Bilaspur Highcourt News: दुर्घटना में मृतक के शव को रात भर CHC में रखा, स्वास्थ्य सचिव के शपथ पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, मांगा नया शपथ पत्र
Bilaspur Highcourt News:– सड़क दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के शव को रातभर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र मांगा था। स्वास्थ्य सचिव के शपथ पत्र को असंतोषजनक बताते हुए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से नया शपथ पत्र मांगा है।
Shav Ko Rat Bhar CHC Me Rakha: बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रातभर शव रखे जाने के मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभुदत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव द्वारा पेश किए गए व्यक्तिगत शपथपत्र को असंतोषजनक करार देते हुए स्पष्ट कहा कि सीसीटीवी के अभाव का तर्क शव को अस्पताल में रखने का उचित कारण नहीं हो सकता। यह मामला पिछले दिनों प्रकाशित हुई एक खबर के स्वतः संज्ञान के बाद दर्ज जनहित याचिका से जुड़ा हुआ है।
दुर्घटना में मृत व्यक्ति का शव रातभर सीएचसी में रखा गया-
स्वास्थ्य सचिव ने शपथपत्र में बताया कि, 11 दिसंबर 2025 की शाम करीब 5.30 बजे एक सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति का शव पुलिस द्वारा सीएचसी तखतपुर लाया गया, जहां चिकित्सक ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम अगले दिन किया जाना था। शपथपत्र के अनुसार, शव को कपड़े में लपेटकर, ओपीडी और मरीजों की बैठक से दूर सीसीटीवी निगरानी वाले कोने में रखा गया था।
1.5 किमी दूर शवगृह होने के बावजूद वहां नहीं भेजा गया शव-
कोर्ट को बताया गया कि, शवगृह (मर्च्युरी) सीएचसी से करीब 1.5 किलोमीटर दूर है, वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण शव को सीएचसी में ही रखा गया। इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि, यह स्पष्टीकरण संतोषजनक प्रतीत नहीं होता।
कोर्ट ने कहा- जब नया भवन तैयार तो उसे शुरू करने में देरी क्यों-
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्वीकार किया कि, तखतपुर सीएचसी का मौजूदा भवन पुराना और जर्जर है, नया भवन बनकर तैयार है और उसमें बेहतर स्थान, आधुनिक सुविधाएं, सीसीटीवी निगरानी उपलब्ध होगी। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब नया भवन तैयार है, तो उसे चालू करने में देरी क्यों। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि तीन सप्ताह के भीतर तखतपुर सीएचसी के नए भवन को संचालित किया जाए और इस संबंध में ताजा शपथपत्र दाखिल किया जाए।
रविवार को ओपीडी बंद रहने पर भी मांगा गया जवाब-
हाईकोर्ट ने एक और अहम मुद्दे पर ध्यान देते हुए कहा कि, राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में रविवार को ओपीडी बंद रहती है। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को अलग से ताजा शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि, जनस्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी लापरवाही को हल्के में नहीं लिया जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2026 को तय की गई है, जिसमें नए भवन के संचालन, शवगृह व्यवस्था और रविवार ओपीडी को लेकर की गई कार्रवाई की समीक्षा होगी।