कारोबारी अपहरणकांड : 50 करोड़ से ज्यादा फिरौती की डिमांड अपहर्ताओं ने की थी ….पैसे पहुंचने से पहले पुलिस पहुंच गई गिरोह तक…… देश के सबसे खूंखार अपहरण गिरोह के चंगुल में फंसा था कारोबारी….. 5 राज्यों में चला सर्च ऑपेरशन, तब अपहर्ताओं तक पहुंची पुलिस…..अपहरण की पूरी कहानी सुनिए DGP डीएम अवस्थी की जुबानी….

Update: 2020-01-22 20:07 GMT

रायपुर 22 जनवरी 2020। राजधानी से अपहृत कारोबारी प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया गया है। आज इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात खुलासा किया है। डीजीपी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि प्रवीण सोमानी को सकुशल घर पहुंचा दिया है। चंदन सोनार गिरोह इस अपहरण में संलिप्त था। ये गिरोह पूरे भारत के कई राज्यों में कई बड़े अपहरण कांड को अंजाम दिया है। व्यापारी के अपहरण के बाद से ही राजधानी पुलिस कार्रवाई में जुट गई थी, काफी धैर्य के साथ पुलिस ने इस घटना में व्यापारी को सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है।

5 राज्यों में चला सर्चिंग

इस गैंग की तलाश में उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हरियाणा, गुजरात में इस गिरोह के लोगों की तलाश की गई। उस दौरान पता चला को व्यापारी को पटना में रखा गया है। गैंग का मुख्य सरगना पप्पू है। गिरोह के दो लोग पुलिस की गिरफ्त में है। इस काम मे उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस ने काफी बढ़िया सहयोग किया गया।

पुलिस का दवाब बढ़ता देख सरगना हुआ फरार

सूचना के बाद अपहरणकर्ताओं ने जहां पर व्यापारी को रखा था वहां पर छापेमारी में गिरोह का मुख्य सरगना भाग निकला था। पुलिस ने अपहरण के बाद से ही कई कैमरे चेक किये थे, काफी लोगों से इस संबंध में पूछताछ की थी। पुलिस को पता चला था की गिरोह ने उत्तर प्रदेश के गांधी नगर में व्यापारी को रखा था, जब पुलिस ने रेड किया तो अपहरणकर्ता व्यापारी को लेकर वहां से भाग निकले। पुलिस ने उसके बाद भी कार्रवाई करते हुए व्यापारी को फैजाबाद और सुल्तानपुर के बीच अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है। इस ऑपरेशन में काफी मेहनत राजधानी पुलिस ने की है। जब गिरोह के लोगों ने परिवार वालों से पैसे मांगे उस समय तक पुलिस ने व्यापारी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया था । पुलिस ने काफी प्रोफेशनल तरीके से अपहरणकर्ताओं के पास से छुड़ाकर लाया है।

प्रवीण को सिलतरा से उठाया गया था। व्यापारी की किडनैपिंग से पहले अपहरणकर्ताओं ने गूगल से सर्च कर व्यापारी के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। इनका लोकल मददगार अनिल चौधरी था, जो दोन्देकला से था।

पूरा घटनाक्रम ऐसा था

सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए पुलिसी ने इस मामले में जांच शुरू की। आरोपियो ने कई दिनों तक व्यापारी की रेकी की थी, सिलतरा के पास आरोपियों ने अपने आप को ईड़ी का बताकर व्यापारी को अपने साथ सिलतरा ले गए। वहां से कटनी और फिर इलाहाबाद ले गए। वहीं आरोपी व्यापारी के परिजनों को कॉल कर फिरौती की मांग की थी। लगभग 50 करोड़ से ज्यादा की फिरौती की मांग की गई थी। इस वारदात में टोटल 10 लोग शामिल थे। मुख्य सरगना पप्पू चौधरी अभी फरार है। आरोपियों ने व्यापारी को मेन्टल टॉर्चर काफी किया था। बीच बीच के व्यापारी को नींद का इंजेक्शन भी लगाया जाता था।

इस पूरे ऑपरेशन में एसएसपी आरिफ शेख, एडिशनल एसपी क्राइम पंकज शर्मा, एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल, सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी, सीएसपी आजाद नसर सिद्धिकी, सहित कई टीआई और पुलिसकर्मी शामिल थे।

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