Bilaspur News: न्यायधानी में भू माफिया व बिल्डरों का धतकरम, भूमि स्वामी व बिल्डर जाएंगे जेल
न्यायधानी में भू माफिया और बिल्डरों का धतकरम अब भी जारी है। बिल्डरों ने गरीबों के लिए छोड़ी 10.34 एकड़ जमीन को बेच खाया है। दूसरी तरफ शहर के बीचों-बीच स्थित बेशकीमती जमीन को पहले आवासीय प्रयोजन के लिए लीज पर लिया। जब लीज की प्रक्रिया पूरी हो गई तो उसे बिल्डर के हवाले कर दिया। बिल्डर ने राजस्व अफसरों से मिलीभगत कर ले आउट सहित सभी स्वीकृति ले ली। बेशकीमती सरकारी जमीन को 54 टुकड़ों में बांटकर कालोनी निर्माण की तैयारी शुरू कर दी। NPG ने इस गोरखधंधे को लेकर खुलासा किया और भू माफिया व बिल्डरों की मिलीभगत को सामने लाया। NPG की खबर के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और जांच कराई। जांच में दोषी पाए गए लीजधारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है।
बिलासपुर। आवासीय प्रयोजन के लिए जमीन लीज पर ली और 54 टुकड़ों में बांटकर करोड़ो रुपये का वारा-न्यारा करने वाले लीज धारक भूमि स्वामी भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। फर्जीवाड़ा में शामिल तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार लक्ष्मी पांडेय और वीएस मिंज के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने संभागायुक्त को पत्र लिखा है। बता दें कि NPG ने सबसे पहले इस गोरखधंधे का खुलासा किया था। NPG की खबर के बाद जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच कराई।
शहर के बीचों-बीच स्थित नजूल भूमि को 54 टुकड़ों में बेचने वाले लीज धारक और भूमाफियाओं के खिलाफ शिकंजा कसा गया है। लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर पिता स्वर्गीय कृष्ण राव तामस्कर निवासी तिलक नगर चांटापारा और राजेश कुमार अग्रवाल पिता बजरंग लाल अग्रवाल निवासी जूनी लाइन बिलासपुर एवं अन्य संबंधितों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है।
आवासीय प्रयोजन के लिए लीज लेकर भूपेंद्र राव तामस्कर ने इसे बेचने के लिए बिल्डर राजेश अग्रवाल से सौदबाजी की। 13 करोड़ में जमीन का सौदा तय हो गया। सौदेबाजी पूरा होने के बाद राजेश अग्रवाल ने भूपेंद्र राव तामस्कर से 22 अक्टूबर 2020 को इकरारनामा किया। इकरारनामा करने के बाद बिल्डर ने राजस्व अधिकारियों व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों से मिलकर आवासीय प्रयोजन के लिए जारी लीज की जमीन पर कालोनी निर्माण की अनुमति ले ली। ले आउट भी पास करा लिया। जमीन का डायवर्सन भी हो गया। देखते ही देखते बिल्डर ने राजस्व अफसरों से सांठगांठ कर सब-कुछ करा लिया।
0 बेशकीमती सरकारी जमीन,जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
शहर के बीचों– बीच स्थित कुदुदंड में दो एकड़ 13 डिसमिल जमीन पर अवैध प्लाटिंग की गई थी। चांटापारा शीट नंबर 01, प्लाट नंबर 2 ( शामिल नंबर 3) नजूल भूमि का भूमि धारक भूपेंद्र राव तामस्कर पिता स्वर्गीय कृष्ण राव तामस्कर निवासी तिलक नगर चांटापारा द्वारा राजेश अग्रवाल के साथ मिलकर टुकड़ों में बेच दी । 54 टुकड़ों में बेची गई जमीन का लीजधारक भूपेंद्र राव तामस्कर ने रजिस्ट्री भी कर दी।
0 लीज अवधि खत्म होने पर कराया नवीकरण
जमीन की लीज 2015 में खत्म हो चुकी थी। जिसे लीज धारक तामस्कर के आवेदन पर 30 वर्षों के लिए बढ़ाते हुए 31 मार्च 2045 कर दी गई थी। आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को बिना अनुमति और बिना भवन अनुज्ञा के टुकड़ों में बेच दिया। 92980 वर्ग फुट नजूल भूमि में ना तो नगर निगम सें अनुमती ली गई ना ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से ले आउट पास किया गया। इसके बाद भी पंजीयन कार्यालय के उप पंजीयक ने 54 रजिस्ट्री कर दी।
शासन के आदेश से हुआ नामांतरण
एक तरफ नजूल की जमीन की बिक्री हो गई वहीं दूसरी तरफ टुकड़ों में की गई कई बिक्री का नामांतरण भी नजूल अधिकारी के द्वारा कर दिया गया। नगर निगम कमिश्नर ने उक्त भूमि का नामांतरण नहीं करने नजूल अधिकारी को पत्र लिखा था। इसके बाद भी नजूल अधिकारी ने कई प्लाटों का नामांतरण कर दिया। शासन से नामांतरण हेतु पत्र आने से स्पष्ट है कि आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल की जमीन की अफरा–तफरी के लिए बड़े स्तर पर खेला हुआ है।
बेशकीमती सरकारी जमीन को बेचने के संबंध में जब NPG ने खुलासा किया तब कलेक्टर अवनीश शरण ने संज्ञान में लेते हुए संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच का निर्देश दिया। जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार नजूल भूमि का 30 साल के लिए नवीनीकरण आवासीय प्रयोजन के लिए किया गया था। जिसे आवासीय प्रयोजन के विरुद्ध 54 टुकड़ों में बेचा गया हैं। जांच रिपेार्ट के बाद कलेक्टर ने नजूल अधिकारी को पत्र लिखकर नामांतरण किए गए समस्त भूमि का नामांतरण निरस्त करने का निर्देश दिया है। नामांतरण निरस्त करने के बाद रजिस्ट्री शून्य करने का निर्देश कलेक्टर ने दिया है।
0 जिला प्रशासन की पुख्ता तैयारी
जिला प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन को वापस पाने के लिए भूमाफिया और बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। खरीदारों के साथ ही जमीन बिक्री करने वालों में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन की कार्रवाई पर अड़ंगा लगाने की कोशिश भी हो सकती है। मामला कोर्ट में पहुंच सकता है। इन सब संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में केविएट दायर कर दिया है। खरीददार या अवैध प्लाटिंग करने वाले माफिया प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ स्थगन आदेश के लिए कोर्ट में मामला दायर करता है तो प्रशासन को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर मिलेग।
0 इन अफसरों का निलंबन तय
सरकारी जमीन की रजिस्ट्री तत्कालीन उप पंजीयक लक्ष्मी पांडेय और वीएस मिंज ने की थी। लक्ष्मी पांडेय वर्तमान में पेंड्रारोड में पदस्थ हैं। वीएस मिंज तखतपुर में उप पंजीयक हैं। कलेक्टर के द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन के अनुसार दोनों उप पंजीयकों ने मौके का स्थल निरीक्षण किए बगैर और दस्तावेजों का समुचित अवलोकन किए बगैर नजूल भूमि का 54 टुकड़ों में रजिस्ट्री निष्पादित करवा दिया। निलंबन के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने पत्र लिखा है।