Bilaspur Highcourt News: कोल स्कैम में आरोपी की जमानत खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हितों को सीधे नुकसान पहुंचाता है वाइट कॉलर क्राइम

Bilaspur Highcourt News:– कोल स्कैम वसूली मामले में हाईकोर्ट ने इसे देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने वाला वाइट कॉलर क्राइम बता कोल स्कैम सिंडिकेट के एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

Update: 2025-11-01 04:04 GMT

Bilaspur बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपए टन की उगाही करने के मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एसीबी-ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इस तरह से 540 करोड़ की अवैध उगाही की गई। इस मामले में आईएएस समेत कई आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। मामले पर जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध वाइट कॉलर क्राइम की तरह है जो देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित को सीधे प्रभावित करते हैं, इन्हें साधारण अपराधों की तरह नहीं देखा जा सकता।

एसीबी-ईओडब्ल्यू का आरोप है कि प्रदेश में कोयला के परिवहन में जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच करीब 540 करोड़ रुपए की रकम अवैध रूप से वसूली गई। इस मामले में आईएएस रानू साहू, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, समीर बिश्नोई समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें से रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, समीर बिश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। मामले में रायगढ़ निवासी नवनीत तिवारी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था। उसे 12 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में वह ज्यूडिशियल कस्टडी में है।

सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य होने और 20 करोड़ की उगाही का आरोप है अपीलार्थी पर 

जमानत के लिए अपील करने वाले नवनीत तिवारी पर आरोप है कि वह सूर्यकांत तिवारी के सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य है, जिसने कोयला परिवहन पर 25 रुपए प्रति टन की दर से उगाही की। वह सूर्यकांत तिवारी के लिए उगाही का हिसाब-किताब रखता था और आय-व्यय डायरी में एंट्री करता था। जांच में सह-आरोपी रजनीकांत तिवारी के पास से बरामद डायरी में उसका नाम नीतू कोडवर्ड से दर्ज पाया गया। रायगढ़ जिले से 20 करोड़ रुपए की अवैध वसूली में उसकी भूमिका सामने आई है।

आर्थिक अपराध को गंभीरता से देखा जाना चाहिए:

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी पी चिदंबरम बनाम प्रवर्तन निदेशालय मामले में आर्थिक अपराध की गंभीरता पर विचार करते हुए कहा है कि आर्थिक अपराध जानबूझकर व्यक्तिगत लाभ पर नजर रखते हुए समुदाय पर पड़ने वाले परिणामों की परवाह किए बिना किया जाता है। व्हाइट कॉलर क्राइम को यदि हल्के में लेते है तो देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हितों को नुकसान होगा। आर्थिक अपराधों को गंभीरता से देखा जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिकाकर्ता नवनीत तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

कई को मिल चुकी है सुप्रीम कोर्ट से जमानत:

बता दे कोल लेवी वसूली मामले में ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने 17 जनवरी 2024 को 35 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इसमें किंगपिन सूर्यकांत तिवारी, राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया,निलंबित आईएएस रानू साहू,समीर विश्नोई समेत कई को सुप्रीम कोर्ट से राज्य से बाहर रहने की शर्त पर जमानत मिल चुकी है।

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