IPS Prashant Kumar Agrawal Biography in Hindi: आईपीएस प्रशांत कुमार अग्रवाल का जीवन परिचय (जीवनी) जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस प्रशांत अग्रवाल?

IPS Prashant Kumar Agrawal Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: आईपीएस प्रशांत कुमार अग्रवाल छत्तीसगढ़ कैडर के 2008 बैच के आईपीएस हैं। वह मूलतः छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले हैं। आईआईटी से बीटेक एवं एमटेक की डिग्री लेकर आईपीएस बने हैं। उन्हें वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में डीआईजी रैंक के अफसर हैं।

Update: 2024-06-23 11:20 GMT

IPS Prashant Kumar Agrawal

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एनपीजी। प्रशांत कुमार अग्रवाल छत्तीसगढ़ कैडर के 2008 बैच के आईपीएस है। वे छत्तीसगढ़ के ही सूरजपुर जिले के रहने वाले हैं। आईआईटी से पढ़ाई करने वाले प्रशांत अग्रवाल अपने दूसरे प्रयास में 136 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने हैं। कई जिलों में कप्तानी करने के बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल बस्तर में वर्तमान में पदस्थ है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

प्रशांत अग्रवाल का जन्म वर्तमान सूरजपुर जिले के भैयाथान में 12 अगस्त 1983 को हुआ था। भैयाथान ब्लॉक मुख्यालय है। पूर्व में यह अंबिकापुर जिले में आता था। प्रशांत अग्रवाल कारोबारी परिवार से हैं। उनके पिता राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल मेडिकल व्यवसायी हैं। उनकी मेडिकल की दुकान है और भाई की कपड़े की दुकान है। प्रशांत अग्रवाल की प्रारंभिक शिक्षा भैयाथान के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। यहां उन्होंने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की। स्कूल के प्रिंसिपल उमाशंकर मिश्रा जी ने प्रशांत को काफी कुछ सिखाया। नवोदय विद्यालय की तैयारी करवाई। जिसके चलते प्रशांत अग्रवाल पांचवी के बाद नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में चयनित हुए। नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया और 12 वीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय से की । दसवीं तक प्रशांत अग्रवाल ने हिंदी माध्यम से पढ़ाई की। दसवीं में प्रशांत अग्रवाल के 88% अंक आए थे। 11वीं,12वीं उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से भौतिकी, रसायन व गणित विषय लेकर पढ़ाई की। 12वीं में उन्हें गणित विषय में 100 में से पूरे 100 नंबर मिले। 12वीं में भी उनके 88% अंक आए थे। 12वीं के बाद उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा जेईई उत्तीर्ण कर आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लिया। हालांकि इसके लिए 12वीं कक्षा के साथ दिलाए गए जेईई के उनके पहले प्रयास में उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। 12वीं के बाद एक साल ड्रॉप लेकर दिल्ली जाकर प्रशांत ने जेईई की तैयारी की। फिर अपने दूसरे प्रयास में जेईई क्लियर कर आईआईटी खड़गपुर इलेक्ट्रिकल ब्रांच में प्रवेश लिया। प्रशांत अग्रवाल ने पांच वर्षीय इंट्रीगेटेड बीटेक+एमटेक डिग्री कोर्स में प्रवेश लिया था। 2006 में प्रशांत अग्रवाल ने एमटेक कंप्लीट किया। इस दौरान उन्होंने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड बैंगलौर में अपना इंटर्नशिप कंप्लीट किया। डिग्री पूरा होने के ही वर्ष में आईईईई कॉन्फ्रेंस इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एप्लीकेशन विषय पर उनके रिसर्च पेपर सिंगापुर में वर्ष 2006 में प्रकाशित हुई। किसी भी इंजीनियरिंग स्नातक के लिए यह एक बड़ा अचीवमेंट माना जाता है।

यूपीएससी में चयन:–

प्रशांत अग्रवाल का सैमसंग नामक मल्टीनेशनल कंपनी में कैंपस सलेक्शन भी हुआ। पर सिविल सेवाओं की तरफ रुझान की वजह से प्रशांत अग्रवाल ने इसे ज्वाइन नहीं किया। यूपीएससी का प्रथम प्रयास 2006 में प्रशांत अग्रवाल ने अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में दिया। तब उनका प्री निकला पर मेंस नहीं निकल पाया। पर दूसरे प्रयास में प्रशांत अग्रवाल ने 136 वें रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक करने में सफलता पाई और आईपीएस के लिए चुने गए। मुख्य परीक्षा में उनके फिजिक्स और केमिस्ट्री ऑप्शनल विषय थे। जबकि यूपीएससी प्री में जनरल स्टडी के साथ एक अपना सब्जेक्ट में उन्होंने फिजिक्स चुना था। प्रशांत अग्रवाल को उनका होम कैडर छत्तीसगढ़ मिला।

