8th Pay Commission: कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, 8 वें वेतन आयोग का गठन, श्रमिक संगठनों ने की मांग

8th Pay Commission: 8th Pay Commission: वेतनभोगी वर्ग के लिए सरकार को 8वें वेतन आयोग का गठन, कर छूट में वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना की बहाली करनी चाहिए। श्रमिक संगठनों ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के दौरान यह मांग की है।

Update: 2024-06-25 04:44 GMT

8th Pay Commission: वेतनभोगी वर्ग के लिए सरकार को 8वें वेतन आयोग का गठन, कर छूट में वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना की बहाली करनी चाहिए। श्रमिक संगठनों ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के दौरान यह मांग की है। संगठनों ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, नई पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने के लिए भी आग्रह किया। साथ ही, खाने-पीने और दवाओं की कीमतें कम करने की मांग की गई है।

श्रमिक संगठनों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि वेतनभोगी वर्ग के लिए उनके वेतन और ग्रैच्युटी पर आयकर छूट की अधिकतम सीमा को पर्याप्त रूप से बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही असंगठित श्रमिकों और कृषि श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि उन्हें न्यूनतम 9,000 रुपये प्रति माह पेंशन और अन्य चिकित्सा, शैक्षिक लाभ आदि मिल सकें।

सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक की मांग

संगठनों ने सरकार से केंद्र सरकार के विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में सभी मौजूदा रिक्तियों को तुरंत भरने और अनुबंध तथा आउटसोर्सिंग की प्रथा को रोकने की मांग की है। संगठनों ने कहा कि आवश्यक खाद्य वस्तुओं और दवाओं पर जीएसटी के जरिये आम जनता पर बोझ डालने की जगह कॉरपोरेट कर, संपत्ति कर में वृद्धि और विरासत कर को लागू किया जाना चाहिए।

श्रमिक संगठनों की बैठक

बैठक में इंटक, एआईटीयूसी, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी और यूटीयूसी सहित 12 मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने अलग से अपनी मांगों के साथ एक ज्ञापन सौंपा।

मनरेगा का विस्तार

बीएमएस ने मनरेगा का दायरा बढ़ाने और प्रत्येक परिवार को 200 दिन काम की गारंटी देने की मांग की। इसके अलावा, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कार्य को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से जोड़ने की बात भी कही गई।

आयुष्मान भारत योजना का विस्तार

ज्ञापन के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के मानदंडों को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करना चाहिए। सरकार को इन मांगों पर ध्यान देना चाहिए ताकि वेतनभोगी वर्ग और श्रमिकों को अधिक लाभ मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

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