UP Chief Secretary Manoj Kumar Singh Biography: 3 IAS को सुपरसीड कर मनोज कुमार सिंह बने UP के नए चीफ सिकरेट्री, कुशल प्रशासक और बेहद ईमानदार हैं मनोज, जानिये उनके बारे में...

UP Chief Secretary Manoj Kumar Singh Biography: 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्य सचिव बनाए गए हैं। दुर्गाशंकर मिश्रा आज शाम यूपी के मुख्य सचिव पद से रिटायर हो जाएंगे। उनकी जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सबसे करीबी और ईमानदार आईएएस अधिकारी को तीन सीनियर अफसरों को सुपरसीड कर चीफ सिकरेट्री बनाया है।

Update: 2024-06-30 09:05 GMT

Chief Secretary Manoj Kumar Singh

एनपीजी ब्यूरो

UP Chief Secretary Manoj Kumar Singh Biography: लखनउ। आईएएस मनोज कुमार सिंह देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के नए चीफ सिकरेट्री होंगे। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उनका आदेश जारी कर दिया है। आज शाम चीफ सिकरेट्री दुर्गाशंकर मिश्रा को रिटायर होने के बाद नए चीफ सिकरेट्री मनोज कुमार सिंह अपना पदभार संभाल लेंगे।

केंद्र से भेजे गए थे दुर्गाशंकर

देश में ऐसा पहली बार हुआ था कि 2021 में भारत सरकार ने अपने सिकरेट्री दुर्गाशंकर मिश्रा को रिटायरमेंट से एक दिन पहले एक साल का एक्सटेंशन देते हुए उन्हें चीफ सिकरेट्री बनाकर उत्तरप्रदेश भेजा था। जबकि, आमतौर पर ऐसा होता नहीं। चीफ सिकरेट्री और डीजीपी नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार याने मुख्यमंत्री के पास होता है। राज्यों के मुख्यमंत्री ही अपने पसंद के अफसर को चीफ सिकरेट्री या डीजीपी नियुक्त करते हैं। आजकल तो सीनियरिटी भी कोई मापदंड नहीं रह गया है।

तीन अफसरों को सुपरसीड कर बनाया मनोज को सीएस

मनोज कुमार सिंह से सीनियर यूपी में तीन आईएएस अफसर हैं। 1987 बैच के अरुण सिंघल और लीना नंदन तथा 1988 बैच के रजनीश दुबे। हालांकि, मनोज भी 88 बैच के हैं। मगर बैचवाइज सीनियरिटी में रजनीश दुबे उनसे उपर हैं। इन तीनों को सुपरसीड करके मनोज मुख्य सचिव बनाए गए हैं। बता दें, अरुण सिंघल और लीना नंदन केंद्रीय नियुक्ति पर हैं, जबकि रजनीश दुबे राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष हैं।

जानिये मनोज कुमार सिंह के बारे में

1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह झारखंड के बिहार के रहने वाले हैं। मनोज कुमार सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी भरोसेमंद माने जाते हैं। दुर्गाशंकर मिश्रा के बाद यूपी के सबसे पावरफुल अधिकारी मनोज कुमार सिंह थे। इससे ये समझा जा सकता है कि उनके पास कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थी। मनोज कुमार सिंह चार जिलों के कलेक्टर याने जिलाधिकारी रह चुके हैं। इनमें ललितपुर, गौतम बुद्ध नगर, पीलीभीत और मुरादाबाद शामिल है। ग्राम विकास आयुक्त की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई। मुरादाबाद के डिविजनल कमिश्नर भी रहे हैं। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, ग्राम विकास, पंचायती राज जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई। वह भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे हैं।

मनोज की स्वाभाविक दावेदारी

दुर्गाशंकर मिश्रा को सेवा विस्तार न मिलने की अटकलों के बीच चीफ सिकरेट्री बनने के लिए यूपी कैडर के 1987, 1988 और 1989 बैच के कई अफसरों की दावेदारी बढ़ गई थी। मगर इनमें सबसे पहला नाम कृषि उत्पादन आयुक्त और आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह का था। वह 1988 बैच के आईएएस अफसर हैं और उनके पास मौजूदा समय में कई अहम विभागों की जिम्मेदारी है। शासन की कई योजनाओं को जमीन पर उतारने में उनकी अहम भूमिका रही है। मनोज की छबि एक कुशल प्रशासक और बेहद ईमानदार आईएएस अफसर की है। यूपी में मनोज सिंह की ईमानदारी के बारे में सभी जानते हैं। सो, वे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी पसंदीदा अफसरों में गिने जाते हैं। ऐसे में दुर्गाशंकर मिश्रा को सेवा विस्तार न मिलने की स्थिति में मनोज कुमार सिंह इस पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।

जानिये मनोज कुमार सिंह के बारे में

1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह झारखंड के बिहार के रहने वाले हैं। मनोज कुमार सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी भरोसेमंद माने जाते हैं। दुर्गाशंकर मिश्रा के बाद यूपी के सबसे पावरफुल अधिकारी मनोज कुमार सिंह थे। इससे ये समझा जा सकता है कि उनके पास कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थी। मनोज कुमार सिंह चार जिलों के कलेक्टर याने जिलाधिकारी रह चुके हैं। इनमें ललितपुर, गौतम बुद्ध नगर, पीलीभीत और मुरादाबाद शामिल है। ग्राम विकास आयुक्त की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई। मुरादाबाद के डिविजनल कमिश्नर भी रहे हैं। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, ग्राम विकास, पंचायती राज जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई। वह भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे हैं।

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