प्रशांत अग्रवाल की फील्ड ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर कांकेर जिले में पोस्टिंग हुईं। वे कांकेर में चारामा थाना प्रभारी रहे। फिर नारायणपुर में डेढ़ साल तक एसडीओपी रहे। नारायणपुर के बाद छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल पांचवी बटालियन जगदलपुर के कमांडेंट रहें। प्रशांत अग्रवाल एसपी को तौर पर कोंडागांव जिले में पदस्थापना मिली। बीजापुर में एसपी पदस्थ रहें। बीजापुर के बाद जांजगीर जिले के पुलिस अधीक्षक बने। जांजगीर के बाद राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक बने। राजनांदगांव के बाद बलौदा बाजार भाटापारा जिले के पुलिस अधीक्षक बने। बलौदा बाजार के बाद पुलिस हेड क्वार्टर में कुछ समय तक पदस्थ रहे। फिर बिलासपुर जिले के पुलिस कप्तान बने। बिलासपुर के बाद दुर्ग व प्रदेश की राजधानी रायपुर के भी एसएसपी रहें। प्रशांत अग्रवाल ने 5 ज़िलों में 2-2 साल का कार्यकाल पूरा किया।

प्रशांत अग्रवाल ने बीजापुर के एसपी रहने के दौरान गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सल मुठभेठ में पुलिस बल का नेतृत्व किया था। जिसपर उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक अर्थात गैलंट्री अवॉर्ड मिला। 2014 में उन्हें नक्सल ऑपरेशन की बेहतर प्लानिंग व क्रियान्वयन करवाने पर डीजी डिस्क अवार्ड सीआरपीएफ के डीजीपी के द्वारा प्रदान किया गया। राजनांदगाँव ज़िले में भी उनके नेतृत्व में नक्सल अभियान में अच्छीसफलता मिली थी। उनके कार्यकाल में अलग अलग मुठभेड़ में 18 नक्सलियों के शव और कई हथियार बरामद हुए थे।

प्रशांत अग्रवाल जिस आईआईटी खड़गपुर से पढ़े हैं। उस आईआईटी खड़गपुर के द्वारा उन्हें प्रतिष्ठित यंग एल्यूमिनी अचीवर अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड कॉलेज अपने उन पूर्व छात्रों को देता है जो विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न करियर में सफल हुए हैं और नाम कमाया है।

बिलासपुर में एसपी रहने के दौरान साइबर ठगों से लोगों को बचाने के लिए जागरूक करने हेतु साइबर मितान अभियान चलाया गया था। इसमें एक सप्ताह में 7 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया गया। इस अभियान में लोगों ने बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया जिसके लिए उन्हें फिक्की स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवार्ड को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गोल्डन वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी स्थान मिला। बिलासपुर में एसपी रहने के दौरान कोरोना का प्रथम फेस व द्वितीय फेस प्रशांत अग्रवाल ने बेहतर प्रबंधन के साथ निपटाया। इस दौरान पुलिस लोगों को बाहर न निकलने के लिए जागरुक करते हुए घरों में ही रखने के लिए विभिन्न गतिविधियां करवाती थी। ऑनलाइन गेम व क्विज पुलिस अधिकारियों के द्वारा करवाए जाते थे। जरूरतमंदों को घर तक खाना पहुंचाने से लेकर दवाई पहुचाने व काउंसलिंग की व्यवस्था पुलिस में कर रखी थी। पैदल लौटने वाले प्रवासी प्रदेश वासियों को चप्पल बंटवाने से लेकर उनके लिए चप्पल व वाहनों की व्यवस्था पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने करवाई थी। पुलिस कर्मियों के कोरोना वैक्सीनेशन की व्यवस्था करवाने के अलावा फेक न्यूज़ से निपटने में भी प्रशांत अग्रवाल अग्रसर रहे थे।

जांजगीर से अपहृत बच्चे को बिलासपुर पुलिस ने प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में सुरक्षित रेस्क्यू किया था। प्रशांत अग्रवाल के बिलासपुर एसपी रहते ही बिलासपुर से विभाजित होकर गौरेला पेंड्रा मरवाही पृथक जिला बना था। वहां ओएसडी नियुक्त होने से पहले जरूरी तैयारी करवाना, बल व संसाधन उपलब्ध करवाना प्रशांत अग्रवाल ने किया था।

रायपुर एसएसपी रहने के दौरान वहां भी साइबर जागरूकता सप्ताह चला कर लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए जागरूक किया जाता था। पुलिस की इस मुहिम में बॉलीवुड के सितारों सहित कई नामी गिरामी लोग जुड़े थे। सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान भी प्रशांत अग्रवाल ने रायपुर में "सुनो रायपुर" चलाया था। इसके तहत बेतरतीब ट्रैफिक को नियंत्रित करने व सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाता था। सुनो रायपुर अभियान को एशिया एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स व इंडिया-बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में स्थान मिला था। वर्ष 2022 में आईजी- एसपी कांफ्रेंस के दौरान क़ानून व्यवस्था के बेहतर प्रबंधन के लिए रायपुर ज़िले को अव्वल माना गया था जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया था।

जीवन साथी:–

प्रशांत अग्रवाल का विवाह डॉक्टर रेणु अग्रवाल से हुआ है। डॉक्टर रेणु अग्रवाल एक दंत चिकित्सक हैं। अग्रवाल दंपत्ति के दो पुत्र अयान व विहान हैं।

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