आम आदमी का मुख्यमंत्रीः राज्य की बागडोर संभालते ही विष्णु देव साय ने बनाया राज्य में विकास का नया वातावरण
छत्तीसगढ़ की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आम आदमी का जीवन स्तर उपर उठाने की कोशिशों में निरंतर लगे हुए हैं।
रायपुर। लोकतंत्र का मूलमंत्र सुशासन है। सुशासन के बिना सच्चे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती। लोकतंत्र में भरोसे का संकट सबसे बड़ा संकट होता है। यह तंत्र निश्चित ही जनता का अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा कायम रखने से ही चलता है। हमारे संविधान निर्माताओं का सपना ऐसे ही मजबूत लोकतंत्र का था, जहां जनता और उसकी चुनी हुई सरकार भरोसे की ऐसी ही मजबूत डोर में बंधी रहे। वास्तव में यह लोकतंत्र का मजबूत रक्षासूत्र है, जिसे कभी भी किसी भी लोकसेवक को कमजोर नहीं करना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सबसे बड़ी चुनौती इसी भरोसे को बहाल करने की थी। लेकिन ये अच्छी बात है कि पिछले दस महीने में साय सरकार ने जनता से किये अधिकांश वायदों को पूरा कर विश्वास को फिर से स्थापित किया है। करीब 10 महीने पहले विष्णु देव साय ने प्रदेश की कमान नए मुख्यमंत्री के रुप में संभाली। इसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ विकास के नए रास्ते पर चल पड़ा है। विष्णु देव साय के राज्य की बागडोर संभालते ही राज्य में फिर से विकास के लिए नया वातावरण बना है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सौम्य, सरल व्यक्तित्व के धनी विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई गारंटी पर काम करना शुरू किया और मात्र 8 माह में ही अधिकांश गारंटियों को पूरा कर दिखाया। इतने कम समय में जनता को दी गई गारंटी को पूरा करने के लिए यह उनकी प्रशासनिक कुशलता और सफल नेतृत्व का परिचायक है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 10 माह की अल्पावधि में कई जन हितकारी फैसलों को समाज के हर वर्ग की तरक्की और खुशहाली अनेक कदम उठाए गए है। सरकार की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में ‘आयुष्मान भारत’ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’’ के साथ ही ‘शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना’ लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन दोनों योजनाओं से छत्तीसगढ़ के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रूपए तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। अब वन अधिकार पत्र धारण करने वाले हमारे जनजाति और वनवासी भाइयों के लिए सीमांकन, नामांतरण, खाता विभाजन जैसे कार्य सहज हो गये हैं। इन वन अधिकार पत्रों को डिजिटलाइज भी किया गया है। सरकार ने राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों की पारिश्रमिक दर को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया है। इस साल 13 लाख 5 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 855 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इनकी संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 1 लाख 72 हजार अधिक है। प्रदेश के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना‘ आरंभ करने का निर्णय लिया है। रायगढ़ जिले में इंडोर स्टेडियम काम्प्लेक्स, हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान एवं सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक 31 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बनाया जाएगा। वहीं बलौदाबाजार जिले में 14 करोड़ रुपए की लागत से इनडोर स्टेडियम कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। जशपुर जिले के कुनकुरी में 33 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से आधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की नींव को ठोस करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत 18 स्थानीय भाषाओं में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के 211 स्कूलों में पीएमश्री योजना आरंभ की गई है। इन स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन‘ का गठन किया है। कुल मिलाकर प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ध्येय वाक्य को लेकर जनता की दिन-रात सेवा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर त्वरित अमल करते हुए पिछले सरकार के कार्यकाल में राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हुई गडबड़ी और अनियमितता की जांच का काम सीबीआई को सौंप दिया है। राज्य सरकार ने जनहित को देखते हुए महादेव सट्टा एप केस भी सीबीआई को सौंपा। इसके अलावा बेमेतरा जिले के बिरनपुर प्रकरण की भी सीबीआई जांच कराने का भी निर्णय लिया है। विष्णु देव सरकार ने मोदी की गारंटी के अनुरूप श्री रामलला दर्शन योजना शुरूआत की है। भारत में अपने आप में यह एक अनूठी और अनुकरणीय योजना है। इस योजना में श्रद्धालुओं को सरकारी खर्च में अयोध्या धाम का दर्शन कराया जा रहा है। प्रभु श्री राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ माना गया है। इस कारण वे हमारे लिए और अधिक पूजनीय है। अपने भांचा राम के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ का हर नागरिक उत्सुक है।
