Bilaspur High Court: CG: पति ने की पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग, हाई कोर्ट ने दी ये सलाह...
Bilaspur High Court : अवैध संबंध के शक में पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पत्नी को कटघरे में खड़ा कर दिया। ऐसी अग्नि परीक्षा की मांग कर दी जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। याचिकाकर्ता पति ने पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग कर दिया। हाई कोर्ट ने यााचिकाकर्ता पति की मांग पर सख्त एतराज जताते हुए इसे ना केवल खारिज कर दिया वरन गंभीर टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि वर्जिनिटी टेस्ट महिला के गरिमा के विपरीत और उनके अधिकारों का सीधेतौर पर हनन है। कोर्ट ने दोटूक कहा कि महिलाओं के सम्मान के विपरीत इस तरह की जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता।

Bilaspur High Court
Bilaspur High Court: बिलासपुर। पत्नी के चरित्र पर संदेह करने वाले पति की उस याचिका को बिलासपुर हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी और अहम संदेश के साथ खारिज कर दिया है जिसमें याचिकाकर्ता पति ने पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की थी। हाई कोर्ट ने वर्जिनिटी टेस्ट को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने इस तरह की मांग को मौलिक अधिकारों के हनन के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 21 के विपरीत बताया है।
मामला रायगढ़ जिले का है। याचिकाकर्ता का विवाह 30 अप्रैल 2023 को हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। विवाह के कुछ दिनों बाद ही पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ गया। पति ने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाई थी। पति ने पत्नी का अपने ही बहनोई से अवैध संबंध का गंभीर आरोप लगाया था। विवाद के बाद पति ने परिवार न्यायालय में याचिका दायर कर वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की थी।
परिवार ने याचिका को खारिज कर दिया था। परिवार न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के सिंगल बेंच में हुई।
जस्टिस वर्मा ने अपने फैसले में लिखा है कि, कौमार्य परीक्षण असंवैधानिक है और महिला की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पति खुद पर लगे आरोपों को गलत साबित करना चाहता है, तो वह खुद का मेडिकल परीक्षण करा सकता है, लेकिन पत्नी पर ऐसा आरोप थोपना अवैध है।