IPS Bhoj Ram Patel Biography in Hindi: आईपीएस भोजराम पटेल का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस भोजराम पटेल?

IPS Bhoj Ram Patel Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: आईपीएस भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले है। आईपीएस बनने से पहले वे शिक्षक थे।

Update: 2024-06-28 09:56 GMT

IPS Bhoj Ram Patel

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एनपीजी। आईपीएस भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहने वाले है। गरीब किसान के घर जन्मे भोजराम पटेल ने शिक्षा कर्मी की नौकरी करते हुए यूपीएससी क्रैक की है। पुलिस में नए-नए इनोवेशन व कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए भोजराज जाने जाते है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईपीएस भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ही रहने वाले है। वह रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के तारापुर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 5 अगस्त 1983 को हुआ है। भोजराम पटेल एक गरीब किसान के बेटे हैं। भोजराम के पिता महेश राम पटेल केवल पांचवी तक पढ़े हैं। जबकि उनकी माता लीलावती निरक्षर है। शिक्षा और सरकारी नौकरी का उनके परिवार में किसी भी सदस्य का कोई दूर-दूर तक नाता रिश्ता नहीं था। गरीब परिवार में जन्मे भोजराम के पिता के पास केवल दो बीघा जमीन थी। उसी में खेती कर जो फसल होती थी उसी के सहारे भोजराम का परिवार किसी तरह जीवन यापन करता था।

अत्यंत गरीबी के अभाव में भोजराम का बचपन बीता। स्थिति तो यहां तक भयानक थी कि घर में अनाज की कमी होने पर भोजराम की मां सब्जी और दाल में तेज मिर्च डाल देती थी। ऐसा वह इसलिए करती थी कि पानी पी– पी कर पेट भर जाए और खाने की कम खपत हो। सरकारी स्कूलों से पढ़ाई कर भोजराम ने ग्रेजुएशन के लिए साइंस कॉलेज रायगढ़ में एडमिशन लिया और वहां से बीएससी किया।

शिक्षक की नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी:–

बीएससी के बाद भोजराज ने घर वालों पर आगे की पढ़ाई का भर नहीं डालने के लिए नौकरी की तलाश शुरू की। उनका चयन उस समय होने वाले शिक्षाकर्मी वर्ग–2 की भर्ती के लिए हो गया। शिक्षाकर्मी की नौकरी के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय आने जाने के दौरान भोजराम पटेल को यह पता चला कि अधिकारी क्या होते हैं और जिले में सबसे बड़े अधिकारी कौन-कौन है। भोजराम को पता चला कि इन बड़े अधिकारियों से मिलने के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेनी पड़ती है। जबकि यह अधिकारी अपने जीवन काल में नौकरी के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अलावा देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मिलते हैं। इसके बाद भोजराम ने इतने बड़े अधिकारी कैसे बनते हैं इसकी जानकारी जुटाई। तब उन्हें पता चला कि यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा से आईएएस, आईपीएस बना जा सकता है। नौकरी छोड़कर दिल्ली जाकर यूपीएससी की कोचिंग करना भोजराम के लिए आर्थिक रूप से बस की बात नहीं थी। जिसके चलते नौकरी करते हुए ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। दिल्ली से इसके लिए अपने दोस्तों से नोट्स मंगवा भोजराम पढ़ने लगे। स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई अच्छी तरह से करने के चलते उनके बेसिक्स तो कई विषय में स्ट्रांग थे ही और कई के लिए उन्होंने जमकर मेहनत की। इस तरह से शिक्षा कर्मी की नौकरी करते हुए भोजराम यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस के लिए सलेक्ट हुए।

प्रोफेशनल कैरियर:–

भोजराम ने 23 दिसंबर 2013 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात उनकी फील्ड ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर पहली पोस्टिंग आईपीएस के तौर पर राजधानी रायपुर जिले में हुई। रायपुर जिले में वह धरती मां रायपुर जिले में भोजराम धरसिंवा थाना प्रभारी बने। रायपुर के बाद वे दुर्ग में सीएसपी रहें। राज्यपाल के एडीसी अर्थात परिसर भी रहे। पुलिस अधीक्षक के तौर पर पहली पोस्टिंग उन्हें कांकेर जिले में मिली। भोजराम पटेल गरियाबंद, कोरबा और महासमुंद जिलों के पुलिस अधीक्षक भी रहे हैं। वर्तमान में भोजराम पटेल 15वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल बीजापुर के कमांडेंट है।

भोजराम पटेल इनोवेटिव व कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं। कोरबा एसपी रहने के दौरान भोजराम पटेल ने पुलिसकर्मियों को मिलने वाला साप्ताहिक अवकाश शुरू करवाया था। प्रदेश में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने वाला कोरबा पहला जिला बना था। भोजराम पटेल ने महासमुंद एसपी रहते ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’ कार्यक्रम चलाया था। इस कार्यक्रम के तहत साइबर फ्रॉडस के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था। इस कार्यक्रम के जरिए मात्र दो माह में ही 20 हजार से अधिक स्कूली बच्चों तक साइबर जागरूकता अभियान पहुंचाया गया। जिसके चलते इसने विश्व रिकॉर्ड बनाया और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इस अभियान का नाम दर्ज किया गया। छत्तीसगढ़ी राजभाषा को प्रमोट करने व बढ़ावा देने के लिए भोज राम पटेल ने छत्तीसगढ़ी में सॉन्ग रिलीज किया है। इसके अलावा कोरबा एसपी रहने के दौरान एसपी कार्यालय सभी थाना व चौकियों में रोजाना छत्तीसगढ़ी राजगीत "अरपा पैरी के धार" का गायन भोजराम पटेल द्वारा करवाया जाता था।

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