RBI Repo Rate Cut News: RBI ने दिया आम आदमी को रहत, रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, अब ब्याज दर 5.25%; EMI पर तुरंत राहत

RBI Repo Rate Cut: RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते होंगे और EMI का बोझ घटेगा।

Update: 2025-12-05 10:17 GMT

RBI Repo Rate Cut News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति को नरम करते हुए आम जनता और अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत दी है। RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की कटौती कर इसे 5.50% से घटाकर 5.25% कर दिया है। यह फैसला महंगाई के नियंत्रण में रहने और आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद लिया गया है। इस कटौती का सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI पर पड़ेगा, जिससे करोड़ों कर्जदारों का मासिक बोझ कम होगा और बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है।

Home Loan EMI, Car Loan सस्ते: आम आदमी को सीधा फायदा

रेपो रेट घटने का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनका होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन चल रहा है। अब बैंकों के लिए RBI से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा, जिसके बाद बैंक अपनी लेंडिंग रेट में कटौती कर सकते हैं। इसका सीधा असर ग्राहकों की EMI पर पड़ेगा और हर महीने की किश्त कम होगी। इससे न सिर्फ आम उपभोक्ताओं की जेब को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में खर्च और खरीदारी भी बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।

RBI का तर्क: महंगाई नियंत्रण में, ग्रोथ को सहारा देने की जरूरत

RBI ने अपने बयान में कहा है कि फिलहाल महंगाई दर नियंत्रण में बनी हुई है और घरेलू आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में आर्थिक विकास को सपोर्ट देने के लिए ब्याज दरों में नरमी जरूरी थी। खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मांग को तेज करने की जरूरत को इस फैसले का प्रमुख आधार बताया गया है। RBI का मानना है कि मौजूदा समय में महंगाई और विकास के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

RBI Governor Statement: SDF 5% और MSF 5.5% पर समायोजित

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि यह फैसला MPC ने सर्वसम्मति से लिया है और यह तुरंत प्रभाव से लागू होगा। उन्होंने कहा कि Liquidity Adjustment Facility के तहत Standing Deposit Facility यानी SDF की दर अब 5% कर दी गई है, जबकि Marginal Standing Facility यानी MSF और बैंक रेट को 5.5% पर समायोजित किया गया है। इसके साथ ही RBI ने अपनी न्यूट्रल पॉलिसी स्टैंड को भी बरकरार रखा है ताकि जरूरत पड़ने पर भविष्य में और कदम उठाए जा सकें।

Liquidity बढ़ाने के लिए RBI का बड़ा ऐलान: OMO और Dollar-Rupee Swap

बैंकिंग सिस्टम में स्थायी तरलता बढ़ाने के लिए RBI ने खुले बाजार में बड़े हस्तक्षेप की भी घोषणा की है। गवर्नर के मुताबिक दिसंबर महीने में 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की OMO के जरिए खरीद की जाएगी। इसके अलावा 5 अरब डॉलर का तीन वर्षीय डॉलर-रुपया बाय-सेल स्वैप भी किया जाएगा, जिससे बाजार में अतिरिक्त नकदी पहुंचेगी और क्रेडिट फ्लो बेहतर होगा।

Inflation Outlook: CPI महंगाई अब 2% के आसपास रहने का अनुमान

RBI गवर्नर ने बताया कि हेडलाइन और कोर महंगाई दोनों में नरमी देखने को मिली है और आने वाले महीनों में इसके 4% से नीचे रहने की संभावना है। RBI ने मौजूदा वर्ष के लिए CPI महंगाई का अनुमान घटाकर लगभग 2% कर दिया है, जो पहले के अनुमान से 0.6% कम है। तीसरी तिमाही के लिए CPI 0.6%, चौथी तिमाही के लिए 2.9%, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए 3.9% और दूसरी तिमाही के लिए 4% रहने का अनुमान लगाया गया है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में असाधारण नरमी को महंगाई में गिरावट का मुख्य कारण बताया गया है।

Industry Reaction: रियल एस्टेट, ऑटो और MSME को बड़ी राहत

रेपो रेट में कटौती के बाद उद्योग जगत में सकारात्मक माहौल देखा जा रहा है। रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, MSME और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए इसे बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ता कर्ज मिलने से निवेश बढ़ेगा, मांग सुधरेगी और आने वाले महीनों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो सकते हैं।

Stock Market Impact: बैंकिंग और ऑटो शेयरों में तेजी

रेपो रेट कटौती के ऐलान के बाद शेयर बाजार में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। बैंकिंग, रियल्टी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में तेजी दर्ज की गई क्योंकि निवेशकों को भरोसा है कि सस्ता कर्ज अर्थव्यवस्था को गति देगा और कंपनियों की आय में सुधार होगा।

Common Man Impact: आम जनता को क्या बदलाव दिखेगा

इस फैसले के बाद होम लोन की ब्याज दरों में कमी आएगी, कार और पर्सनल लोन की EMI घटेगी, व्यापारियों और छोटे उद्योगों को सस्ता कर्ज मिलेगा और बाजार में खरीदारी व निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर RBI का यह फैसला सीधे तौर पर आम आदमी की जेब, उद्योगों की गतिविधियों और देश की आर्थिक रफ्तार तीनों को राहत देने वाला माना जा रहा है।

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