CG Bilaspur Rail Hadsa: बिलासपुर रेल हादसा: सुरक्षा आयुक्त पहुंचे घटना स्थल , सुरक्षा घेरे के बीच शुरू की पड़ताल
CG Bilaspur Rail Hadsa: रेल हादसे की जांच के लिए कोलकाता से सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा बिलासपुर पहुंच गए हैं। सुरक्षा बलों व रेलवे के अफसरों के साथ घटना स्थल पहुंच गए हैं। घटना स्थल पर उन्होंने जांच शुरू कर दी है। सिग्नल फैल्युअर, ओवर स्पीड या फिर सिग्नल ओवर शूट। इन तीन बिंदुओं पर सुरक्षा आयुक्त की जांच केंद्रित रहेगी। घटना स्थल के बाद वे कारणों की पड़ताल के लिए रेलवे के अफसरों के अलावा असिस्टेंट लोको पायलट व मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर से वन-टू-वन बात करेंगे।
CG Bilaspur Rail Hadsa: बिलासपुर। रेल हादसे की जांच के लिए कोलकाता से सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा बिलासपुर पहुंच गए हैं। सुरक्षा बलों व रेलवे के अफसरों के साथ घटना स्थल पहुंच गए हैं। घटना स्थल पर उन्होंने जांच शुरू कर दी है। सिग्नल फैल्युअर, ओवर स्पीड या फिर सिग्नल ओवर शूट। इन तीन बिंदुओं पर सुरक्षा आयुक्त की जांच केंद्रित रहेगी। घटना स्थल के बाद वे कारणों की पड़ताल के लिए रेलवे के अफसरों के अलावा असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज, ट्रेन मैनेजर हरबंश व मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर से वन-टू-वन बात करेंगे। पैसेंजर ट्रेन के असिस्टेंट लोको पायलट व ट्रेन मैनेजर की हालत गंभीर है।
रेल हादसे की जांच के लिए कोलकाता से सुरक्षा आयुक्त मिश्रा बिलासपुर पहुंच गए हैं। एसईसीआर के अफसरों के साथ घटना स्थल पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। तकनीकी कारणों के अलावा मानवीय पहलुओं पर जांच की दिशा को आगे बढ़ाने की संभावना है। सुरक्षा आयुक्त के मौके पर जांच के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के अलावा अन्य विभाग के आला अफसर भी पूरे समय मौजूद रहे। जांच के दौरान किसी तरह की कोई बाधा खड़ी ना हो इसे देखते हुए जीआरपी व आरपीएफ से पूरे इलाके को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। आलम ये कि सुरक्षा आयुक्त की जांच पड़ताल के दौरान दुर्घटनाग्रस्त इलाके को सुरक्षा बलों ने अपने घेरे में ले लिया था। बाहरी लोगों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। हादसे की मौका जांच और तकनीकी पहलुओं की पड़ताल के बाद सुरक्षा आयुक्त के बिलासपुर में ही जांच पूरी होते तक कैंप करने की संभावना देखी जा रही है। बिलासपुर में ही कैंप कर जांच की दिशा को आगे बढ़ाएंगे।
इन बिंदुओं पर कर सकते हैं फोकस
आटो सिग्नल सिस्टम फैल्योर, सिग्नल ओवर शूट या फिर ट्रेन की ओवर स्पीड। ये तीन ऐसे तकनीकी कारण है जिस पर जांच की दिशा फोकस किया जा सकता है।
गुड्स ट्रेन का ट्रेन मैनेजर,असिस्टटें लोको पायलट पर नजर
गुड्स ट्रेन का ट्रेन मैनेजर जिन्होंने पैसेंजर ट्रेन के टकराने से ठीक पहले कूदकर जान बचाई थी। अपनी जान बचाने के बाद घायलों की मदद में जुट गए थे। इनके बयान महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। ट्रेन की स्पीड को लेकर ये अपनी आंखों देखी तो बता ही सकते हैं। हादसे के ये चश्मदीद गवाह है। पैसेंजर ट्रेन के असिस्टेंट लोको पायलट जो जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, स्वस्थ्य होने के बाद हादसे को लेकर उनका बयान बेहद महत्वपूर्ण होगा।
मंगलवार शाम 4 बजे कोरबा से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल ट्रेन मिडिल लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। दुर्घटना की वजह ऑटो सिग्नल फेल होना माना जा रहा है। कोरबा से आने वाली मेमू लोकल गतौरा और बिलासपुर के बीच हेमा नगर ब्रिज के पहले मालगाड़ी से टकरा गई। पीछे से आकर मेमू ने मालगाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतना भयानक था कि मेमू के इंजन और डब्बे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए और डब्बे चकनाचूर हो गए। हादसे के बाद रेलवे के अलावा बिलासपुर जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक तौर पर 6 मौतों की जानकारी रेलवे ने दी थी। पर अब 11 मौतों की पुष्टि रेलवे ने की है। इसके अलावा 20 घायल हुए हैं।