CG के इस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नियुक्ति में आरक्षण का फंसा पेंच

प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंच गया है! पढ़िए याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने क्या कहा !

Update: 2024-09-26 15:28 GMT

बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक व. सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए अजाक्स ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है! मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता अजाक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में वर्ष 2012 में प्राध्यापक के 5 पद, सहायक अध्यापक के 20 पद स्वीकृत किए गए थे। विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2012 में उक्त पदों पर विज्ञापन जारी किया गया था! इसमें से 13 पदों पर नियुक्ति की गई। नियुक्ति प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आरक्षण नियम का पालन नहीं किया है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है । वर्तमान में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापक के पदों पर विज्ञापन जारी किया गया है। इस विज्ञापन में भी आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है।

अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संगठन (अजाक्स) ने अधिवक्ता ललित जांगड़े के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मामके की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने विश्व विद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

 याचिका में इन मुद्दों को भी उठाया

याचिकाकर्ता संगठन अजाक्स ने कुछ प्रमुख मुद्दों को भी अपनी याचिका में उठाते हुए जारी विज्ञापन की खामियों को उजाहर किया है!

0 प्राध्यापक,सह प्राध्यापक वह सहायक प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा संपर्क अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है।

0 भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों को आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है!

0. महिलाओं के लिए सीट आरक्षित नहीं की गई है।

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