मुस्कुरा उठे किसान
प्रदेश में कृषि हितैषी नीतियों की वजह से खेती-किसानी में रौनक लौट आई है और किसानों के चेहरों पर मुस्कान नजर आ रही है। आज हमारे गांव आर्थिक रूप से संपन्न नजर आते हैं। एक लोककल्याणकारी सरकार के लिए इससे बढ़कर संतोष की बात और कुछ नहीं हो सकती। किसानों को समर्थन मूल्य की 32 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ ही कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 75 हजार किसानों को अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। प्रदेश के अन्नदाताओं के खाते में सरकार ने धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किए। भूमिहीन किसानों को दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए वार्षिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया। राज्य के 13 लाख किसानों के बैंक खाते में 3716 करोड़ रुपये का बकाया धान बोनस ट्रांसफर किया गया। सरकार ने अपने वायदों को पूरा करते हुए किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की। प्रदेश में रिकॉर्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई।
मातृशक्ति को मिला आर्थिक संबल
छत्तीसगढ़ को गढ़ने और संवारने में अहम भूमिका निभाने वाली मातृशक्ति का वंदन करते हुए 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की किश्त के रूप में एक-एक हजार रुपए की राशि अंतरित की जा रही है। अब तक इस योजना की सात किश्त जारी की जा चुकी है। इस योजना के चलते प्रदेश की माताएं-बहनें आर्थिक रूप से सक्षम व आत्मनिर्भर हुई हैं। वे इस राशि का उपयोग अपनी इच्छा अनुसार बच्चों की पढ़ाई एवं घर के बजट को व्यवस्थित करने में कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक संबल मिल रहा है। जब हम बेटियों को मजबूत करते हैं तो पूरा परिवार मजबूत होता है और मजबूत परिवार से ही मजबूत समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। महिलाओं के आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण से निश्चित ही विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला मजबूत हो रही है।
आर्थिक विकास को मिल रही नई रफ्तार
प्रदेश की भौगोलिक विविधता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार की है। बस्तर और सरगुजा में हम वनोपज प्रसंस्करण केंद्रों, इको टूरिज्म, नैचुरोपैथी आदि पर जोर दे रहे हैं। नवा रायपुर को आईटी हब तथा इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राजधानी के समुचित विकास के लिए और यहां उद्यम के अवसरों को बढ़ावा देने नेशनल कैपिटल रीजन की तरह ही स्टेट कैपिटल रीजन विकसित किया जा रहा है। कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कारिडोर बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके अस्तित्व में आने पर इन क्षेत्रों में औद्योगिक विस्तार और भी तेज हो जाएगा। उद्यमी युवाओं को ‘‘छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना‘‘ के माध्यम से 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ हम ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने की योजना है।
पूरा कर रहे घर का सपना
भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाने के संकल्प में छत्तीसगढ़ प्रभावी भूमिका अदा कर रहा है। प्रदेश सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है। अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी 68 लाख परिवारों को अगले पांच सालों तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें सबसे पहले सबको आवास सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है। प्रदेश के 18 लाख जरूरतमंद परिवारों के आवास का सपना पूरा करने की राह खोली गई है। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में चिन्हांकित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया है।
39 लाख 31 हजार परिवारों को मिला शुद्ध जल
प्रदेश के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने जलजीवन मिशन के क्रियान्वयन की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। इसके लिए 4500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। प्रदेश में भू जल की समस्या वाले गांवों में जलजीवन मिशन के अंतर्गत 18 जिलों में 70 मल्टी विलेज स्कीम के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का काम शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में 50 लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा था। इसमें से 39 लाख 31 हजार परिवारों में हम नल कनेक्शन उपलब्ध करा चुके हैं।