Balrampur News: CG में बारिश से टूटा 45 साल पुराना बांध, पानी की तेज धार में गए लोग, 3 की मौत, बच्चे समेत कई लापता, रेस्क्यू अभियान जारी

Balrampur News: भारी बारिश का कहर उत्तर छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है. डेम का एक हिस्सा टूटने के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई और तीन ग्रामीणों की मौत हो गई है. पानी की तेज धार में ग्रामीणों के साथ मवेशी भी बह गए.

Update: 2025-09-03 04:20 GMT

 Balrampur Lutti Dam broken,

Balrampur News: बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश तबाही मचा रही है इसी बीच बलरामपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। बलरामपुर जिले के लुत्ती डेम का बड़ा हिस्सा मंगलवार की रात को टूट(Balrampur Lutti Dam) गया। डेम टूटने से इसके नीचे स्थित दो घर चपेट में आ गए। एक ही परिवार के छह लोगों के साथ कुल सात लोग बह गए। इनमें से तीन की लाश बरामद कर ली गई है। मृतकों में सास और दो बहू हैं। इस परिवार के तीन बच्चों के साथ एक ग्रामीण का अभी तक पता नहीं चल सका है।

सालो पुराना बांध टूटा 

भयावह घटना से गांव में हाहाकार मचा हुआ है। देर रात को ही बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा ,पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे। सुबह से बचाव कार्य जारी है। बड़ी संख्या में गांव वाले लापता लोगों की तलाश में लगे हुए हैं।

बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत विश्रामनगर के ग्राम धनेशपुर में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 1980 - 81 में बाँध का निर्माण कराया गया था। दो ओर से पहाड़ से घिरे बाँध में एक ओर से नाला का पानी आता है। 10-12 साल पहले बाँध में सीपेज हुआ था। उस दौरान इसका मरम्मत कराया गया था।

जलाशय के निचले हिस्से में रामवृक्ष नामक ग्रामीण का घर है। नजदीक में ही एक अन्य व्यक्ति ने बथान और कच्चे का घर बनाकर रखा था। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जलाशय लबालब भरा हुआ था। मंगलवार सुबह से ही जलाशय के एक हिस्से से पानी का हल्का रिसाव हो रहा था। जल संसाधन विभाग की ओर से निगरानी नहीं होने के कारण यह जानकारी उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंच सकी।

शाम को फिर बारिश हुई और जलाशय में पानी का दबाब बढ़ा तो एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बाँध का पानी पूरे वेग से नीचे की ओर बहने लगा। इससे लगभग 300 मीटर की दूरी पर रामवृक्ष का घर बाढ़ की चपेट में आ गया। रामवृक्ष जाग रहा था। तेज आवाज के कारण संभवतः वह मवेशियों को देखने गया था इसलिए किसी तरह बच निकला लेकिन घर में सो रही उसकी पत्नी, दो बहू, तीन पोता-पोती बह गए। पूरा घर बाढ़ की चपेट में आ गया। इसके नजदीक ही एक ग्रामीण ने मवेशियों को रखने के लिए बथान बनाकर रखा था। एक कच्चा घर भी था।यह घर और बथान भी जलाशय के पानी की चपेट में आ गया।देर रात गांव वालों को घटना की खबर लगते ही अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया।

जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव की सूचना पर कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक के साथ पूरा प्रशासनिक अमला और सैकड़ो की संख्या में गांव वाले रात को ही घटनास्थल पर जुट गए।रात से ही बचाव व राहत का काम शुरू किया गया।

पानी में बह गए तीन बच्चे

अभी तक महिला और उसकी दो बहू का शव बरामद कर लिया गया है जबकि तीनों बच्चे और ग्रामीण का कुछ पता नहीं चल सका है। प्रशासनिक टीम के साथ गांव वाले अभी भी तलाशी अभियान में लगे हुए हैं।

50 बकरा - बकरी, गोवंश बह गए

इस घटना में 40 से 50 बकरा - बकरी तथा गो वंश भी बह गए हैं। गांव वालों ने बताया कि नजदीक से ही कनहर नदी गुजरी है। बाढ़ का पानी कनहर नदी में जाकर समा गया है।संभावना है कि बहे लोग कनहर नदी में चले गए होंगे। गांव वालों ने बताया कि रामवृक्ष को भी चोट आई है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके दो बेटे रोजी रोजगार के चक्कर में दक्षिण के किसी राज्य में गए हुए हैं। रात को वे घर में नहीं थे। सुबह से गांव वालों की भीड़ लगी हुई है। सभी अपने स्तर से लापता बच्चों और ग्रामीण की तलाश कर रहे हैं।

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