Balod: दंतैल हाथी ने मचाया उत्पात, अब तक 6 लोगों की हाथियों के हमले में मौत, जानें हाथियों से बचाव के तरीके

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में हाथियों के आतंक से लोग परेशान हैं। खासतौर पर हाथियों ने किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल को रौंद दिया है। गुरूर और दल्लीराजहरा वन परिक्षेत्र में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है।

Update: 2024-10-14 10:49 GMT

बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में हाथियों के आतंक से लोग परेशान हैं। खासतौर पर हाथियों ने किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल को रौंद दिया है। गुरूर और दल्लीराजहरा वन परिक्षेत्र में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। इधर वन विभाग की टीम इलाके में मौजूद है और हाथियों की मॉनिटरिंग कर रही है।

कई गांवों में कराई गई मुनादी

हाथी की तस्वीरें भी सामने आई हैं। वहीं वन विभाग ने वन परिक्षेत्र के गांवों में मुनादी कराई है और लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों से अकेले नहीं निकलने को कहा है। साथ ही फोटो और वीडियो लेने के लिए हाथियों के पास नहीं जाने को लेकर हिदायत दी गई है।


अब तक हाथियों के हमले से 6 ग्रामीणों की मौत 

बता दें कि अब तक हाथियों के हमले से 6 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, इसलिए गांववाले भी डरे हुए हैं। हाथी वर्तमान में बालोद वनमंडल के हिडकापार के पास हैं, जो कि आड़ेझर बीट और नलकसा सर्किल का एरिया है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरूर वन परिक्षेत्र में हुआ है।

कई गांवों में अलर्ट जारी

फिलहाल वन विभाग ने अंगारा, नलकसा, पुसावड़, शेरपार, कोसमी, पैंदुर, नारंगसुर जैसे लगभग कई गांवों में अलर्ट जारी किया है। विचरण कर रहे हाथी का नाम ME- 3 बताया जा रहा है, जो कि एक दंतैल हाथी है। उप वन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और ग्रामीणों को सतर्क किया गया है, ताकि कोई जनहानि नहीं हो। 


इन गांवों में अलर्ट

दंतैल हाथी गुरुर वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक आरएफ 11 और 25 में विचरण कर रहा है। ग्राम जगतरा, सोहतरा, बिच्छीबहरां, खैरडिगी, धानापुरी, ओडेनाडीह, कारियाटोला, चूल्हापथरां, कंकालीन, भेजमैदानी, नारागांव रूपुटोला, हितेकसा, नगझर, मंगचुवा, पेटेचुवा सहित दर्जनों गांवों को अलर्ट किया गया है।

हाथियों से बचाव के तरीके

  • हाथियों का झुंड अगर रास्ते पर आ जाए, तो गाड़ियों की लाइट बंद कर दें।
  • हाथी के सामने आने पर हॉर्न नहीं बजाएं, वरना वे आपकी ओर आकर्षित हो जाएंगे।
  • हाथी अचानक हमला करे, तो सीधे न भागकर टेढ़े-मेढ़े भागें।
  • रस्सी से लाल या सफेद कपड़े की पट्टी बांधकर लटका दें। उन्हें ये दोनों रंग पसंद नहीं होते।
  • हाथियों के झुंड में बच्चे हों, तो उनसे दूरी बनाकर चलें।
  • हाथियों के साथ शावक होने पर वे बहुत अधिक आक्रामक हो जाते हैं।
  • जिन इलाकों में हाथियों की आवाजाही हो, वहां लाल मिर्च के पेस्ट का छिड़काव करें।
  • घरों में भी लाल मिर्च जला सकते हैं। इसकी गंध से हाथी भाग जाते हैं।
  • हाथियों को खदेड़ने के लिए पटाखे फोड़ें या आग लगाएं।
  • वन मंडल में हाथियों से बचाव के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • खेतों के किनारे नीलगिरी के पौधे लगाएं। नीलगिरी हाथियों को पसंद नहीं होता।
  • हाथियों की फोटो-वीडियो लेने के लिए उनके पास नहीं जाएं।
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