पर्सनल लोन: पैसों की बहुत जरूरत हो तो लें पर्सनल लोन, जानें ब्याज दर और खास बातें
आर्थिक इमरजेंसी के समय पर्सनल लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये एक अन-सिक्योर्ड लोन है, इसका मतलब है कि पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदकों को कोई गारंटी या सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत नहीं होती है।
रायपुर, एनपीजी डेस्क। आर्थिक इमरजेंसी के समय पर्सनल लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये एक अन-सिक्योर्ड लोन है, इसका मतलब है कि पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदकों को कोई गारंटी या सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत नहीं होती है। लोगों को पर्सनल लोन लेने के लिए न तो कुछ गिरवी रखना पड़ता है। बैंक और एनबीएफसी आमतौर पर ये लोन एक से 5 साल तक के टेन्योर के लिए देते हैं।
आर्थिक दिक्कतों के समय आता है काम
चाहे आपको इलाज करवाना हो, शादी-ब्याह हो, घर की मरम्मत करानी हो या शिक्षा में खर्च करना हो, किसी भी तरह की तात्कालिक आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आप पर्सनल लोन ले सकते हैं।
पर्सनल लोन लेने के फायदे
सिक्योरिटी की जरूरत नहीं- पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन है, इसलिए आवेदक को कोई सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती है। बैंक आवेदक की आय, कैश-फ्लो, क्रेडिट स्कोर और री-पेमेंट की क्षमता को देखकर पर्सनल लोन देते हैं। इसी आधार पर लोन की रकम और ब्याज दर तय होती है। अच्छी री-पेमेंट कैपेसिटी, अच्छा क्रेडिट स्कोर और इनकम से आवेदक को कम ब्याज पर लोन मिल जाता है।
अपने मुताबिक कर सकते हैं पर्सनल लोन का यूज- पर्सनल लोन का इस्तेमाल आप अपने हिसाब से कर सकते हैं। पर्सनल लोन लेने की वजह को बताना जरूरी नहीं होता है।
अपने हिसाब से चुन सकते हैं लोन की अवधि- पर्सनल लोन के साथ फ्लेक्सिबल री-पेमेंट अवधि जुड़ी रहती है, जो आमतौर पर एक साल से 5 साल तक होती है। ऐसे में आप अपनी जरूरत के हिसाब से लोन कितने समय के लिए लेना है, ये चुन सकते हैं। पर्सनल लोन के साथ प्री-पेमेंट और प्री-क्लोजर चार्ज भी जुड़े रहते हैं।
क्रेडिट स्कोर अच्छा हो तो आसानी से मिलता है लोन- अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर कर सकता है। इसमें मिनिमम पेपर वर्क के साथ तुरंत लोन मिलता है। लोन के लिए आवेदन ऑनलाइन बैंकिंग में लॉग इन कर या फिर ऑफलाइन भी किया जा सकता है। ये लोन आपको आसानी से और कम ब्याज दर पर मिलता है।
टैक्स छूट का लाभ- पर्सनल लोन पर टैक्स नहीं लगता है, क्योंकि इसे इनकम नहीं माना जाता, हालांकि लोन आप बैंक या NBFC से ही लें। लोन पर टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए आपको कई डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे। इनमें खर्च का वाउचर, बैंक का सर्टिफिकेट, सैंक्शन लेटर और ऑडिटर का लेटर वगैरह शामिल हैं।
टॉप-अप लोन भी ले सकते हैं- अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ने पर कई बैंक/NBFC टॉप-अप लोन भी ऑफर करते हैं।
जल्दी मिलती है राशि- सिक्योर्ड लोन की तुलना में लोन राशि जल्दी मिल जाती है।
कम डॉक्यूमेंट की जरूरत- लोन आवेदन के लिए कम डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है।
पर्सनल लोन के बारे में खास बातें जान लें
- ब्याज दर 10.49% सालाना से शुरू- कुछ PSUs इससे कम दरों पर ब्याज ऑफर कर सकते हैं।
- लोन राशि 40 लाख तक- कुछ बैंक/NBFC इससे अधिक का लोन दे सकते हैं।
- अवधि 5 साल तक- कुछ बैंक/NBFC 8 साल तक की भुगतान अवधि देते हैं।
- प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का 0.5% से 4%- एक बैंक/NBFC से दूसरे में अलग हो सकती है।
पर्सनल लोन की ब्याज दरें
प्राइवेट सेक्टर बैंकों द्वारा ऑफर की जाने वाली पर्सनल लोन की ब्याज दरें (पर्सनल लोन इंटरेस्ट रेट) 10.49% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। हालांकि, कुछ पब्लिक सेक्टर के बैंक कम दरों पर पर्सनल लोन दे सकते हैं। बैंक और NBFC कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर करते हैं, ये आवेदक के क्रेडिट स्कोर, लोन राशि, आय जैसी चीजों पर निर्भर करता है।
