CG: दुष्कर्म पीड़िता की गुहार पर अवकाश के दिन खुला हाई कोर्ट का बंद दरवाजा, जानिए पूरा मामला

CG: गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शाम छह बजे दोबारा हाई कोर्ट खुला। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने स्पेशल बेंच का गठन किया। नियमानुसार स्पेशल बेंच में सुनवाई के लिए अर्जेंट हियरिंग के मामले के लिए काजलिस्ट जारी किया गय। शाम साढ़े बजे से स्पेशल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता की शारीरिक व मानसिक दिक्कतों को कोर्ट ने गंभीरता के साथ सुना और कुछ इस तरह के निर्देश दिए।

Update: 2024-09-22 12:28 GMT

बिलासपुर। हाई कोर्ट की संवेदनशीलता समय-समय पर प्रदेशवासियों के सामने आती ही रहती है। कुछ इसी तरह का मामला दो दिन पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के सामने आया। दुष्कर्म पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अर्जेंट हियरिंग के तहत सुनवाई की गुहार लगाई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को स्पेशल बेंच का गठन करने और अर्जेंट हियरिंग के तहत प्रकरण की सुनवाई की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया। चीफ जस्टिस के निर्देश पर स्पेशल बेंच के गठन से लेकर काजलिस्ट जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। अर्जेंट हियरिंग के तहत प्रकरण की सुनवाई के लिए काजलिस्ट जारी करने के साथ ही स्पेशल बेंच का नाम भी जारी कर दिया। काजलिस्ट जारी होते ही स्पेशल बेंच बैठी और सुनवाई प्रारंभ की गई।

0 अनचाहे गर्भ से मिले छुटकारा

याचिकाकर्ता पीड़िता के अधिवक्ता ने स्पेशल बेंच को बताया कि दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को गर्भ ठहर गया है। उसे 27 सप्ताह का गर्भ है। उसके पेट में बच्चा पल रहा है। वह इस अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता ने अनचाहे गर्भ को गिराने (गर्भपात) की अनुमति मांगी है।

0 मेडिकल बोर्ड करेगा जांच,सोमवार को सौंपना है रिपोर्ट

दुष्कर्म पीड़िता की मांग,उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए स्पेशल बेंच ने मेडिकल बोर्ड से पीड़िता के शारीरिक व मानसिक स्थिति की जां करने और यह बताने को कहा है कि गर्भ गिराने की स्थिति में पीड़िता को कोई जोखिम तो नहीं होगा। स्पेशल बेंच ने विस्तृत रिपोर्ट सोमवार को पेश करने का निर्देश दिया है।

0 रिपोर्ट के बाद तय होगा,गर्भपात कराया जा सकता है या नहीं

मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच ने साेमवार की तिथि तय कर दी है। इसी दिन मेडिकल बोर्ड अपना रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी कोर्ट में मौजूद रहेगी। कोर्ट के सवालों का जवाब देना होगा। बोर्ड की रिपोर्ट,विशेषज्ञ चिकित्सकों से रायशुमारी और उनकी रायशुमारी के आधार पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

0 28 माह के गर्भ को गिराने की हाई कोर्ट ने नहीं दी थी अनुमति

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हाल के दिनों में राजनादगांव जिले का इसी तरह का एक मामला आया था। जिसमें दुष्कर्म पीड़िता को 28 सप्ताह का गर्भ था। मेडिकल बोर्ड ने एर्बाशन कराने की सलाह नहीं दी थी। बोर्ड ने इसे जोखिम भरा बताया था। बोर्ड की रिपोर्ट के बाद हाई कोर्ट ने गर्भपात कराने संबंधी याचिका को खारिज

कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि भ्रूण हत्या कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं है और ना ही नैतिक रूप से।

0 पीड़िता के डिलीवरी का खर्च शासन उठाएगा

हाई कोर्ट ने पीड़िता को बच्चे को जन्म देने के लिए। कोर्ट ने यह भी व्यवस्था दी है कि डिलीवरी का खर्च राज्य शासन उठाएगा। पीड़िता के साथ माता पिता को यह छूट भी दी है कि बच्चे के जन्म के बाद चाहे तो उसे गोद देने की कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए जरुरी कानूनी प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा पूरा किया जाएगा।

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