UPSC Chairman Manoj Soni Biography in Hindi: यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी का जीवन परिचय (जीवनी), जाने कौन है यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी?

UPSC Chairman Manoj Soni Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: मनोज सोनी यूपीएससी के अध्यक्ष हैं। हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया है हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। मनोज सोनी मूलतः गुजरात राज्य के रहने वाले हैं। यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य के अलावा दो विश्वविद्यालय में कुलपति रहे हैं। उनका 5 साल का कार्यकाल बाकी था।

Update: 2024-07-21 09:35 GMT

UPSC Chairman Manoj Soni

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एनपीजी। मनोज सोनी वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। हाल ही में अपने इस्तीफे की वजह से चर्चाओं में आए हैं। हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। मूलतः गुजरात राज्य के आणंद के रहने वाले मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वस्त व करीबी माना जाता हैं। काफी संघर्षों से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले मनोज सोनी के नाम देश में सबसे कम उम्र में ( 40 वर्ष) में कुलपति बनने का रिकॉर्ड है। 2017 में वे सदस्य के तौर पर यूपीएससी से जुड़े थे। उन्होंने 16 मई 2023 को अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। उनका कार्यकाल मई 2023 तक था। आइए जानते हैं उनके बारे में....

जन्म और शिक्षा:–

मनोज सोनी का जन्म 17 फरवरी 1965 को मुंबई में हुआ। उनके पिता एक स्ट्रीट हाकर थे। पोयम मुंबई की गलियों में घूम-घूम कर कपड़े बेचा करते थे पांचवी तक की पढ़ाई मनोज सोनी की मुंबई से हुई जब मनोज सोनी पांचवी क्लास में थे तब उनके पिता की असमय मौत हो गई पिता की मौत के बाद परिवार का सपोर्ट करने और अपनी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए मनोज सोनी ने मुंबई की गलियों में घूम घूम कर अगरबत्तियां बेचने का काम शुरू कर दिया। पर मुंबई के महंगे खर्चों को वहां कर पाना मनोज सोनी के परिवार को भारी पड़ रहा था और लगातार आर्थिक स्थिति खराब होती चली जा रही थी जिसके कारण मनोज की मां ने मुंबई छोड़ने का फैसला किया और वर्ष 1978 में मुंबई से गुजरात के आणंद आ गईं। यहां भी मनोज ने अगरबत्तियां बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाला और आणंद शहर से ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद मनोज ने साइंस सब्जेक्ट से 12वीं की परीक्षा दिलाई। पर वे साइंस स्ट्रीम में अनुत्तीर्ण हो गए। जिसके बाद उन्होंने राज रत्न पीजी पटेल कॉलेज से आर्ट्स विषय लेकर 12वीं की पढ़ाई पूरी की।

12वीं के बाद बड़ोदरा के एमएस यूनिवर्सिटी से बीए और एमए की पढ़ाई की। इसके बाद मनोज सोनी ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई सरदार पटेल विश्वविद्यालय वल्लभनगर विद्यानगर से पूरी की। मनोज सोनी राजनीति शास्त्र के स्कॉलर रहे हैं और इंटरनेशनल रिलेशंस में उनकी स्पेशलाइजेशन है। मनोज सोनी ने अपनी पीएचडी ‘शीत युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रणाली का संक्रमण और भारत अमेरिका संबंधों’ पर की है।

सिविल सेवक बनने की चाह में मनोज सोनी ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा भी दिलाई है। फर्स्ट अटेम्प्ट में उनका प्री भी क्लियर नहीं हुआ जबकि दूसरे प्रयास में वे प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा निकलते हुए साक्षात्कार तक पहुंचे थे पर अंतिम चयन से चूक गए।

मनोज सोनी गुजरात विधानमंडल के एक अधिनियम द्वारा गठित एक अर्ध न्यायिक निकाय के सदस्य भी रह चुके हैं। यह अर्धनायक निकाय गुजरात में गैर सहायता प्राप्त पेशेवर संस्थाओं की फीस संरचना को नियंत्रित करता है। मनोज सोनी उच्च शिक्षा और लोक प्रशासन के कई संस्थाओं के बोर्ड आफ गवर्नेंस में भी काम कर चुके हैं। वर्ष 1991 से वर्ष 2016 तक मनोज सोनी ने सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी वल्लभनगर में प्रोफेसर के तौर पर अध्यापन कार्य किया। मोदी के करीबी माने जाने वाले मनोज सोनी पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर पड़ी। उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बडौदा के कुलपति के रूप में अप्रैल 2005 में नियुक्त किया गया। जब उन्हें सयाजी राव विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया तब उनकी उम्र महज 40 वर्ष थीं। उन्होंने देश के सबसे युवा कुलपति के रूप में पदभार संभाल रिकॉर्ड बनाया था। अप्रैल 2008 तक महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा के हुए कुलपति रहे। यहां कुलपति रहते हुए कई आंदोलन हुए पर उन्होंने कोई समझौता नहीं किया। मानविकी संकाय में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों से जुड़े विवादों में और काफी सुर्खियों में भी रहे थे। उसे वक्त माना जा रहा था कि इसी विवाद के चलते उन्हें कुलपति का दूसरा कार्यकाल इस विश्वविद्यालय में नहीं मिल पाया।

इसके बाद एक अगस्त 2009 से 31 जुलाई 2015 तक डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में लगातार दो कार्यकाल तक कार्य किया। मनोज सोनी ने ’अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक‘ नामक किताब भी लिखी है।

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2017 में उन्हें संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया गया। 6 साल बतौर सदस्य कार्यरत रहने के बाद 16 मई 2023 को अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल संभाला। कभी यूपीएससी में चयन के लिए परीक्षा दिलाने वाले मनोज सोनी यूपीएससी सलेक्ट तो नहीं हो पाए पर यूपीएससी के अध्यक्ष बन गए।

हाल ही में उन्होंने यूपीएससी के अध्यक्ष के पास से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल मई 2029 तक था। पर कार्यकाल समाप्त होने के 5 साल पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। माना यह जा रहा है कि प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेड़कर के फर्जी सर्टिफिकेट के विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है। परिवार सामने आने के पूर्व एक माह पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। जिसकी जानकारी 20 जुलाई को सामने आ सकी। हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने गुजरात के स्वामीनारायण संप्रदाय में 2020 में निष्काम कर्म योग की दीक्षा ली थी। मनोज सोनी के करीबियों के अनुसार वह काफी धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। स्वामीनारायण संप्रदाय की एक शाखा अनुपम मिशन के प्रति समर्पित होकर अपना सारा समय वही लगाना चाहते हैं। जिसके लिए वह सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेना चाहते हैं। इसी के चलते उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है।

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