Bilaspur High Court Verdict: बिलासपुर हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, प्राइवेट स्कूलों को फिर से देना होगा प्रवेश, 74 बच्चों को मिला न्याय

Bilaspur High Court Verdict: हाई कोर्ट के डिविज़न बेंच ने एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए यह आदेश पारित किया कि डीपीएस रिसाली, शंकराचार्य विद्यालय सेक्टर-10, एवं डीएवी हुडको माइलस्टोन से निष्कासित किए गए 74 विद्यार्थियों को RTE के तहत तत्काल प्रभाव से विद्यालय में पुनः अध्ययन की अनुमति दी जाए।

Update: 2025-07-11 17:10 GMT

Bilaspur High Court Verdict: हाई कोर्ट के डिविज़न बेंच ने एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए यह आदेश पारित किया कि डीपीएस रिसाली, शंकराचार्य विद्यालय सेक्टर-10, एवं डीएवी हुडको माइलस्टोन से निष्कासित किए गए 74 विद्यार्थियों को RTE के तहत तत्काल प्रभाव से विद्यालय में पुनः अध्ययन की अनुमति दी जाए।

बिलासपुर. हाई कोर्ट के डिविज़न बेंच ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए डीपीएस रिसाली, शंकराचार्य विद्यालय सेक्टर-10, एवं डीएवी हुडको माइलस्टोन से निष्कासित किए गए 74 विद्यार्थियों को तत्काल प्रभाव से विद्यालय में प्रवेश देने का निर्देश दिया है. इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने डीईओ के आदेश को निरस्त कर दिया है.

जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग द्वारा 3 जुलाई 2025 को इन विद्यालयों को आदेशित करते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम RTE के अंतर्गत नामांकित विद्यार्थियों को विद्यालय से निष्कासित करने की कार्रवाई की गई। इस निर्णय से बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था और पालकों में गहरा आक्रोश एवं निराशा उत्पन्न हो गई थी।

बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में सांसद विजय बघेल की पहल पर पालकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता टी.के. झा एवं अधिवक्ता सौरभ चौबे के नेतृत्व में एक विशेष अधिवक्ता टीम गठित की गई, जिसने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय में प्रभावी पैरवी की। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है तथा इसे किसी भी परिस्थिति में छीना नहीं जा सकता। न्यायालय ने विद्यार्थियों को वर्ष पर्यंत नियमित शिक्षा देने का निर्देश देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी के निष्कासन आदेश को अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया। कोर्ट के फैसले से 74 बच्चों एवं उनके परिजनों को राहत मिली है।

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