पर्सनल लोन की फीस और चार्जेज़
- लोन प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का 0.5% से 4% तक हो सकता है। प्री-पेमेंट/पार्ट पेमेंट/फोरक्लोजर चार्जेज़ फ्लोटिंग रेट के लिए शून्य है।
- फिक्स्ड रेट के लिए आमतौर पर मूल बकाया राशि पर लगभग 2% से 5% तक होता है।
- लोन कैंसिलेशन चार्ज 3,000 रुपए के करीब होता है।
- पीनल चार्जेज़ आमतौर पर हर महीने 2% और 24% सालाना हो सकता है।
- EMI/चेक बाउंस की स्थिति में करीब 400 रुपए प्रति चेक बाउंस चार्ज लग सकता है।
इन आधार पर मिलता है पर्सनल लोन
- आवेदक की इनकम
- कैश-फ्लो
- क्रेडिट स्कोर
- री-पेमेंट कैपेसिटी
पर्सनल लोन की EMI ऐसे चुकाएं
- लोन लेते समय आप उसका टेन्योर तय कर सकते हैं। अगर आपने 3 साल के लिए लोन लिया है, तो आपको कुल 36 EMI में लोन और उस पर बनने वाले ब्याज की कुल राशि चुकानी होगी।
- सभी लोन में शुरू के महीनों में चुकाई जाने वाली EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज यानी इंटरेस्ट होता है।
- जैसे-जैसे लोन की अवधि बढ़ती जाती है, इंटरेस्ट की राशि कम और प्रिंसिपल अमाउंट की राशि बढ़ती जाती है।
- लोन का टेन्योर जितना कम होता है, वह उतना फायदेमंद होता है।
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अगर आप ये शर्तें पूरी करते हैं तो बैंक देते हैं प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो बैंक आपको प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन भी ऑफर कर सकते हैं। इसमें मिनिमम पेपर वर्क के साथ तुरंत लोन मिलता है।
- आप संबंधित बैंक के फोन ऐप या ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ आसानी से अप्रूवल भी मिल सकता है।
पर्सनल लोन के लिए ये डॉक्यूमेंट्स जरूरी
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- नौकरी या बिजनेस का प्रूफ (इनकम सोर्स)
- एड्रेस प्रूफ
- 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- फॉर्म 16 (इनकम टैक्स रिटर्न प्रूफ)
पर्सनल लोन के नुकसान
- पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट होम लोन, एजुकेशन लोन या दूसरे एसेंशियल लोन से बहुत ज्यादा होता है।
- पर्सनल लोन लेकर कई बार जरूरत से ज्यादा खर्च कर सकते हैं।
- पर्सनल लोन लायबिलिटी ज्यादा होता है।
- पर्सनल लोन के पेमेंट से लॉन्ग टर्म बचत पर असर पड़ता है।
- समय पर पेमेंट नहीं करने पर ब्याज का बोझ बढ़ता है।
- समय पर पेमेंट न किया जाए, तो क्रेडिट स्कोर खराब होता है। बहुत क्राइसिस होने पर ही पर्सनल लोन लेना चाहिए।
इन कारणों से रिजेक्ट हो सकता है पर्सनल लोन
- इनकम कम होना या इनकम प्रूफ नहीं देने पर पर्सनल लोन का आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
- पर्सनल लोन अप्लाय करने के लिए नौकरीपेशा लोगों की सैलरी कम से कम 15 हजार रुपए महीना होनी चाहिए।
- सिबिल स्कोर खराब हुआ, तो भी नहीं पर्सनल लोन रिजेक्ट हो जाएगा।
- क्रेडिट स्कोर खराब होने का मतलब है कि बैंक के लिए आप एक भरोसेमंद कस्टमर नहीं हैं। लोन के लिए 750 से 900 तक का क्रेडिट स्कोर बेहतर माना जाता है।
- आपको अपना क्रेडिट स्कोर रेगुलर चेक करते रहना चाहिए। अगर आपने कोई खरीदारी की है या कोई लोन लिया है, तो उसकी EMI समय पर चुकाएं।
- बार-बार नौकरी बदलने वालों को भी पर्सनल लोन नहीं मिलता।
- बेरोजगारों को भी पर्सनल लोन नहीं मिलता।
- पर्सनल लोन बैलेंस ट्रान्सफर क्या है?
- पर्सनल लोन बैलेंस ट्रान्सफर के तहत आप अपने बकाया पर्सनल लोन को किसी अन्य बैंक और NBFC में ट्रांसफर कर सकते हैं और फिर उसका कम ब्याज दरों और बेहतर शर्तों पर भुगतान कर सकते हैं। इसका लाभ वे लोग उठा सकते हैं, जिन्होंने ज्यादा ब्याज दरों पर लोन ले लिया है, लेकिन अब उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर हो रहा है, क्योंकि इस बीच उनकी क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार हुआ होगा।
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