CG High Court News: कानफोड़ू डीजे के जानलेवा शोर पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, पढ़िए छत्तीसगढ़ सरकार ने क्या कहा

डीजे की जानलेवा शोर और लेजर लाइट को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट की नाराजगी सामने आई है। कोर्ट की नाराजगी के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी माना है कि मौजूदा अधिनियम में सख्ती की कमी है। राज्य सरकार ने अधिनियम में संशोाधन करने और पाबंदियों को लेकर सख्ती बरतने की जानकारी कोर्ट को दी है।

Update: 2025-07-02 05:52 GMT

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बिलासपुर। कानफोड़ू डीजे, साउंड बाक्स और लेजर लाइट से होने वाले शोर और प्रदूषण को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह कोलाहल नियंत्रण अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक संशोधन करे और जनता की सेहत को प्राथमिकता देते हुए सख्त नियम बनाए।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने स्वीकार किया गया कि वर्तमान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में सख्त प्रावधानों की कमी है। अभी सिर्फ 500 से 1000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। जिससे घ्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार ने बताया कि अधिनियम में डीजे उपकरणों की जब्ती या बार-बार उल्लंघन करने वालों पर ठोस नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस संबंध में आवश्यक प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और अधिनियम में आवश्यक संशोधन के लिए प्रस्ताव विधानसभा में लाया जाएगा। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की है। उस दिन सरकार को अपनी प्रगति रिपोर्ट, प्रस्तावित संशोधन और कार्रवाई की विस्तृत जानकारी कोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी।

दिल के मरीजों व आम लोगों की सेहत का रखना होगा ध्यान-

बीते सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अत्यधिक शोर, डीजे, लेजर और बीम लाइट के दुष्प्रभावों को लेकर नाराजगी के साथ ही गहरी चिंता जताई थी। डिवीजन बेंच ने कहा था कि डीजे से उत्पन्न तेज ध्वनि हृदय रोगियों के लिए घातक हो सकती है। लेजर लाइट्स आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट कहा कि ऐसे उपकरणों पर नियंत्रण के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं।

राज्य सरकार ने कोर्ट को दी ये जानकारी-

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि डीजे, वाहनों में लगे तेज साउंड सिस्टम और लेजर लाइट के उपयोग पर पहले से ही प्रतिबंध है। उल्लंघन की स्थिति में जुर्माना और बार-बार नियम तोड़ने पर वाहन जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के अंत में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शोर और लेजर लाइट से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए प्रभावी और कड़े नियम बनाए। कोर्ट ने दो टूक कहा कि जनता की सेहत और मानसिक शांति सर्वोपरि है, जिसे किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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