में 37 कंपनियों ने भाग लिया और 28 परसेंट बिलो रेट में आरबीआई भवन का मजबूत कंस्ट्रक्शन हुआ है। सवाल उठता है कि भारत सरकार की बिल्डिंग 28 परसेंट बिलो रेट में बन जा रही और राज्य की 27 परसेंट अधिक क्यों?
सप्लाई और खरीदी में बड़ा कांड करने वाला सीजीएमएससी इन चारों मेडिकल कॉलेजों को बनवा रहा है। सीजीएमएससी ने पिछले कुछ सालों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाए हैं, उसके हालत इतने खराब है कि साल दो साल में प्लास्टर टूट कर गिर रहा है तो नल की टोंटी और बिजली कनेक्शन फेल हो रहे हैं। जिलों के सीएमओ को प्रेशर डाल हैंड ओवर कराया गया। प्रेशर इसलिए कि बेहद खराब निर्माण की वजह से सीएमओ उसे लेने के लिए तैयार नहीं थे।
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